सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" की थीम इस प्रकार है
1. राजेश दास (Rajesh Das) जी की आपबीती
2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
5. मेरा समाज को संदेश
6. सारांश
राजेश दास (Rajesh Das) जी की आपबीती
मैं राजेश दास (Rajesh Das) मंगोलपुरी दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने से पहले 35 साल से राधास्वामी पंथ में जुड़ा हुआ था। उन्होंने जो भक्ति साधना बता रखी थी वही भक्ति साधना हम किया करते थे लेकिन 35 साल की भक्ति साधना से हमें कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा मैंने 25 जून 2013 को ली थी। हमारे परिवार में मेरे पिता के मामा जी जो मेरे दादाजी लगते हैं, उन्होंने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले रखी थी। एक बार उन्होंने हमें बताया कि टीवी पर संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग आता है आप भी सत्संग देखें और जब हमने सत्संग चालू किया तो संत रामपाल जी महाराज राधास्वामी पंथ के बारे में बता रहे थे तो हमें सत्संग सुनकर लगा कि ये तो बिल्कुल गलत बता रहे और मन में आया कि टीवी को ही फोड़ दें फिर हमने सत्संग बंद कर दिया।
फिर एक बार मेरे पिता जी के मामा जी ने हमें अपने घर पर बुलाया और उनके घर पर संत रामपाल जी महाराज जी की सत्संग की सीडी "परिभाषा प्रभु की" रखी हुई थी। वह हम अपने साथ लेकर आए और रोज सुबह वह सीडी संत रामपाल जी महाराज जी की हम सुनने लगे। फिर धीरे-धीरे हमें ज्ञान हुआ कि वास्तव में हम जो भक्ति कर रहे हैं वह गलत है और जब भी संत रामपाल जी महाराज राधास्वामी पंथ के बारे में बताते थे तो हम उन्हें पुस्तकों से मिलान करते थे तो वास्तव में पाया कि जो संत रामपाल जी महाराज बता रहे हैं वह बिल्कुल सत्य है और यहीं भक्ति शास्त्रों व वेदों में है। जब हमें सारा ज्ञान हो गया फिर हमनें संत रामपाल जी महाराज जी के आश्रम में जाकर 25 जून 2013 को नाम दीक्षा ली।
नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
संत रामपाल जी महाराज जी के शरण में आने के बाद हमें बहुत सारे लाभ प्राप्त हुए। मुझे बीपी की शिकायत थी और मेरे बाएं हाथ में भी कष्ट था, हाथ ऊपर नहीं होता था और पैरों में भी दिक्कत थी ज्यादा लंबे समय तक खड़ा नहीं रहा जाता था। अगर थोड़ी देर भी खड़े रहते थे तो घुटने बहुत ज्यादा दर्द करने लग जाते थे। चल नहीं पाते थे लेकिन संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद हमें पता ही नहीं लगा कि वह हमारा दर्द गया कहां। पहले हम इतने बीमार रहते थे कि महीने में हम डॉक्टर के पास 5-6 बार चक्कर लगाते थे लेकिन जब से संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली है हमने डॉक्टर की शक्ल तक नहीं देखी। यह संत रामपाल जी महाराज जी की दया है।
मेरे पिताजी उनको भी हार्ट की प्रॉब्लम थी और डॉक्टरों ने उनको यह बोल दिया था कि इनको आजीवन दवाइयां खानी पड़ेगीं और दो तीन बार उनको अटैक भी आए। सन् 2014 में उनको पैरालाइज अटैक हुआ और जब मैंने डॉक्टर को फोन किया तो डॉक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर संत रामपाल जी महाराज जी के आश्रम में फोन करके सारी बात बताई तो गुरुजी ने जवाब दिया कि अमृत जल और प्रसाद खिला दो कुछ नहीं होगा। उसके थोड़ी देर बाद ही वह खुद खड़े हुए और चलने लग गए जबकि थोड़ी देर पहले वे मुर्दा स्थिति में थे। संत रामपाल जी महाराज की इतनी दया थी कि 10 मिनट के अंदर ही वह बिल्कुल ठीक हो गए और फिर उसके अगले दिन हम संत रामपाल जी महाराज जी के आश्रम में गए। जब संत रामपाल जी महाराज से दर्शन के लिए गये तो उन्होंने कहा कि बेटा भक्ति करो मालिक ने आपको दोबारा जीवनदान दिया है।
2017 में मेरी माता जी को भी बहुत ज्यादा समस्या हो गई थी। डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था कि यह नहीं बच पाएंगे और जो भी डॉक्टरों ने कहा हमने सारा इलाज करवाया लेकिन कोई राहत नहीं मिली। संत रामपाल जी महाराज की दया से आज वह भी बिल्कुल स्वस्थ हैं। आज मेरा पूरा परिवार संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश है। सबसे बड़ा लाभ तो यही हुआ कि आज हम संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में है।
नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
राधास्वामी पंथ में हमने 35 साल तक भक्ति करी लेकिन सच्चाई यह है कि राधास्वामी पंथ में सिर्फ दिखावा है। संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने के बाद हमें पता लगा कि राधास्वामी पंथ में जो भक्ति बताते हैं वह साधना बिल्कुल भी ठीक नहीं है काल की साधना है और राधास्वामी पंथ में या अन्य पंथों में सब आडंबर में ही लगे हुए हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित करके बताया है कि मोक्ष केवल हम सतभक्ति करके ही प्राप्त कर सकते हैं और अपने निज घर सतलोक जा सकते हैं।
मेरा समाज को संदेश
मैं समाज के लोगों से और विशेषकर राधास्वामी पंथ वालों से यही कहना चाहता हूं आप जा तो रहे हैं सत्संग में लेकिन सत्संग के बारे में आप बिल्कुल भी नहीं जानते। सत्संग क्या होता है अगर यह जानना है तो आप संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनिए। आज तक हम सत्संग में जरूर जाते थे कि सत्संग से परमात्मा की प्राप्ति होती है लेकिन परमात्मा के बारे में आज तक किसी ने नहीं बताया कि वह एक परमात्मा कौन है? सब एक ही की महिमा गा रहे हैं लेकिन ये नहीं पता कि वह एक है कौन?
आज शास्त्रों से प्रमाणित करके संत रामपाल जी महाराज ने बताया है कि वह परमात्मा कबीर साहेब है। तो आप भी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर शास्त्रों के अनुसार सही सतभक्ति करें। संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी के जिन भी टीवी चैनल पर सत्संग आते हैं उनके नीचे नंबर दिये जाते हैं आप उन नंबर पर संपर्क करके अपने नजदीकी नामदान सेंटर का पता करें और वहां जाकर नि:शुल्क नाम दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
सारांश
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।
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