सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
मुख्य बिन्दु जिन पर आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेगा
1. आप बीती (लोगो की दुख भरी कहानियाँ)
2. प्रेरणा (संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की)
3. बदलाव ( नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी)
4. अनुभव (नाम लेने से पहले और बाद का)
5. समाज को संदेश
6. सारांश
सोमबीर सिंह अहलावत (Sombir Singh Ahlawat) जी की आपबीती
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश 5 जून 2012 को लिया। मेरी बड़ी भाभी ने संत रामपाल जी महाराज जी से सन् 2000 में उपदेश ले रखा था। मैं बहुत नीच आत्मा था जो मैं अपनी भाभी को गाली देता था। बहुत गलत बोलता था। वह मुझे संत रामपाल जी महाराज जी की शरण मे आने के लिए बहुत बोलती थी। कहती थी कि संत जी की शरण मे आ जाओ वरना बहुत बुरा हाल होगा। लेकिन मैं एक नहीं सुनता था।
हमारे गांव के पास ही करौंथा आश्रम था। इसके खिलाफ सभी हो जाते थे। आर्य समाज ने भी बहुत ही परेशान कर रखा था। मैंने सन् 2006 में भाभी का सिर भी फोड़ दिया था, बहुत मारा था। लेकिन कुछ नहीं बोला भाभी ने और मेरी पत्नी को लेकर गई। संत रामपाल जी महाराज जी की दया से मेरी पत्नी ने उपदेश लिया और मुझे भी समझाती रही। 2 साल तक मेरे साथ संघर्ष किया। फिर मैंने सन् 2012 बरवाला आश्रम में संत रामपाल जी महाराज से उपदेश लिया।
नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
संत रामपाल महाराज जी पूर्ण गुरु हैं जो सभी शास्त्रों में प्रमाण बताकर भक्ति बता रहे हैं। आर्य समाज की पोल भी संत रामपाल जी महाराज जी ने खोल दी है। परमात्मा निराकार नहीं बल्कि साकार है। आज यदि कोई सच्चा गुरु है तो वह संत रामपाल जी महाराज जी हैं, जिनके द्वारा बताई गई भक्ति से सभी दुःखों का अंत होता है।
मेरा समाज को सन्देश
मैं भक्त समाज को संदेश तो नहीं दे सकता पर प्रार्थना कर सकता हूँ कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति सत्य है। उनका सत्संग सुने, किताबें पढ़ें और उपदेश लेकर अपना कल्याण करायें। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेना बहुत आसान है। संत रामपाल जी महाराज जी के जितने भी टीवी चैनल पर सत्संग आते हैं। सत्संग के दौरान नंबर दिए जाते हैं। आप उन नंबर पर संपर्क करें और अपने नजदीकी नामदान सेंटर का पता करके आप वहां जाकर निःशुल्क नाम दीक्षा ले सकते हैं।
सारांश
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।
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