संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।
सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
मुख्य बिन्दु जिन पर आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेगा
1. अनिता कुमारी (Anita Kumari) जी की आपबीती
2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
3. नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आये बदलाव
4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
5. मेरा समाज को संदेश
6. सारांश
अनिता कुमारी (Anita Kumari) जी की आपबीती
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा उनके सत्संग सुनकर हुई। एक दिन मेरे भैया ने टीवी चलाया तो एक चैनल पर संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग आ रहा था। हमने 5-10 मिनट का सत्संग सुना और हम उनके सत्संग से बहुत प्रभावित हुए। वे बहुत अच्छी-अच्छी बातें बता रहे थे।
हमें पता भी नहीं था कि कौन से टीवी चैनल पर उनका सत्संग आता है, किस समय सत्संग आता है। उस दिन तो सत्संग खत्म हो गया फिर अगले दिन जब हमने देखा तो हमें पता नहीं था कौन से टीवी चैनल पर सत्संग आएगा। फिर दो-तीन दिन ऐसे ही चले गए। रोज टीवी चैनल बदल-बदल कर देखते थे। एक दिन शाम को 7:30 बजे फिर से वही चैनल लगा, जिस पर संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग आ रहा था। फिर हमने समय और टीवी चैनल दोनों नोट कर लिए। फिर हमने लगातार एक साल तक संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुना। पहले हम जयगुरुदेव में थे तो इतना ज्ञान नहीं था।
संत रामपाल जी महाराज पवित्र गीता, चारों वेद, 18 पुराण सभी पवित्र शास्त्रों को खोल-खोल कर दिखाते हैं। पहले हमें कुछ भी ज्ञान नहीं था फिर जब संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुना तो तब पता चला कि सृष्टि रचना कैसे हुई, ब्रह्मा, विष्णु व महेश से भी ऊपर अन्य परमात्मा हैं उसकी भक्ति करनी चाहिए। फिर हमें धीरे-धीरे पूरा ज्ञान हो गया और उसके बाद हमने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले ली।
नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश देने के बाद हमें बहुत सारे लाभ मिले। नाम दीक्षा लेने के बाद से ही हमें लाभ मिलना शुरू हो गए। जब मुझे प्रथम मंत्र मिला तो प्रथम मंत्र की भक्ति से ही मेरे शरीर के सारे रोग ठीक हो गए। संत रामपाल जी महाराज जो मंत्र बताते हैं उस मंत्र में इतनी शक्ति है कि उस से शारीरिक रोग बिल्कुल ठीक हो जाते हैं।
एक बार मेरे भैया का एक्सीडेंट भी हो गया था उस एक्सीडेंट को देखने पर लग रहा था कि कोई जिंदा नहीं बचेगा। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की दया से उन्हें एक खरोच तक नहीं आई। मेरे माता पिता को दोनों घुटनों में दर्द रहता था, वह चल भी नहीं पाते थे लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी की दया से उनका दर्द भी बिल्कुल ठीक हो गया और मेरी माता जी को भूत प्रेत की भी समस्या थी। सब लोग बोलते थे कि यह तो डायन है सबको खाती है लेकिन जब से संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लिया है। उनकी भूत-प्रेत की बाधा भी बिल्कुल ठीक हो गई, आज वह बिल्कुल स्वस्थ हैं। संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने के बाद ही हमारे घर में सुख-शांति आई हैं। सब लोग अच्छे से रह रहे हैं। आज किसी तरह की कोई टेंशन नहीं है।नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
मेरा समाज को सन्देश
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