कबीर को भगवान मानना इतना कठीन क्यों है? और क्यों है कबीर ही भगवान? | Spiritual Leader Saint Rampal Ji

आज की इस spiritual research में हम बात करेंगे कबीर साहेब जी को पहचानना और उनको भगवान मानना इतना आसान क्यों नहीं हैं?

कबीर साहेब जी को पूर्ण परमात्मा सिद्ध करते हमारे सद्ग्रन्थों के प्रमाण, जो विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं, ऋषियों , मंडलेश्वरों को गवारा नहीं हुए और उन धर्म के ठेकेदारों के प्रति हमारी आस्था के कारण वर्तमान में भी कबीर साहिब जी को भगवान मानना हमारे लिए मुश्किल हो रहा है । कहते है कि कई सालों से  किसी दीवार पर एक ही रंग चढा हो और उसे बदलने का प्रयास किया जाए तो न जाने कितनी अलग अलग प्रक्रियाओं का सहारा लेना पड़ेगा।

ठीक वैसे ही हमारे बुजुर्ग कई  सैकड़ो सालों से ब्रह्मा विष्णु महेश को ही भगवान मानते आये हैं और यह बात हमारे जहन में भी निर्विवादत:स्थापित हो गई है इसलिए अब कोई हमें ये कहे कि ये तीनों देवता भगवान नहीं हैं , भगवान तो कबीर साहेब हैं तो ये बात  गले नहीं उतरती। लेकिन क्या कारण रहा कि स्वयं को वेदों के मर्मज्ञ मानने वाले ऋषि महर्षि भी कबीर जी को पूर्णब्रह्म सिद्द करने वाले वेदों के प्रमाणों को देख नहीं पाए।

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Spiritual research में हम खोजने का प्रयास करेंगे उन कारणों को जिनकी वजह से कबीर साहिब को परमात्मा मानना दुर्लभ हो गया। आज तक आपको इस सच्चाई से दूर रखा गया कि कबीर साहेब ही भगवान है जिसकी गवाही हमारे पवित्र सतग्रन्थ देते हैं। 


हमें सिर्फ यही बताया गया कि ब्रह्मा विष्णु महेश ही भगवान है और ये जब पृथ्वी पर आते हैं तो अपने चमत्कारों के माध्यम से बुराई का नाश करते हैं जिससे लोग यह मान बैठते हैं कि यह वास्तव में भगवान हैं। जबकि हमारे पवित्र शास्त्रों में इस बात का प्रमाण है कि ब्रह्मा विष्णु पूर्ण परमात्मा नहीं है इनका जन्म और मरण होता है। और जब ब्रह्मा विष्णु महेश पृथ्वी पर आते हैं तो इनका जन्म मां के गर्भ से होता है।


वहीं दूसरी तरफ हमारे पवित्र शास्त्र यह सर्व सिद्ध करते हैं कि कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है। उनका जन्म मरण नहीं होता। वह अजर अमर है।  

कबीर परमात्मा सशरीर प्रकट होते है

ऋग्वेद, मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में यह उल्लेख किया गया है कि पूर्ण परमात्मा एक शिशु के रूप में इस पृथ्वी पर प्रकट होते हैं। किसी माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते। कबीर परमात्मा ने अपनी अमर वाणी में भी यह प्रमाण दिया है कि वह किसी मां के गर्भ से जन्म नहीं लेते, वह इस पृथ्वी पर जीव कल्याण के लिए प्रकट होते है। 


कबीर सागर में अगम निगम बोध के पृष्ठ 34 पर लिखा है:- 


जो माता से जन्मा वह नहीं इष्ट हमारा।। राम मरै कृष्ण मरै विष्णु मरै साथै जामण हारा।।

तीन गुण हैं तीनों देवता, निरंजन चौथा कहिए। अविनाशी प्रभु इस सब से न्यारा, मोकूं वह चाहिए।।

पांच तत्त्व की देह ना मेरी, ना कोई माता जाया। 

जीव उदारन तुम को तारन, सीधा जग में आया।।


पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही है। जिसका प्रमाण सभी स्तग्रन्थों में मिलता है।

प्रमाण के लिए देखे:-  

श्री गुरु ग्रंथ साहिब- 

पृष्ठ नंबर 24 राग सिरी महला पहला  पे गुरू नानक देव जी ने भी बताया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही है।


हक्का कबीर करीम, तू बेऐब परवरदिगार । 

नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरा पखांक।।



पवित्र कुरान शरीफ भी यह बताती है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है।

सूरत फुरकानी 25  आयत नम्बर 52,58,59 ।


बाइबल में भी यह प्रमाण मिलता है कि कबीर साहेब ही Supreme God है अय्यूब 36:5   (ओर्थोडोक्स यहुदी बाइबल :OJB)।


और सबसे अचरज की बात तो यह है कि वर्तमान में जितने भी कबीरपंथी हैं वह भी कबीर साहेब को सतगुरु ही मानते हैं पूर्ण परमात्मा नहीं मानते। सच्चा कबीर पंथ संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में संचालित हो रहा है जो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के वास्तविक तत्वज्ञान को बताते हैं। 

संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी सत ग्रंथों व उन महापुरुषों की अमृतवाणियों से यह सिद्ध करके बताया है कि कबीर साहिब जी.पूर्ण परमात्मा है लेकिन हम उनको भूले बैठे हैं। वर्तमान में लोग इतनी ज्यादा अंधश्रद्धा भक्ति कर रहे हैं कि पत्थर से लेके गोबर तक को भगवान मान बैठे हैं लेकिन कबीर साहेब को भगवान नहीं मानते।

धर्मगुरुओं द्वारा बताए गए अज्ञान के कारण लोग आज शिक्षित होकर भी पत्थर, तुलसी, पीपल, गोबर , नाग देवता सब को भगवान मान लेते हैं लेकिन उनके लिए कबीर साहेब को भगवान मानना कठिन हो रहा हैं।

आज लोगों की आस्था अंधश्रद्धा भक्ति में इतनी ज्यादा हो गई है कि वो भगवान को खोजने सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करके खाटूश्याम, वैष्णोदेवी, अमरनाथ, रामदेवरा, मथुरा व अन्य तीर्थ स्थानों पर जा सकते है लेकिन अगर उनको यह कह दे कि कबीर साहिब भगवान है अपने शास्त्रों में इसका प्रमाण है तो भी यह बात मानने को तैयार नहीं होते।


जबकि वास्तविकता यही है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है। आज तक सब यही कहते आ रहे है, कि सबका मालिक एक है। लेकिन वो है कौन, ये किसी को नही मालूम। संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित करके आज दुनिया को बताया है कि वह एक परमात्मा कबीर साहेब हैं।

जब कबीर परमात्मा 600 वर्ष पहले काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए थे उस दौरान कबीर परमात्मा 120 वर्ष इस मृत्युलोक में रहकर गए और अपनी अमर वाणियों और तत्वज्ञान से जन-जन को यह बताया कि वही समर्थ पूर्ण परमात्मा हैं। और उसी दौरान कबीर परमात्मा ने अनेकों ऐसे चमत्कार किए थे जिससे देकर आप यह आसानी से समझ सकते हैं कि ऐसे चमत्कार केवल पूर्ण परमात्मा ही कर सकता है।

कबीर परमात्मा ने मरी हुई गाय को जीवित किया और मृत कमाल- कमाली को भी जीवित किया था इन चमत्कारों से यह सिद्ध होता है कि आयु केवल कबीर परमात्मा ही बढ़ा सकते हैं और जितने भी देवताओं के अवतार हुए हैं वह किसी की भी जन्म मृत्यु को नहीं रोक सके और ना ही उनकी आयु बड़ा सकते क्योंकि उनका खुद का जन्म मरण होता है तो वह अपने साधक या भक्त का जन्म मरण मिटा कर उनकी आयु को कैसे बढ़ा सकते हैं?

आज यदि कोई सुख और पूर्ण मोक्ष लेना चाहता है तो वह कबीर परमात्मा की भक्ति से ही मिल सकता है। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज वही भक्ति विधि बता रहे हैं जिससे पूर्ण मोक्ष व साधक को सर्वसुख मिलते हैं जिनकी तलाश में लोग पत्थर से लेकर गोबर तक को भगवान मान लेते हैं।

अब कोई यह बात माने या ना माने कि कबीर साहिब भगवान है लेकिन कबीर जी भगवान थे, कबीर जी भगवान है और कबीर जी ही भगवान रहेंगे। जो यह बात मान लेगा, वह फायदे में रहेगा और जो यह बात नहीं मानेगा कि कबीर जी भगवान है तो वह  84 लाख योनियों व जन्म मरण के चक्कर में फंसे रहेंगे अतः आपसे निवेदन है कि कबीर परमात्मा को पहचानो। यही हमारे असली रक्षक है जो हमें पूर्ण मोक्ष व शांति प्रदान कर सकते हैं इसलिए समय रहते संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आकर अपना व अपने परिवार का कल्याण करवाएं।

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2 Comments

  1. Fir kabir ji ne apni ek sakhi me ye kyu kha h ki jo is sakhi ka arth bataega wo mera

    guru me uska chela

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