जानिए सतभक्ति से प्राप्त हुए लाभ-Benefits of True Worship के बारे में सुकेश राठौड़ (Sukash Rathor) जी की आप बीती संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद
संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील (Social worker)। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। संत जी का ज्ञान अद्वितीय है। और उनकी सबसे बड़ी बात यह है कि वह सभी पवित्र शास्त्रों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे लेकिन संत जी के द्वारा बताई गई सद्भक्ति से सभी समस्याएं खत्म हो गई और एक नई ज़िंदगी मिली। जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण है। तो आज हम इसी प्रोग्राम के तहत आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको ना केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" की थीम इस प्रकार है
1. आप बीती (लोगो की दुख भरी कहानियाँ)
2. प्रेरणा (संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की)
3. बदलाव ( नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी)
4. अनुभव (नाम लेने से पहले और बाद का)
5. समाज को संदेश
6. सारांश
सुकेश राठौड़ (Sukash Rathor) जी की आपबीती
नाम सुकेश राठौड़ (Sukash Rathor) है, मैं अहमदाबाद , गुजरात का रहने वाला हूँ । संत रामपाल जी महाराज जी की शरण मे आने से पहले मैं ऊँ शांति , राधा स्वामी पन्थ , जयगुरुदेव पन्थ से जुड़ा हुए था । लेकिन सभी पन्थों के अनुसार बताए गए भक्ति मार्ग से हमें कुछ भी लाभ नही मिला । आये दिन मेरे बच्चे बीमार रहते थे ।
मेरे घर मे जैसे बीमारियों ने घर बना रखा था , मेरी पत्नी को भूत प्रेत बाधा थी , घर पर आए दिन लड़ाई-झगड़े से मैं काभी दुखी हो चुका था । मेरे खुद के 6-7 साल से सिने में जबरदस्त दर्द रहता था सहन नही होता था । सब जगह दिखा लिया , लेकिन कही से कोई लाभ नही मिला और डॉक्टर ने लास्ट में जवाब दे दिया कि अब तो ईश्वर ही तुम्हें बचा सकते है ।
इन सब से मैं इतना दुःखी हो गया कि कुछ समझ ही नही आया जैसे दिमाग मे पाप कर्म ने अपना जोर दे दिया हो और अच्छे -बुरा कुछ नजर नही आ रहा था । यहाँ तक मैं शिक्षक होने के नाते भी समझ नही पा रहा था कि मैं क्या करूँ और अंत मैंने आत्महत्या का निश्चय कर लिया कि बस अब यही एक मात्र उपाय है ।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश मैंने 23 मई 2013 को लिया । जब मैने आत्महत्या करने के लिए जहर खाने जा ही रहा तब मेरे सोचा कि मरना तो है ही क्यों न एक बार उस खुदा को पुकार ले और मैने अंतर्मन से उस मालिक को पुकारा और कहा कि हे खुदा यदि तू इस धरती पर है तो आज एक जान जा रही है बचाना है तो बचा ले उसी समय मन मे प्रेरणा आती है क्यों न एक बार माँ पिताजी से बात कर ले । फिर पिताजी को कॉल लिया और सब घटना बता दी फिर पिताजी ने कहा कि आप संत रामपाल जी महाराज जी नाम उपदेश ले । फिर मैं 23 मई 2013 को पिताजी के साथ आश्रम गया और नाम उपदेश लिया ।
नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
संत रामपाल जी महाराज जी नाम दीक्षा लेने के बाद मुझे बहुत लाभ मिले । सबसे बड़ा लाभ तो मुझे यह मिला सब मैं नाम दीक्षा लेने के लिए आश्रम गया और गुरुजी से आशीर्वाद लेने के लिए लाइन में खड़ा हुआ और जब गुरुजी ने मुझे जैसे ही आशीर्वाद दिया वैसे ही मेरा सारा दर्द खत्म हो गया ।
जिस दर्द से मैं इतना दुखी था वह संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा प्राप्त आशीर्वाद मात्र से ही जड़ से खत्म हो गया और मैं भंडारा करके अच्छे से पूरी रात सो गया । उस दिन समझ लिया कि अब तक संत की महिमा सुनी थी आज वह मैने अपनी आँखों से भी देख ली दूसरा लाभ यह हुआ कि एक दिन मैं शाम को आरती सुन रहा था उसी वक्त मेरा बेटा गौरव (15 साल) जो मेरे साथ आरती में बैठ गया उसी समय उसके सिने में इतना दर्द हुआ कि वह रोते रोते जमीन पर गिर गया ।
मैंने उसे गोदी में लिया तो उसके इतना पसीना निकला कि मैं खुद भीग गया । 20 मिनिट तक मेरे बेटे की श्वास चली गई थी । मतलब वह खत्म ही हो गया था फिर मैंने संत रामपाल जी महाराज से कहा कि हे बन्दी छोड़
मुझे इस बात का दुख नही की वह मर गया मुझे इस बात का दुःख है कि मेरे मालिक यह पहले हो जाता तो सही था अब लोग पहले से ही विरुद्ध करने लगे कि इन्होंने देवी देवताओं की भक्ति छोड़ दी । यह सब कहते हुए मन ख्याल आया कि संत रामपाल जी महाराज जी ने कहा था कि जो भी उपदेशी है उनको अम्रत जल पिला दो जैसे ही यह मन मे यह प्रेरणा हुई मैने अपने बेटे को अम्रत जल पिला दिया और आरती चलती रही । आरती के अंत मे अचानक से मेरा बेटा खड़ा होकर बोलता है कि पापा !
मुझे पूरी तरह से विश्वास हो चुका था वास्तव में संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है । संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने के बाद आज मेरे घर मैं सातो सुख है जो केवल बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने के बाद ही मिला ।
नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
संत रामपाल जी महाराज जी कोई साधारण संत नही बल्कि पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर है जो अभी अवतार लेकर आये है जो संत केवल आशीर्वाद मात्र से बड़े से बड़े रोग दूर कर सकते है वह संत साधारण संत हो ही नही सकते । संत रामपाल जी महाराज जी सभी शास्त्रों को खोल खोल कर प्रमाण बता रहे है । संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत है जो हमें सर्व दुःखो से मुक्ति दिला सकते है ।
मेरा समाज को संदेश
मैं भक्त समाज से सिर्फ प्रार्थना ही कर सकता हूँ कि आप संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग देखें । उनके द्वारा लिखी पुस्तकें पढ़े और मिलान करे और संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण कराए ।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेना बहुत ही आसान है संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग जितने भी टीवी चैनल पर आते हैं उनकी नीचे नंबर आते हैं आप उन नंबर पर संपर्क करके अपने नजदीकी नाम बन सेंटर का पता करें और आप वहां जाकर निशुल्क नाम दीक्षा ले सकते हैं.
सारांश
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में आपको जो भी बातें बताई गई है वह पूर्णतया सत्य है। आप चाहें तो इन बातों का निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि हर बीमारी का इलाज सत् भक्ति से ही संभव है। और यह बात हमारे पवित्र शास्त्र भी प्रमाणित करते हैं की वह परमात्मा अपने साधक के अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है। असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद पवित्र शास्त्रों के अनुसार है। और पवित्र गीता जी में जिस तत्व दर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई और नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा मोक्ष मार्ग प्राप्त करे और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।
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