Spiritual Research: भारत में अवतरित हुए महापुरुष के बारे में नास्त्रेदमस की और अन्य भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां | Spiritual Leader Saint Rampal Ji

Spiritual Research: भारत में अवतरित हुए महापुरुष के बारे में नास्त्रेदमस की और अन्य भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां  | Spiritual Leader Saint Rampal Ji

नमस्कार दर्शकों, खबरों की खबर के हमारे इस खास/विशेष कार्यक्रम में आपका स्वागत है। हम सभी वर्तमान में जी रहे हैं, वर्तमान की चिंताओं में ग्रस्त हैं परन्तु कुछ ऐसे भी लोग हैं जो भविष्य में जीते हैं।  भविष्य के बारे में हर कोई जानना चाहता है परंतु जानने में असमर्थ होते है। भविष्य जानने के लिए हम अनेक ज्ञानियों व आचार्यो या पंडितो के पास जाते हैं परंतु वे हमें जिन ग्रहों के बारे में बताते हैं वो हमें समझ नहीं आते। एक पंडित से बात नहीं बनती तो दूसरे के पास जाते हैं। भविष्य बताने वालों का भी आज अच्छा खासा बिज़नेस चल रहा है, मोटी कमाई कर रहे हैं। ऐसे में अगर बात करें कि क्या आजतक किसी ने भी लोगों के कल्याण के लिए विश्व के भविष्य के विषय मे निःस्वार्थ भाव से कोई भविष्यवाणी की है? तो इसका उत्तर बहुत ही सरल और स्पष्ट है।


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इस कायनात को रचने वाला परमात्मा हम जीवो को अलग-अलग प्रतिभाओं से नवाजता है।। किसी को खेलो में प्रवीणता देता है तो किसी को कुशल डॉक्टर बनाता है।। कोई कलाकार बनाता है तो कोई अपने हाथ की कला से मशहूर लेखक।। परमात्मा किसी को अभिनय कौशल से नवाजता है तो किसी को कुछ नया खोजने की क्षमता के साथ।। इनके साथ-साथ परमात्मा कुछ लोगो को भविष्य देखने की दृष्टि देता है, जिससे वो आगे आने वाले समय को चलचित्र की भांति देख लेते है और वर्तमान में उसका वर्णन करते है जिसे हम भविष्यवाणी के नाम से जानते है।


ये प्रतिभा कुछ ही पुण्यकर्मी आत्माओं में होती है जिससे वो आने वाले समय मे होने वाली घटनाओं को वर्तमान में महसूस कर पाते है। ऐसी ही करिश्माई प्रतिभा के धनी थे फ्रांस के नास्त्रेदमस, वेगेलेटिंन, बोरिस्का, प्रोफेसर हरारे, जीन डिक्सन, फ्लोरेंस, जयगुरुदेव पन्थ के तुलसीदास जी के साथ साथ और भी बहुत हैं जो भविष्य देखने मे इतने सक्षम थे कि उनकी हर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध होती रही है। इन सभी भविष्यवक्ताओं के बारे में एक रोचक तथ्य यह है कि विश्व के अलग-अलग क्षेत्र से, अलग-अलग समय काल से होने के बावजूद इन सभी ने अपनी भविष्यवाणियों में भारत को प्रयत्क्ष -अप्रत्यक्ष रूप में अवश्य शामिल किया हैं वो भी तब, जब इनमें से ज्यादातर भविष्यवक्ता भारत से किसी भी तरह संबंधित नही थे।


ये बात वास्तव में रोंगटे खड़े कर देने वाली है कि आखिर ऐसा क्या है कि सभी ने भारत को अपनी भविष्यवाणी में शामिल किया है।


कहीं आने वाले समय में भारत देश पर कोई खतरा तो नहीं? या फिर- आने वाला समय भारत देश के लिए बहुत शुभ है? आखिर ऐसा क्या होगा भारत देश में जिस कारण हर भविष्यवक्ता अपनी भविष्यवाणी में भारत का जिक्र कर चुका है???

तो आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या कहा उन महापुरुषों ने अपनी भविष्यवाणी में। इन सभी भविष्यवक्ताओं ने निःस्वार्थ भाव से विश्व कल्याण के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण भविष्यवाणी की है।


सभी भविष्यवक्ताओं के अनुसार 20वी सदी के उत्तरार्ध व 21वी सदी के आरंभ में भारत महान परिवर्तन का केंद्रबिंदु बनेगा। आप सभी सोच रहे होंगे भारत मे होने वाला परिवर्तन विश्व कल्याण का कारण बनेगा या विश्व विनाश का?


इसे अच्छे से समझने के लिए जरूरी है कि हम इन सभी महापुरुषों द्वारा की गई भविष्यवाणियों पर एक नज़र डालें.... फ्रांस के महान भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस जी अप्रत्यक्ष रूप से भारत का वर्णन करते हुए कहते है कि तीन और से सागर से घिरे देश, जिसका नाम एक महासागर के नाम पर होगा यानी हिंदुस्तान के ऐसे प्रांत में जहां पांच दरिया बहती है वहां एक ऐसे महापुरुष का जन्म होगा जो विश्व की प्रचलित मान्यताओं को बदल कर एक ऐसी आध्यात्मिक क्रांति लाएगा जिसके आगे सबको नतमस्तिक होना पड़ेगा। उसकी माताए तीन बहने होंगी। व उसकी चार संतान होंगी।


इनकी भविष्यवाणी से स्पष्ट होता है कि यहाँ भारत का वर्णन आने वाले किसी महापुरुष के कारण किया गया है जिसके कारण विश्व मे आध्यात्मिक क्रांति आएगी। तैयार जानते है हमारे अन्य भविष्यवक्ता भारत का वर्णन किस विषय मे करते हैं- भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस जी की भविष्यवाणी का समर्थन करते हुए अमेरिका की रहने वाली महान भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने कुछ इस तरह कहा है कि भारत के एक पवित्र स्थान पर विराजमान बिना दाढ़ी मुछ के उस महापुरुष की दिव्य शक्ति से तीसरा विश्व युद्ध सदा सदा के लिए टल जाएगा व अध्यतामिकता की उच्चता एक बार फिर से पूरे विश्व मे स्थापित होगी।

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लगता है ये सभी भविष्यवक्ता भारत मे आने वाले बदलाव को लेकर बहुत ही उत्सुक थे। और उस बदलाव को लाने वाले महापुरुष का रह रहकर जिक्र किया करते थे। चलिए आगे बढ़ते हुए अन्य भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी सुनते हैं-  प्रसिद्ध भविष्यवक्ता कीरो व वेगेलेटिंन ने भी अपनी पुस्तको में 20वी सदी के उत्तरार्ध में जन्मे संन्त के बारे में जिक्र किया है कि भारत मे जन्मा वह संन्त सम्पूर्ण विश्व मे ज्ञान की क्रांति लायेगा। व कम होते आपसी भाईचारे को पुनः स्थापित करेगा।


कुछ ऐसा ही कहा है अमेरिकी भविष्यवक्ता जीन डिक्सन व एंडरसन ने कि एक ग्रामीण भारतीय महापुरुष के नेतृत्व में भाईचारे, उदारता , प्यार ,सदाचार  आधारित एक नई सभ्यता का जन्म होगा जो पूरे विश्व पर छा जाएगी।इन्ही सब भविष्यवाणियों का समर्थन इजराइल के प्रोफेसर हरार ने भी किया है। नॉर्वे के प्रसिद्ध आनदाचार्य ने भी कहा है कि ग्रामीण भारतीय महापुरुष के नेतृत्त्व में एक अध्यतामिक संस्था भारत मे प्रकाश लाएगी जिसके नेतृत्व में भारत सम्पूर्ण विश्व का केंद्र बनेगा और भारत विश्व विजेता बनेगा।


ये तो भविष्यवाणी की भारत देश के बाहर के भविष्यवक्ताओं ने। अब जानते हैं विश्व भलाई के लिए भारत मे रहने वाले किन महापुरुषों ने भविष्यवाणी की है। भारत के जयगुरुदेव पंथ के प्रवर्तक सन्त तुलसी दास जी ने कहा है कि उत्तरी भारत के किसी ग्रामीण परिवार में जन्मा महापुरुष विश्व मानव इतिहास का सबसे महानतम व्यक्ति बनेगा और वो नए सिरे से विधान बनाएगा जो सभी देशों पर लागू होगा। उसका एक झंडा होगा उसकी एक भाषा होगी।

इन्होंने अपनी वर्तमान वाणी यानी 7 सितंबर 1971 में बताते हुए ये सिद्ध भी किया है कि अब वो महापुरुष 20 वर्ष का हो चुका है। यानी उस महापुरुष का जन्म 7 सुतम्बर 1971 से 20 वर्ष पूर्व अर्थात 8 सितंबर 1951 को हुआ था जिससे 7 सितंबर 1971 को वो पूरा 20 वर्ष का हो चुका था। 


गुरु नानक देव जी की भाई बाले वाली जन्म साखी में भी वर्णन है कि नानक देव जी के सैंकड़ो वर्षो के बाद जाट जाति में जन्मा  सन्त ,कबीर जी व नानक देव जी तरह ही दिव्य शक्ति युक्त होगा और उसके अलावा यहाँ कोई नहीं आएगा जहाँ नानक जी और कबीर जी पहुंच चुके हैं। उसका प्रचार क्षेत्र बरवाला होगा। इन सभी भविष्यवक्ताओं के अनुसार भारत मे जन्म लेने वाला महान संत पूरे विश्व मे आध्यात्मिक क्रांति लाएगा और भारत को फिर से सोने की चिड़िया बना देगा। उसके द्वारा लायी आध्यात्मिक क्रांति से विश्व फिर से एक होगा। उसका एक झंडा होगा और एक ही भाषा होगी।


इस तरह हमने पाया कि सभी भविष्यवक्ता भारत व उस भारतीय महापुरुष की और संकेत कर रहे है जिसके तत्वज्ञान से पूरा विश्व एक होगा। इन भविष्यवानीओ के आधार से हमने तथाकथित महापुरुषों, सन्तो व आचार्यो को देखा और इन भविष्यवानीओ से उनकी तुलना की और उनमे एक ऐसा सन्त पाया जिसपर ये सभी भविष्यवाणियां खरी उतर रहीं थी। कहते है हाथी का वस्त्र हाथी पर ही फिट हो सकता है बैल पर नही। अर्थात जिसके लिए भविष्यवाणी की गई है ये सभी भविष्यवाणी उसी महापुरुष पर फिट बैठ सकती है अन्य पर नही।


भविष्यवाणियों के कुछ बिंदु जैसे -

◆ वो दिल्ली मंडल में होगा।

◆ वो उस क्षेत्र से होगा जिस क्षेत्र में पांच नदिया बहती होगी।

◆ जाट जाति से होगा।


इन तीन बिंदुओं से ही काफी हद तक तस्वीर नज़र आने लगी व बहुत से महापुरुषों का दावा इन्ही बिंदुओं के आधार पर खारिज हो गया। फिर आगे चलते हुए-


◆ उसका जन्म 8 सितंबर 1951 को होगा।

◆ उनकी माताए तीन बहने होगी।

◆ वह ग्रामीण परिवार में होगा। 

◆ उस महापुरुष की चार सन्तान होंगी।


इन बिंदुओं से सभी संशय दूर हो गए, शंका की कोई गुंजाइश ही नही रही। जब ये सारे लक्षण किसी महापुरुष पर खरे उतरते हैं तो उतेजना बढ़ जाती है की ऐसा कौन है जो सम्पूर्ण विश्व का उद्धारक है? अब वक्त है इस रहष्य से भी पर्दा उठाने का।


वो महापुरुष कोई और नही बल्कि जगतगुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज हैं जिनपर ये सभी भविष्यवाणियां खरी उतरती हैं। हिंदुस्तान की इस पावन धरती पर अवतरित हुए वे, वो महान संत हैं जिनके नेतृत्व में समाज बदल रहा है, आध्यात्मिकता का उत्थान हो रहा है, सत्य ज्ञान का प्रकाश हो रहा है। ये वही जाट जाति में जन्मे संन्त है जिनकी माताए तीन बहने है, जिनकी दो पुत्र ,दो पुत्रियां रूप में 4 सन्तान है, जिनका जन्म दिल्ली मंडल के उस राज्य में हुआ जहां पांच दरिया बहती है जिसे पंजाब कहा जाता है। सन 1966 से पहले हरियाणा पंजाब प्रान्त में ही था। और सन्त रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत में हुआ था। उनका प्रचार क्षेत्र बरवाला रहा है।


कबीर साहेब जी द्वारा बताए गए 12वे पंथ में आने वाले महापुरुष सन्त रामपाल जी महाराज ही हैं जो सत्यज्ञान का प्रचार कर सत्यभगति दृढ़ करने के लिए इस धरती पर अवतरित हुए है। अन्य प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी भी इन्ही पर खरी उतरती हैं। यदि भविष्यवाणियों से हटकर हम उनके मिशन को जानने की कोशिश करेंगे तो ये बात और पुख्ता हो जाएगी कि वही आज तक के सबसे बड़े समाज सुधारक व विश्व विजेता सन्त हैं।


वर्तमान में सन्त रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दहेज मुक्त विवाहो का आयोजन किया जा रहा है। उनके द्वारा दी गयी सत्यभगति से उनके साधको के भयंकर से भयंकर कष्ट समाप्त हो रहे है। भविष्यवाणियों को सही सिद्ध करता उनका तत्वज्ञान अद्भुत है, अकाट्य है और इसी आधार पर इन्होंने विश्व के सभी धगुरुओ को नतमस्तक किया है। उन्होंने ही गिरती आध्यात्मिकता को पुनः समाज में स्थापित किया है।


लेकिन ये भी इस धरा की विडंबना ही रही है कि महापुरुषों के संघर्षों के दौरान हम आम समाज या तो केवल मूक दर्शक बना देखता रहा या फिर उनके रास्ते मे अवरोध पैदा किये। यही बात अभी भी दोहराही जा रही है। संन्त रामपाल जी ही इस विश्व के उद्धारक है इसका प्रमाण दर्जनों भविष्यवक्ताओं ने अपनी भविष्यवाणी में दिया है जो न तो भारत से ही किसी प्रकार संबंधित थे, न संन्त रामपाल जी के समय काल से थे। आज हमें उनके ज्ञान को समझकर अपने कल्याण के बारे में सोचना चाहिए। क्योंकि संतो के रहते रहते उनके आशीर्वाद रूपी फल से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। तो देर मत कीजिये, वो महापुरुष आज हम सबके बीच मौजूद है उन्हें पहचानो और ज्यादा वक्त ज़ाया किये बगैर उस महापुरुष की शरण मे आकर अपना कल्याण करवाओ



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