रघुनाथ शाह (Raghunath Shah) की आपबीती, संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने के बाद हुए सतभक्ति से हुए लाभ

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।

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सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" की थीम इस प्रकार है


1. रघुनाथ शाह (Raghunath Shah) जी की आपबीती

2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

5. मेरा समाज को संदेश

6. सारांश

रघुनाथ शाह (Raghunath Shah) जी की आपबीती 

मेरा नाम रघुनाथ शाह (Raghunath Shah) है। मैं जनकपुर, नेपाल का रहने वाला हूँ।  जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने से पहले मैं गायत्री परिवार से जुड़ा हुआ था। जहां मैं हवन, यज्ञ और तप किया करता था। इतना कुछ करने के बावजूद कुछ खास लाभ नहीं मिला। मैं पूर्णिमा के दिन जानकी मंदिर गया था जहां मेला लगता है तो वहाँ संत रामपाल जी महाराज के कुछ भक्त भक्ति सौदागर को सन्देश पुस्तक की सेवा कर रहे थे। मैं निकट गया और पूछा कि इसका कितना दाम है तो बोले कि 10 रुपये भादू नेपाली सोडू रुपया। 

मैंने किताब ले ली। मुझे किताब पढ़ते पढ़ते इतना ज्ञान हुआ कि ब्रह्मा विष्णु महेश नाशवान हैं, इनके भी माता-पिता हैं। इनकी भक्ति करने के बावजूद भी 84 लाख योनियों में जाना पड़ेगा, जब यह पढ़ा तो मैं आश्चर्यचकित रह गया। जब मैं गायत्री परिवार से जुड़ा हुआ था तो हवन, तप, यज्ञ सब करता था। मैंने यह पढ़ने के बाद सब कुछ छोड़ दिया। मुझे आश्चर्य हुआ कि जब इतना सब कुछ करने के बाद भी कोई फायदा नहीं मिल रहा तो यह भक्ति साधना किस काम की। मैंने अपने साथ गायत्री परिवार से जुड़े भक्तों को भी यह बताया। उसके बाद मैंने सब कुछ छोड़ दिया। मेरे साथ जुड़े हुए भक्त भी धीरे-धीरे सब कुछ छोड़ दिए.

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से मैंने नाम दीक्षा 2012 में ली । जब मैंने भक्ति सौदागर संदेश पुस्तक पढ़ी तो मुझे इतना ज्ञान हुआ कि मैंने सब कुछ छोड़ दिया और हरियाणा , बरवाला आश्रम में सम्पर्क करके  संत रामपाल जी महाराज से उपदेश लिया । नेपाल में किसी भी साधु संत को वास्तव में यह नहीं पता कि हम 84 लाख योनियों से भी बाहर निकल सकते हैं या ब्रह्मा विष्णु महेश का भी जन्म मृत्यु होता है उनके भी माता-पिता है। ना ही किसी प्रवचन में सुने थे। 


संत रामपाल जी महाराज जो भक्ति मार्ग बताते जो वास्तव में एकदम सत्य है और जो सत्पुरुष , सनातन, अमर पुरुष जो सतलोक में तख्त  पर विराजमान है जो अविनाशी है  उनका गीता अध्याय 17 से 23 तक वर्णन है ओम तत् सत् तीन प्रकार का सच्चिदानंद घन ब्रह्म का वर्णन है । इस बारे में हमारे नेपाल का कोई पुरुष नही बताया। मुझे लगता है कि भारत का भी कोई महापुरुष नही बताया होगा संत रामपाल जी महाराज के अलावा।


हमेशा टीवी देखता रहता था कृपालु महाराज जी का सत्संग देखता था और बाकी जो महाराज जी है जो रामायण , महाभारत आदि के  प्रवचन सुनाते थे उनका भी मैं सुनता था लेकिन मैं किसी के भी प्रवचन में इस तरह की बाते नहीं सुनी।  संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताया गया ज्ञान एकदम सत्य है जो शास्त्रों द्वारा प्रमाणित है जिससे हमें 84 लाख योनियों से मुक्त हो सकते और जन्म मरण के चक्कर से छुटकारा मिल सकता है और यह सब कुछ केवल संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक ज्ञान से ही संभव हो सकता है।

नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने से पहले मैं आर्थिक तंगी से परेशान था। मैं नेपाल में कृषि विभाग में जूनियर असिस्टेंट पद पर कार्यरत हूं। लगभग मुझे 3 वर्ष हो गए नौकरी करते हुए लेकिन इतना सब कुछ करने के बाद भी मेरे हाथ में पैसे नहीं रहते थे। लेकिन मैंने जब संत रामपाल जी महाराज जी से सन् 2012 में नाम दीक्षा ली। उसके बाद मेरे हाथ में धीरे-धीरे पैसा रुकने लग गया और मेरे दो बच्चे हैं वे जॉब में लग गए। बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की दया से दोनों को मोटरसाइकिल दिला दिया। मैं बीमार रहता था बार बार टॉयलेट जाना, नाक से पानी निकलना यह सब उपदेश लेने के बाद गुरु जी की दया से ठीक हो गया। इससे बड़ा मेरे को क्या चाहिए सत मार्ग मिल जाए, स्वास्थ्य ठीक हो गया, लड़का - लड़की जॉब में लग गए। यह तो मेरे लिए सबसे बड़े गर्व और खुशी की बात है।


और तो बहुत से छोटे मोटे लाभ जैसे मेरा बस से एक्सीडेंट हो गया था, बड़ी बड़ी पहाड़ों में बस नीचे 6-7 फुट खाई में लटक गई। वहां पर 24 आदमियों की मृत्यु हो गई और मैं अकेला जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज मालिक की दया से बच गया। यदि मैं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा नहीं लिया होता तो मेरे साथ भी वही होता जो 24 आदमियों के साथ हुआ।

नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने से पहले मेरे को यह नहीं पता था कि ब्रह्मा विष्णु महेश भी नाशवान हैं, उनके भी माता-पिता हैं और हम 84 लाख योनियों से भी बाहर निकल सकते हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई जा रही भक्ति से सतलोक धाम जा सकते हैं जहां पर सर्व सुख हैं। जब मैंने भक्ति सौदागर को संदेश पुस्तक पढ़ी तो मुझे ज्ञान हुआ कि वास्तव में असली ज्ञान तो यहीं है जिससे हम 84 लाख योनियों के दु:खों और जन्म मरण के संकट से मुक्त हो सकते हैं। हम लोगों को बहुत अच्छा मार्ग मिला है। हम लोगों की जीवन की सुरक्षा हो रही है तो यह हमारे लिए बहुत अच्छा मार्ग है।

पहले जब मैं गायत्री परिवार से जुड़ा हुआ था तो वहां पर मैं हवन यज्ञ तक करता था जिससे मुझे कोई लाभ नहीं मिला था और ना ही कोई मुझे आध्यात्मिक ज्ञान था। हमेशा टीवी देखता रहता था कृपालु महाराज जी का सत्संग देखता था और बाकी जो महाराज जी रामायण, महाभारत आदि के  प्रवचन सुनाते थे उनका भी मैं सुनता था लेकिन यह आध्यात्मिक ज्ञान किसी को भी नहीं है।


मेरा समाज को सन्देश

मैं समाज के लोगों से यही कहना चाहता हूँ कि आप आज तक पता नहीं कितने धर्म गुरुओं के पास गए होंगे, लेकिन उनको न तो आध्यात्मिक ज्ञान का और न ही सतभक्ति का पता। परंतु वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज हमें शास्त्रों के अनुसार सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान और सही सत भक्ति बता रहे हैं। यह कोई अंधविश्वास नहीं बल्कि वास्तव में सच्चाई है क्योंकि परिणाम आँखों के सामने है। जो सत भक्ति मार्ग संत रामपाल जी महाराज बता रहे है वह वेद, गीता, पुराण, कुरान के आधार पर बताते हैं। फिर भी कोई यह कहे कि यह अंध भक्ति है तो उनको ज्ञान नहीं है।


हम भक्त समाज से प्रार्थना करते हैं कि आप संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाएं और तीन देव की भक्ति करने से जो 84 लाख योनियों का दु:ख और जन्म मरण का रोग लगा है उससे मुक्त हो जाएंगे और सतलोक जाकर खुशहाली भरी जिंदगी जिएंगे। संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेना आज बहुत ही आसान है। संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग जितने भी टीवी चैनल पर आते हैं उनके नीचे नंबर आते हैं। आप उन नंबर पर संपर्क करके अपने नजदीकी नाम दान सेंटर का पता करें और आप वहां जाकर निःशुल्क नाम दीक्षा ले सकते हैं।

सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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