नमस्कार स्वागत है आप का Spiritual Leader Saint Rampal JI Maharaj जी के Official Blogger Account में. आज हम आपको बताएँगे की कैसे अनावश्यक दान बन सकता हैं नाश का कारण!, जानने के लिए ब्लॉग को पूरा अवश्य पढें
अनावश्यक दान करने से कोई लाभ नहीं हैं
कहीं पर और किसी को दान रूप में कुछ देने से कोई लाभ नहीं है। न पैसे, न बिना सिला हुआ कपड़ा आदि कुछ नहीं देना चाहिए। यदि कोई दान रूप में आपसे कुछ मांगने आए तो उसे खाना खिला दो, चाय, दूध, लस्सी, पानी आदि पिला दो, पहने हुए कपड़े दे दोनों, परंतु पैसा कुछ भी नहीं देना है। क्योंकि न जाने वह भिक्षुक उस पैसे का, उस बिना सिले कपड़े का क्या दुरूपयोग करे। मैंने देखा है जो इन पंडितों को कपड़े देते हैं दान रूप में वहीं उसे आगे कम दाम में पड़ोस में बेच देते हैं।
ऐसे होता है आपके दान का दुर्पयोग
जैसे एक भिखारी ने किसी व्यक्ति को अपनी झूठी कहानी बना कर सुनाई। जिसमें उसने कहा कि मैं गरीब हूं मेरे बच्चे ईलाज के लिए तड़फ रहे हैं। कुछ पैसे देने की कृपा करें। यह बात सुनकर उस सज्जन ने भावनावस होकर 100 रु दे दिए। वह भिखारी जहां रोज पाव शराब पीता था, उस दिन उसने आधा बोतल शराब पीया और घर जाकर अपनी पत्नी को पीट डाला। रोज़ की मार से दुखी होकर उसकी पत्नी ने बच्चों सहित आत्म हत्या कर ली।
आप द्वारा किया हुआ वह दान उस परिवार के नाश का कारण बना गया। यदि आप चाहते हो कि ऐसे दुःखी व्यक्ति की मदद करें तो उसके बच्चों को डॉक्टर से दवाई दिलवा दें, पैसा न दें।
कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान। गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, पूछो वेद पुरान।।
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