नरेश पाल दास (Naresh Pal Das) की आपबीती, संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने के बाद सतभक्ति से हुए लाभ

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।

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सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" की थीम इस प्रकार है:

1. नरेश पाल दास (Naresh Pal Das) जी की आपबीती

2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

5. मेरा समाज को संदेश

6. सारांश


नरेश पाल दास (Naresh Pal Das) जी की आपबीती

संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा मैंने 2009 में ली। एक बार मैं मंदिर में लाइन में लगा हुआ था तो वहाँ मंदिर में कुछ संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य बैठे हुए थे तो मैंने उनसे कहा कि आज विश्वकर्मा जी का इतना बड़ा दिन है प्रसाद मिल रहा है ले लो जी। उन भक्त जी ने कहा कि विश्वकर्मा जी से भी बड़े भगवान तो कबीर साहेब हैं तो मैंने उनसे कहा कि आज तक हमने ना तो ऐसा सुना और ना देखा है। तब उन भक्त जी ने संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "गहरी नजर गीता में" दी और कहा कि आप इसे पढ़ें। मैं 2 दिन लगातार उस पुस्तक को पढ़ता रहा और मुझे पुस्तक पढ़ने से ज्ञान समझ में आ गया तो मैंने उसी समय प्रण ले लिया कि आज के बाद ब्रह्मचारी संत डॉक्टर सोनक देव जी द्वारा बताई गई भक्ति कतई नहीं करूँगा। उसके बाद मैंने भक्त जी से कहा कि भक्त जी मुझे आपके गुरुजी से नाम दीक्षा लेनी हैं। तब उन भक्त जी ने कहा कि मैं 5 महीने बाद छुट्टी पर जाऊंगा तब ले लेना। तो मैं भी उनके साथ उनके घर ही चला गया। जिसके बाद मैंने संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा ले ली।

 

नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने से सबसे बड़ा बदलाव तो मुझे आध्यात्मिक ज्ञान की जानकारी हुई। इतने सालों से जो मैं भक्ति कर रहा था वह शास्त्रों के विपरीत होने के कारण गलत थी। लेकिन जैसे ही मैंने संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान समझा तो मुझे अच्छे से समझ मे आ गया कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिया जा रहा ज्ञान सही है और सतभक्ति भी यही सही है। दूसरा लाभ मुझे यह मिला कि मैं पुलिस फोर्स में एक मेकेनिक पोस्ट पर था तो एक दिन एक नई गाड़ी को ठीक करनी थी जिसकी मुझे ज्यादा जानकारी नहीं थी। 8 दिन तक मैं परेशान रहा और अंत में एक दिन मैं छत्तीसगढ़ में एक तम्बू में जाकर बैठ गया और बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी को याद करने लगा। तभी बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज आये और मुझे उस गाड़ी की सारी सेटिंग्स समझा दिए कि ऐसे नहीं ऐसे करना और वहीं चीज मैंने सवेरे जाकर गाड़ी के अंदर इस्तेमाल की तो मुझे वहीं पर फॉल्ट मिला तब मैंने पहली बार ही महसूस किया बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज अपने बच्चों के साथ हर पल रहते हैं।

एक लाभ यह हुआ कि जब मेरी मेरठ में पोस्ट थी वहाँ एक घण्टाघर के पास जाकर मेरी गाड़ी खराब हो गयी। मैंने दूसरी गाड़ी मंगाने के लिए कॉल कर रहा था तभी अचानक भीड़ में से लगभग 35-40 साल का एक व्यक्ति निकल कर मेरे पास आया जिसके चेहरे पर हल्की हल्की सी दाढ़ी थी तो वह मुझसे पूछने लग गया क्या हुआ जी, तो मैंने बताया कि मेरी गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही है, देख लिया सब सही है लेकिन चल नहीं रही है। तभी उसी व्यक्ति ने कहा कि मैं देखूं तो मैंने कहा कि ठीक है, तो एक तरफ तो मैं उस व्यक्ति को देख रहा था और दूसरी ओर कॉल कर रहा था। जैसे ही उस व्यक्ति ने खिड़की खोली तो मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि भाईसाहब अब आप गाड़ी स्टार्ट करना चल जाएगी और जैसे ही वह 15-30 गज दूर भीड़ में गया, तब मैंने गाड़ी स्टार्ट की तो मुझे अचानक से एहसास हुआ कि यह तो ओर कोई नहीं बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी हैं और जैसे ही मैं 10-15 कदम दौड़ा परमात्मा अंर्तध्यान हो गए ।

मेरी भक्तमति जो संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा नहीं ले रखी थी। मैंने कई बार समझाया कि गुरूजी से नाम दीक्षा ले लो लेकिन टस से मस नहीं होती थी। एक दिन वह छत से गिर गई जिससे उसकी रीड की हड्डी में 3 जगह चोट आ गई। सिर में फैक्चर हो गया। वह उठ बैठ नहीं सकती थी और उस समय छत्तीसगढ़ से मुझे 2 महीने के लिए छुट्टी लेकर आना था। डॉक्टर ने कहा कि सिर के नीचे हाथ रखकर उठाना पड़ेगा और सब कुछ आपको ही करना पड़ेगा। तो मेरे तो सिर पर बहुत बड़ी समस्या आ गयी थी क्योंकि घर में कोई ओर था नहीं। मैने मालिक से प्रार्थना की हे मालिक! इसको ठीक कर दो तो ठीक डेढ़ महीने के अंदर वह चारपाई से उठ गई और मैं 2 महीने की छुट्टी में आ गया। उसके बाद वह फिर से बाथरूम में चक्कर खा कर गिर जिससे वह 2 महीने तक खाट पर रही और मैं उससे बराबर संत रामपाल जी महाराज से उपदेश लेने को कहता रहा लेकिन वह नहीं मानी। ऊपर से गुरूजी को गालियाँ देने लगती तो मैं तो हार कर बैठ गया और गुरुजी से ही प्रार्थना करता रहा। उसके बाद मेरे बेटे की शादी होनी थी तो वह कुछ न कुछ मांग करती रहती थी। एक दिन हम शादी की किसी रश्म के लिए जा रहे थे तो मेरी भक्तमति रेल की पटरी पर जा गिरी जिससे उसके हाथ पर 5 जगह चोट आ गई और मैंने जैसे तैसे उसे वहाँ से हॉस्पिटल में ऐड करवा दिया बेटे की शादी के दिन वह हॉस्पिटल में थी। मेरे बेटे ने किसी ज्योतिष से पूछा तो उसने कहा कि आपकी माता जी की आयु 2016 तक ही है। तो मैं इस बात को नहीं माना लेकिन जब मेरे बेटे की बहू हॉस्पिटल आ रही थी तो एक पंडित जी रुक कर मेरी भक्तमति जी के लिए वही बात बोली जो ज्योतिष ने कही थी।

तब मैं ज्योतिष से पूछा कि आप यह कैसे जानते हो तो उस ज्योतिष ने कहा कि इनकी माथे की रेखाएं बता रही हैं। यदि यकीन नहीं है तो आप बुलन्दशहर लेकर चले जाओ वहां मेरे गुरुजी रहते हैं। मैं अपनी भक्तमति को बुलन्दशहर लेकर चला गया जहां गांव के कुछ लोग बैठे हुए थे जो कह रहे थे कि पहले भी इन्होंने 3 लोगों की मृत्यु के बारे में बताया जो सत्य निकली। तब मेरी पत्नी ने पूछा कि मेरी मृत्यु का भी बता दो तो महाराज ने कहा कि 32 सप्ताह का समय है उसमें भी बहुत दुःख सहन करना होगा। तब मेरी पत्नी डर गई और मुझसे कहा कि आप मुझे भी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा दिला दो। उसके बाद मैं मेरी भक्तमति जी को लेकर आश्रम गया, जहाँ उसने नाम दीक्षा ली और गुरुजी से कहा कि मैं कैसे भक्ति करूँगी पण्डित ने मुझे 32 सप्ताह का समय कहा। तो गुरुजी संत रामपाल जी महाराज ने कहा कि कुछ नहीं होगा आप मर्यादा में रहकर भक्ति करो। आज 4 साल हो गए मालिक की दया से वह बिल्कुल ठीक है उसके कुछ नही हुआ। आज मालिक की दया से मेरे पूरे परिवार को जीवन दान मिल गया।

नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने से आज मेरा पूरा परिवार सुखी है। बिना किसी कष्ट के हम सुख शांति से अपना जीवन जी रहे हैं और जो मेरी भक्तमति की मौत के बारे में भविष्यवाणी थी वह भी बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की असीम दया से गलत हो गई और मेरे पूरे परिवार को जीवनदान मिल गया। अब हम बहुत आनन्द जीवन जी रहे हैं। मालिक की दया से सतभक्ति कर रहे हैं और सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

मेरा समाज को संदेश

मैं तो बस विनती कर सकता हूँ कि 7:30 बजे साधना tv पर संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग आता है वह एक बार देख लो, सुन लो कि हमारे शास्त्रों में क्या भक्ति बताई गई है। एक बार मिलान करो कि हम क्या भक्ति कर रहे हैं और संत रामपाल जी महाराज जी क्या बता रहे हैं। उसके बाद सब समझ आ जायेगा। उसके बाद संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लो। आज संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेना बहुत ही आसान है संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग जितने भी टीवी चैनल पर आते हैं उनके नीचे नंबर आते हैं। आप उन नंबर पर संपर्क करके अपने नजदीकी नाम दान सेंटर का पता करें और आप वहां जाकर नि:शुल्क नाम दीक्षा ले सकते हैं।

सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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