सतभक्ति से लाभ-चन्द्रशेखर साहू (Chandrashekhar Sahu) की आपबीती, संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने के बाद जिंदगी में आईं खुशियाँ

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।


सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।


"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" की थीम इस प्रकार है

1. चंद्रशेखर साहू (Chandrashekhar Sahu) जी की आपबीती
2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
5. मेरा समाज को संदेश
6. सारांश


चन्द्रशेखर साहू (Chandrashekhar Sahu) जी की आपबीती 

मेरा नाम चन्द्रशेखर साहू (Chandrashekhar Sahu) है। मैं जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं। संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने से पहले मैं गायत्री परिवार वेद माता से 31 साल तक जुड़ा रहा। इस ट्रस्ट में दहेज मुक्त शादी और सफाई अभियान तथा नशे को छुड़ाया जाता था। लेकिन जब मेरा इस ट्रस्ट में आना जाना हुआ तो पता चला कि इसी ट्रस्ट के लोग दहेज लेते हैं, नशा करते हैं। गायत्री परिवार वाले विशेष रूप से इन्हीं से जुड़े हुए अनुयायियों को शादी का निमंत्रण देते थे ताकि जब वह लोग आएं तो अच्छा गिफ्ट या कुछ दहेज के रूप में कोई वस्तु दे जाएं। मैं इस पंथ से जुड़े रहने पर दिन में बताए अनुसार 5 बार गायत्री मन्त्र का जाप करता था और मंत्र लेखन कार्य भी में रोज करता था।

इतना सब कुछ करने के बावजूद भी घर मे क्लेश रहता था। मेरी बेटी को भूत प्रेत बाधा थी। स्कूल के लिए घर से बाहर निकलते ही वापस रोते हुए घर को आ जाती थी। मेरा छोटा बेटा प्रखर जो शरीर से बहुत कमजोर था, उसकी छोटी और बड़ी दोनों ही आंत बहुत ही ज्यादा कमजोर थी। इतना मन्त्र जाप, मंत्र लेखन का कार्य करने के बावजूद भी मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ता ही जाता था। पेट मे दर्द और पेशाब में जलन बढ़ती जाती थी। सर्दी के दिनों में रात को 1-1, 2-2 बजे तक मुझे पेशाब में जलन होती रहती थी और बचपन से मुझे मानसिक समस्या भी थी। इसके अलावा मेरे और मेरी पत्नी के बीच बिल्कुल भी नही बनती थी, बहुत लड़ाई-झगड़ा होता था। 

मेरे सुसर जी और मेरे बड़े साडू जो गायत्री परिवार के विशेष ट्रस्टी थे इसी परिवार में इस बात को लेके बहुत मींटिंग होती थी। लेकिन फिर भी कोई हल नही निकल पाया। परेशानी इतनी बढ़ गई थी कि मेरी पत्नी मायके चली गयी थी। मैं सीधा तलाक के नोटिस जारी किया और बोला कि यदि रहना है तो रहिये वरना तलाक दे दीजिये। ताकि बार बार इस लड़ाई-झगड़े से छुटकारा मिल जाये। इतनी भक्ति का कोई लाभ नहीं मिला। घर में भी शांति नहीं हुई।


संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

मैं संत रामपाल जी महाराज जी से 24 अप्रैल 2014 को प्रथम मंत्र उपदेश लिया। जब मेरे और मेरी पत्नी के बीच इतनी परेशानी बढ़ गयी, तब मैंने हमारे पास एक मोहरा वाले भक्त भाई थे उनसे बोला कि हमारे घर में यह परेशानी है। तब भक्त जी ने बोला कि हरियाणा में एक महान तत्वदर्शी संत रामपाल जी जी महाराज हैं आप उनसे जुड़ जाएं। आप उनसे नाम उपदेश ले लीजिए जैसे ही उपदेश लेंगे वैसे ही सब ठीक हो जाएगा। तो मैं बोला कि आप तो बाजार के लड्डू समझ रहे हैं! तलाक नोटिस जारी हो चुके हैं और हम पति पत्नी एक हो जाएं ऐसी कोई भी आस नजर नहीं आ रही है। फिर वह भक्त जी जिद करने लग गए कि एक बार आप जुड़ो तो सही पत्नी कैसे आती है तब मैंने अपनी और बच्चों की भी सारी तकलीफें बताईं। वह बोले कि आप को कुछ नहीं करना केवल आप संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लीजिए फिर केवल चमत्कार देखिए। तभी मैं यह सब परेशानियों को देखते हुए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली।

नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने के बाद मुझे बहुत लाभ हुए। जैसे ही मैंने गुरुजी से दीक्षा ली और दीक्षा लेने के बाद आश्रम में मैं अपनी जगह बैठकर प्रथम मंत्र जाप कॉर्ड द्वारा करने लगा वैसे ही मेरे शरीर में अजीब सी शक्ति प्रवेश करने लगी। मैंने अपने पास बैठे दोस्त और अपने जीजाजी को भी बताया कि देखो तो यह क्या हो रहा है एकदम बाल खड़े हो गए। उसमें कोई शक्ति प्रवेश कर रही थी। आप यकीन नहीं करेंगे जब मैं घर से दीक्षा लेने के निकला वैसे ही मेरा ब्लड प्रेशर एकदम से नॉर्मल हो गया और जो दिमाग मे टेंशन थी वह भी गायब हो गयी। जब मैं ट्रेन मे बैठकर गुड़वाना एक्सप्रेस में जा रहा था तो उस दिन का भी अनुभव जबदस्त है। मेरे शरीर में जो ब्लड प्रेशर की वजह से जो दर्द था वह भी एक दम से नॉर्मल हो गया। जैसे ही एक महीना हुआ फिर मैं वापस आश्रम में गया तब गुरुजी लाइन में लगे हुए भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे तो मैं भी लाइन में आशीर्वाद लेने लग गया और जब गुरुजी संत रामपाल जी महाराज जी आये, तब मैंने मालिक से मेरी एक अर्जी लगाई तो गुरुजी आगे बढ़ गए थे तुरंत पीछे आये और बोले बेटा क्या बात है तो मैं बोला कि गुरुजी मेरी सब परेशानी तो नाम दीक्षा लेते ही सब दूर हो गई बस एक परेशानी है। गुरुजी बोले, बोलो बेटा क्या परेशानी है तो मैं बोला कि मालिक मेरी पत्नी मायके में है और नोटिस जारी हो गया है तलाक का क्या करूँ। परमात्मा मेरे समझ नहीं आ रहा है। तभी मालिक बोले कि पहले बेटा उसको जाकर ले आओ।


तभी मैं अपने ससुराल में गया तो पहले तो मेरी स्थिति देखकर लड़ाई-झगड़े को तैयार हो रहे थे बोले कि पहले 4 आदमियों को लेकर आओ। फिर मैं बरवाला आश्रम गुरुजी को फोन किया बताया। तो वहां से तत्काल जवाब आया कि पहले उसको लेकर आओ। मैं 4 की जगह 12 आदमी लेकर अपने ससुराल गया और अपनी पत्नी को साथ लेकर आया। तब से लेकर आज तक लगभग 5 वर्ष बीत चुके हैं अभी तक हमारे बीच में किसी भी प्रकार का कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ। आज भी मेरा पूरा परिवार अचंभित है कि यह शेखर और बबली को हो क्या गया की दोनों इतने अच्छे से रहकर परिवार चला रहे है। तो हम उनको बताते हैं कि हम जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लिए हैं उनकी ही कृपा से आज यह सब कुछ हो रहा है। आज हम बहुत खुशहाली से रह रहे हैं। मेरी बेटी जो पढ़ने के लिए जैसे ही बाहर निकलती थी वैसे ही उसे कोई शक्ति डरा देती जिससे वह वापस रोती हुई आ जाती थी। लेकिन जब से उसने नाम दीक्षा ली है अब उसे किसी बात का डर नहीं है वह बिल्कुल ठीक है। मेरा छोटा बेटा प्रखर जो जन्म से ही कमजोर था उसकी भी गुरुजी से अर्जी लगाई थी तब से लेकर आज तक उसे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है।

मैं जिस दिन सन्त रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के लिए कदम बढ़ाया था तब से लेकर आज तक मेरी मानसिक स्थिति बिल्कुल नॉर्मल हो गयी है। मेरे परिवार से, पत्नी से और मेरे पड़ोसी से पूछ सकते हैं मैं बचपन से ही बहुत चिल्लाया करता था। मुझे घर मे टेबिल के रस्सी से बांध दिया जाता था और बल इतना हो जाता था कि सब कुछ तोड़ देता था। लेकिन जब से मैंने जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा ली तब से मुझे कोई समस्या नहीं है। मेरा पूरा बिखरा हुआ परिवार आज फिर से परमात्मा जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी कृपा से बस गया है।


नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

जब मैं गायत्री परिवार से जुड़ा हुआ था जिसका सबसे बड़ा मिशन था दहेज प्रथा को खत्म करना, नशा मुक्त अभियान। उसमें एक नई प्रथा शुरू हो गयी थी जिसका भी जन्मदिन होता वह यदि इस परिवार से जुड़ा है तो उसकी जन्मदिन तारीख को लिखो, उसके घर पर हवन करो और जो चंदा देते है उसको काटो। उस ट्रस्ट में दहेज प्रथा के लिए या जो भी वसूल होता है उसको लाओ। दूसरी बात जो मुझे सबसे ज्यादा घटिया लगती थी कि जब वेद माता गायत्री ट्रस्ट द्वारा जब दहेज प्रथा खत्म करने का अभियान चलाया जा रहा है तो उसी परिवार वाले लोग सबसे ज्यादा दहेज लेते हैं और देते हैं। आज भी जब मैं सोचता हूँ तो मुझे खुद को शर्म आती है। जो लोग उस परिवार के मुखिया थे काम के बाद वह तम्बाकू खाया करते थे, शराब पिया करते थे। पर्दे के पीछे छुप छुप कर किया करते थे और उसको मैं देखा भी करता था। जब मैं सोचता भी था कि वेद माता गायत्री परिवार से जुड़े हुए इन लोगों पर चमत्कार क्यों नहीं करती है। इस मिशन का असर इन पर क्यों नहीं हो रहा है।


वहां पर सबसे ज्यादा मैं चंदा और रसीद बस देखा करता था। लेकिन जब से मैं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से जुड़ा हूँ तो आश्रम में देखता हूँ कि यहां पर किसी प्रकार का कोई चंदा, रसीद जैसी किसी भी प्रकार कोई भी वस्तु नहीं देखा। मैं जब से इस मिशन से जुड़ा हूँ तब से देख रहा हूँ संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताए गए शास्त्रों के अनुसार हजारों लड़कियों की बिना दहेज मुक्त शादियाँ हो रही हैं। यहां पर जितने भी लड़के हैं वह नशा करना तो दूर, जो कोई नशा करता है उसकी मदद तक नहीं करते हैं। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से जितने भी लोग जुड़े हुए हैं सभी सुखी जीवन जी रहे हैं।


शांतिकुंज परिवार हरिद्वार में जहां सभी अलग अलग रहते हैं और सबसे अलग अलग खाना खाते पीते है। जब मैं और मेरी पत्नी हरिद्वार जाते थे तो फोन करके बोलते थे कि हम आ रहे हैं। हमारे लिए अच्छी व्यवस्था करना तो ठीक वैसी ही अच्छी व्यवस्था पाई जाती थी। लेकिन जो पहली बार जाते थे, जानते नहीं थे उनके लिये नॉर्मल व्यवस्था हॉल या किसी छायादार स्थान पर बैठा दिया जाता था। लेकिन जब मैं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के मिशन को देखता हूँ कि सभी प्रेम से रहते हैं यहाँ कोई भेदभाव नहीं करते। सभी के लिए एक समान व्यवहार और व्यवस्था है। यहाँ पर किसी प्रकार की कोई एप्रोच या छोटे बड़े जैसा कोई व्यवहार नहीं दिखाई पड़ता है।


मेरा समाज को संदेश


जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताया गया ज्ञान और भक्ति एकदम सत्य और लाभदायक है। मेरा सभी से निवेदन है कि बहुत से टीवी चैनलों पर संत रामपाल जी महाराज का सत्संग आता है उसके नीचे पीली पट्टी पर आश्रम के नम्बर आते है, उन पर कॉल करें और अपने नजदीकी नामदान सेंटर पर जाकर जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाए ।

सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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