Ram Navami in Hindi: Spiritual Research: रामनवमी 2021 पर जानिए आदि राम कौन है?

Ram Navami in Hindi: नमस्कार दर्शकों ! "खबरों की खबर का सच " के इस कार्यक्रम में आपका बहुत बहुत स्वागत है। आज हम आपके लिए "Ram Navami in Hindi से जुड़ी जानकारी लेकर आये हैं।
हम सभी को ये तो पता  है कि तीन लोक के भगवान श्री हरि अर्थात भगवान विष्णु जी श्री रामचन्द्र जी के रूप में त्रेता युग मे माता कौशल्या के गर्भ से जन्में। उनका इस तरह अवतार धारण करने का उद्देश्य मृत्यु लोक में बढ़ रहे अधर्म व अत्याचारों का विनाश करके धर्म की स्थापना करना था। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन श्री राम चन्द्र जी पृथ्वी पर श्री विष्णु जी का अवतार धारण करके कौशल्या जी के गर्भ से जन्मे थे। दिव्य लक्षणों से युक्त श्री राम चन्द्र जी के जन्म दिन को पवित्र दिन माना जाता है जिस कारण से हर साल इस दिन को हिन्दू धर्म में राम नवमी के रूप में बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है।

Ram Navami in Hindi


दोस्तों अब शुरू करते है पड़ताल जैसा कि ऊपर बताया गया राम चन्द्र जी के जन्मदिन पर रामनवमी मनाई जाती है। तो आपको जानकर हैरानी होगी कि वेदों में प्रमाण है कि परमेश्वर कभी माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेता। तो अब सोच रहें है कि क्या दशरथ पुत्र राम चन्द्र जी का परमात्मा नहीं है ?

इसके लिए कबीर साहेब जी ने कहा है कि


एक राम दशरथ घर डोले, एक राम घट घट में बोले।

एक राम का सकल पसारा, एक राम है जग से न्यारा।।


फिर कबीर साहेब ने बताया है कि 


राम राम सब जगत बखाने ,आदि राम कोई बिरला जाने।


इससे स्पष्ट है कि दशरथ पुत्र राम से अन्य  कोई और परमेश्वर है जिसे आदि राम कहते हैं। असली राम कौन है उसके लिए हमारी ये Report देखिए।



Fact And Proof


1• दशरथ पुत्र राम ही भगवान है। - दशरथ पुत्र राम विष्णु के अवतार है ,जो  केवल तीन लोक के भगवान है । 


2• रामचन्द्र ही पूर्ण परमात्मा हैं।- वेदों में रामचंद्र जी का ज़िक्र भी नहीं है वेदों के अनुसार पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी हैं।


3• राम चन्द्र जी ने समुद्र पर पुल बना दिया था।- लंका जाते समय समुद्र पर पुल नल नील के गुरु मुनींद्र ऋषि ने बनाया था , रामचंद्र जी ने तो 3 दिन तक समुद्र से रास्ता मांगा  रास्ता जब नहीं मिला तो समुद्र को फूंकने के लिए अग्नि वाण उठा लिया फिर समुद्र देवता ने रामचंद्र जी को नल नील के बारे में बताया फिर नल नील के माध्यम से मुनींद्र ऋषि ने निकट पर्वत के पत्थरों को अपनी शक्ति से हल्का कर दिया था इस तरह समुद्र पर पुल बना ।मुनींद्र ऋषि जी ही त्रेता युग मे पूर्ण परमात्मा के रूप में उपस्थित थे।


4• रामचंद्र जी ने कई राक्षसों का अंत किया इसलिए वही भगवान है।- विष्णु के जो भी अवतार होते हैं वो सब ब्रह्म के द्वारा पहले से ही निर्धारित होते हैं वो वैसा ही करते है।


5• राम चंद्र जी जगत के उद्धार के लिए पृथ्वी पर आए थे। - विष्णु जी को नारद का श्राप लगा था उसको भोगने के लिए विष्णु जी रामचंद्र के रूप में आना पड़ा और पत्नी के वियोग में अपना सारा जीवन व्यतीत किया।


6•  रामचंद्र जी हमारे पापों को नष्ट कर देते हैं।- रामचंद्र जी अपने स्वयं के पाप को नष्ट नहीं कर पाए त्रेतायुग में बाली को छुपकर मारा था जिसका पाप भोगने के लिए द्वापर में शिकारी के वाण का शिकार होकर चुकाना पड़ा। 


7• राम चंद्र जी ने सबरी और अहिल्या का कल्याण किया।- रामचंद्र जी उर्फ विष्णु जी अपने भक्तों को केवल स्वर्ग तक पहुंचा सकते है स्वर्ग से ऊपर, ब्रह्म लोक है, ब्रह्म लोक से ऊपर सतलोक है जिसे सनातन अविनाश शास्वत स्थान बोला गया है वहाँ केवल पूर्ण परमात्मा की भक्ति से ही जाया जा सकता है स्वर्ग में गए हुए प्राणी पुनः वापिस आते हैं।


8•  रामचंद्र जी मर्यादा पुरूषोत्तम और न्यायकारी थे।- राम जी सीता जी की अग्नि परीक्षा लेने के बाद अयोध्या लाये फिर  एक धोबी के कहने से गर्भवती पत्नी को जंगल मे छोड़ दिया ।  आज के समय मे किसी के कहने से कोई अपनी नेक और पवित्र पत्नी को जंगल मे छोड़ दे तो क्या आप उसको मर्यादा पुरुषोत्तम और न्यायकारी कहेंगे आप खुद सोचिए?

 


दोस्तों ऊपर बताए गए Fact and प्रूफ से आप समझ गए होंगे कि भगवान राम पूर्ण परमात्मा नही है और न हमारे दुखों का समापन कर सकते हैं  तो अब सवाल आता है कि क्या पूर्ण परमात्मा हमारे सभी कष्टों का निवारण कर सकता है और हमे मोक्ष प्रदान कर सकता है??


गीता जी अध्याय 15 के श्लोक 17 में उस परमेश्वर का वर्णन है जो पूर्ण परमात्मा है, पूर्ण ब्रह्म है, जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करता है, वो अविनाशी परमात्मा है।

वेदों में उस परमेश्वर की महिमा करते हुए उसका नाम वर्णित किया गया है। वह परमेश्वर कविर्देव है।

जगतगुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज जी विश्व मे एकमात्र ऐसे सन्त हैं जो पूरे विश्व के सभी धर्मों के धर्म ग्रंथो से तत्वज्ञान लोगों तक पहुंचा रहे हैं। एक एक सद्गरतन्थ खोल खोलकर दिखा रहे हैं। ये तत्वज्ञान जो आजतक किसी ने नहीं बताया सन्त रामपाल जी महाराज जी ने प्रमाणों सहित जनता के सामने रख दिया है। अब जनता के हाथ मे है इसे परखे और सही और गलत का भेद करके सही भक्ति मार्ग चुनकर अपना जीवन सफल करे और मोक्ष करवाएं। 


गीता जी अध्याय 15 के श्लोक 16 व 17 में मुख्य तीन प्रभुओं का वर्णन है। क्षर पुरुष, अक्षर पुरुष और परम अक्षर पुरुष। इस लोक में क्षर पुरुष अर्थात काल और परम अक्षर पुरुष अर्थात कविर्देव जी का मुख्यतः अभिनय है। जब जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है, तब तब कोई न कोई अवतार अवतरित होता है जो अधर्म का नाश करके धर्म की स्थापना करता है।

परन्तु इन अवतारों में और इनकी लीलाओं में बहुत अंतर होता है। मुख्य रूप से पृथ्वी पर दो तरह के अवतार अवतरित होते हैं, एक काल के और दूसरे दयाल के यानी परम अक्षर पुरुष अर्थात कविर्देव जी के।  काल के अवतार अधर्म का नाश अधर्मी लोगो को मारकर करते हैं। जबकि पूर्ण परमात्मा के अवतार तत्वज्ञान रूपी शस्त्र से अधर्म का नाश करके धर्म की स्थापना करते है।

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ऐसे ही अब तक काल के जितने भी अवतार हुए उन सभी ने हिंसा का सहारा लेते हुए धर्म की स्थापना की जबकि परमेश्वर के अवतार तत्वदर्शी सन्तो ने तत्वज्ञान का प्रचार करके अधर्म का विनाश किया। 

इसी प्रकार आज भी इस पृथ्वी पर अधर्म का विनाश करने के लिए परम अक्षर पुरुष के अवतार के रूप में जगतगुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज जी अवतरित हुए हैं जो अपने तत्वज्ञान से अधर्म का नाश कर रहे हैं और धर्म को बढ़ा रहे हैं।

उन्ही महापुरुष के द्वारा बताए तत्वज्ञान से पूर्ण परमात्मा के विषय मे जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यदि आप भी अपना कल्याण करवाकर जीवन सफल करना चाहते हैं तो तत्वदर्शी सन्त की शरण मे जाकर उनसे नाम लेकर ज्ञान समझकर अपना मोक्ष करवा सकते हैं। अतः आप से निवेदन है कि जगतगुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज जी की शरण मे आये और अपना कल्याण करवाएं

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