सतभक्ति से लाभ-दीक्षा नागर (Diksha Nagar) जी की आपबीती, संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने से जीवन में आईं खुशियां

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।



सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।

"सतभक्ति से लाभ" की थीम इस प्रकार है


1. दीक्षा नागर (Diksha Nagar) जी की आपबीती

2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

5. मेरा समाज को संदेश

6. सारांश


दीक्षा नागर (Diksha Nagar) जी की आपबीती

मेरा नाम दीक्षा नागर (Diksha Nagar) है। मैं पीतमपुरा दिल्ली की रहने वाली हूं। मेरी मम्मी पापा राधास्वामी पंथ से जुड़े हुए थे और उन्होंने राधास्वामी पंथ में 7 साल तक भक्ति करी तो मैं भी उनके साथ राधास्वामी पंथ में जाती थी लेकिन मैंने उनकी कोई खास भक्ति नहीं करी। मेरे पेरेंट्स की भगवान में आस्था कुछ ज्यादा ही थी और वह संतों महंतों सब को मानते थे। मेरी मम्मी को शुरू से ही दिल की बीमारी थी। राधास्वामी पंथ में जुड़ने के बाद भी उनकी परेशानियां खत्म नहीं हुई। उनको सांस लेने में भी बहुत ज्यादा दिक्कत थी और डॉक्टर ने उन्हें सर्जरी तक के लिए बोल दिया था।

प्रेरणा (संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की)

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा मैंने 9 अप्रैल 2004 को ली। मैंने संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लिया तब में केवल 8 साल की थी। मेरे पेरेंट्स की आस्था संतों में कुछ ज्यादा ही थी। जब वह संत रामपाल जी महाराज की शरण में गए तब हमें नहीं पता था कि यह भक्ति सही है या नहीं, लेकिन हम भी मम्मी पापा के साथ चले गए और फिर जब हमें पता चला कि संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण परमात्मा व पूर्ण संत है तब हम ने भी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले ली।

नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

मेरी मम्मी को हार्ट की बीमारी थी और एक स्थिति आ गई थी कि डॉक्टर ने उन्हें सर्जरी के लिए बोल दिया था और उनकी सारी वोल्वस ब्लॉक हो गई थीं। जब संत रामपाल जी महाराज की शरण में गए तब मम्मी ने बोल दिया था कि अब मैं आपकी ही बेटी हूं और अब आप ही करोगे जो भी करना है। उसके कुछ दिनों बाद ही मेरी मम्मी की जो वोल्वस ब्लॉक हो गई थी वह सारी खुल गई और डॉक्टर भी देख कर हैरान हो गए थे। जिसके बाद मेरी मम्मी को पूर्ण विश्वास हो गया कि यही भगवान है। उन्होंने राधास्वामी पंथ में इतनी भक्ति करी लेकिन उनसे उन्हें कोई भी लाभ नहीं हुआ मैं रोती रही बीमारियों में लेकिन आज संत रामपाल जी महाराज ने इतना सुख दिया है कि वह बिल्कुल ठीक है।

जब मैं पांचवी क्लास में थी तब मेरी लेफ़्ट साइड की आंख का पर्दा पूरा खराब हो चुका था। तब मम्मी पापा मुझे डॉक्टर के पास लेकर गए और डॉक्टर ने कहा कि इनकी बाईं आंख का पर्दा पूरा खराब हो चुका है डॉक्टर ने मुझे चश्मा दे दिया था और बोले कि अब यह बिल्कुल भी नहीं हटना चाहिए लेकिन शर्म की वजह से मैं वह चश्मा नहीं लगाती थी क्योंकि उस टाइम में बहुत छोटी थी और मम्मी पापा से झूठ बोल देती थी कि हां ठीक है ठीक है। अभी सही चल रहा है। डॉक्टर ने मुझे 6 महीने बाद फिर से बुलाया था लेकिन मैं मम्मी पापा से झूठ बोलती रही कि अब सही है बिल्कुल और ऐसे करते-करते चार-पांच साल निकल गए। फिर जब हम दोबारा डॉक्टर के पास गए तब डॉक्टर ने मेरी रिपोर्ट देखी और जो मेरी चार-पांच साल पहले ऐसी स्थिति थी कि मेरी बाई आंख का पर्दा पूरा खराब हो चुका था फिर डॉक्टर ने मेरी आँखों की दोबारा से जांच की और मैंने डॉक्टर से कहा कि मुझे बिना चश्मे के भी बिल्कुल ठीक दिख रहा है। मैंने उन्हें चेकअप की लास्ट लाइन तक बिना चश्मे के पढ़कर सुनाई। तब डॉक्टर देखकर हैरान थे कि आपकी चार-पांच साल पहले यह हालत थी और आज बिल्कुल ठीक हो गए। यह देखकर मैं खुद भी हैरान थी क्योंकि अगर मेरी वही हालत होती तो आज मैं सोच सकती हूं कि आज मैं कहां पर होती लेकिन संत रामपाल जी महाराज की दया से मैं बिल्कुल ठीक हूं यह चमत्कार मेरे साथ हुआ।


और एक चमत्कार और हुआ यह कुछ साल पहले की बात है जब मेरे पापा रात को ऑफिस से साइकिल से घर आ रहे थे। जब वह साइकिल से घर आ रहे थे तो सामने से बाइक वाले ने उन्हें बहुत तेज टक्कर मारी और वह दूसरी तरफ जाकर गिरे साइकिल दूसरी तरफ और वह दूसरी तरफ। पापा उल्टी साइड से गिरे थे बीच रोड पर उनसे उठा भी नहीं जा रहा था। फिर अचानक से वहां पर एक लड़का आया और उन्होंने पापा को उठाया और बोले कि अंकल आप ठीक हो, यहाँ से उठ जाइए आप, फुटपाथ पर बैठ जाओ, सड़क पर मत बैठो। फिर पापा ने नजर उठाकर देखा तो वहाँ कोई बच्चा नहीं था तो पापा ने सोचा कि यह कोई सपना भी नहीं है क्योंकि वह उस टाइम ड्यूटी से घर आ रहे थे और उनके हाथ में भी दर्द हो रहा था। फिर पापा उठे तब वह बिल्कुल ठीक हो गए। साइकिल उठाई और घर आ गए। फिर उन्होंने मम्मी को बताया कि आज मेरे साथ ऐसे ऐसे हुआ और पापा बिल्कुल ठीक थे वरना इतना भयंकर एक्सीडेंट होने के बाद कोई चांस नहीं बचता कि इंसान बच जाएगा लेकिन संत रामपाल जी महाराज की दया से बिल्कुल ठीक थे।

नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

सतगुरु रामपाल जी महाराज की शरण में आने के बाद ही मुझे पता लगा कि विश्व में केवल एक मात्र संत रामपाल जी महाराज ही ऐसे संत हैं जिनके पास शास्त्रों के अनुसार सही ज्ञान है और यही सही भक्ति बता रहे हैं। जिन लोगों का यह मानना है कि संतों की शरण में जाने से लाभ नहीं होता तो मैं उनको बताना चाहता हूं कि आज तक हम मीराबाई का, ध्रुव-प्रहलाद का इतिहास पढ़ते आये हैं, जिनसे हमें पता लगा कि भक्ति से उन्हें कितने लाभ हुए। लेकिन आज नकली संतों द्वारा कहा जाता है कि कर्म तो भोगना ही पड़ता है क्योंकि उनके पास सही भक्ति नहीं है इसलिए उनके द्वारा बताई गई भक्ति से कोई लाभ नहीं होता। परंतु संत रामपाल जी महाराज ने सिद्ध करके बताया है उनकी जो भक्ति है वह शास्त्रों से प्रमाणित है और सबसे बड़ा तो उन्होंने मोक्ष का मार्ग बता दिया और जो लाभ वह देते हैं उनका कोई अंत नहीं। यह लाभ देखकर ही विश्वास हुआ कि वास्तव में दुनिया में आज भी भगवान है और भक्ति करने से लाभ भी होता है।


लोग बोलते हैं कि साइंस इस बात को बिल्कुल नहीं मानती लेकिन मैं उनसे कहना चाहती हूं साइंस इस चीज को तब तक नहीं मानती जब तक खुद उनके ऊपर नहीं बीतती। जब उनके ऊपर दु:ख आएंगे तब उन्हें भगवान याद आएगा तब उन्हें विश्वास होगा कि वास्तव में जो सब बोलते हैं वह सच है। साइंस बनाई किसने है साइंस भी तो भगवान ने ही बनाई है। उन्होंने ही तो हमें इतना दिमाग दिया है कि हम साइंस पर जोर दें हालांकि भगवान के बिना कुछ भी संभव नहीं है और आज संत रामपाल जी महाराज से हमें इतने लाभ मिले तब हमने महसूस किया कि ऐसे भी लाभ हो सकते हैं और भगवान हमें सब कुछ दे सकता है। और संत रामपाल जी महाराज के जेल में जाने का सवाल है तो संत रामपाल जी महाराज जेल में नहीं गए जेल में तो हम हैं पिछले 5 सालों से। यह सब कुछ हमारे लिए ही कर रहे हैं।

 

दयानंद सरस्वती के चेलों ने जितने आरोप लगाने थे संत रामपाल जी महाराज पर उतने आरोप लगा दिए और सबसे ज्यादा मीडिया वालों ने, मीडिया तो इतना बेकार है कि उन्होंने तो इतनी अफवाह फैलाई हैं, इतनी गंदी चीजें दिखाई हैं और लोगों ने उनके ऊपर विश्वास भी कर लिया। मैं उन लोगों से कहना चाहती हूं कि क्या कोई मां-बाप अपनी जवान बेटा-बेटी को ऐसी जगह पर भेजेगा? क्या वह लोग पागल हैं? क्या उन्हें पता नहीं कि उनके बेटा-बेटी कहां जा रहे हैं, कहां नहीं जा रहे? लोगों की बातों पर विश्वास करने से अच्छा है कि आप संत रामपाल जी महाराज जी को खुद सुने। संत रामपाल जी महाराज ने आज सारे ग्रंथ खोल-खोल कर दिखाए हैं। आप लोगों का क्या जाता है अगर आप 5 मिनट भी अपने ग्रन्थों को खोल कर देख लेंगे कि संत रामपाल जी महाराज बता क्या रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने खुद कहा है कि मैं अपनी तरफ से कुछ नहीं बताता तुम अपने शास्त्रों से स्वयं मिलान करके देख लो कि शास्त्रों में क्या सच्चाई लिखी। तो मेरी आपसे रिक्वेस्ट है कि आप सिर्फ 5 मिनट संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुन लो फिर आपको खुद पता लग जाएगा कि संत रामपाल जी महाराज क्या ज्ञान बता रहे हैं और लोग क्या झूठ फैला रहे हैं।


और आज पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक मिसाल कायम की है। सरकार ने कितने प्रयास किये दहेज न लेना है न देना है लेकिन कहीं पर भी यह नियम लागू नहीं हो पाया। लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी ने यह मिसाल कायम की है कि उनके अनुयाई लाखों की संख्या में दहेज मुक्त विवाह कर रहे हैं। जिसमें किसी भी प्रकार का कोई दहेज नहीं लिया जाता। आज वास्तव में संत रामपाल जी महाराज से उपदेशी कोई भी बेटी किसी भी बाप के ऊपर बोझ नहीं है। आज लोग लाखों रुपए खर्च करते हैं फिर भी यह गारंटी नहीं है कि आपकी बेटी सुखी रहेगी इसलिए मेरा निवेदन है कि आप एक बार संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनकर देख लो। आपको खुद आनंद महसूस होगा जब आप कोई दहेज मुक्त शादी देखोगे।


मेरा समाज को संदेश

मैं भगत समाज को और पूरे युवा वर्ग को यह संदेश देना चाहती हूं, यह रिक्वेस्ट करती हूं कि आज जितना भी फैशन का दौर है यह सिर्फ 4 दिन की चांदनी है क्योंकि जब हमारे ऊपर थोड़ा सा भी कष्ट आता है तो हम सब कुछ भूल जाते हैं कि हम कल क्या कर रहे थे, क्या आप मौज मस्ती कर रहे थे, क्या नाच गा रहे थे? तो मेरी आपसे रिक्वेस्ट है कि आप एक बार संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुनकर देख लीजिए, आप बेशक आइएगा मत लेकिन आप एक बार सत्संग सुनकर देख लो आपको सब पता लग जाएगा कि क्या सच है और क्या झूठ। जितने भी संसार के दु:ख हैं यह केवल संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने के बाद ही ठीक होंगे। मेरी आपसे हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट है कि आप एक बार यहां आइए, यहां से नाम दीक्षा लेकर अपना जीवन सुखी बनाइये और अपना मोक्ष करवाइए।


सारांश


"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ोंअ नुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। 


संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

Post a Comment

0 Comments