अनवर अली (Anwar Ali) जी की आपबीती, संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने से जीवन में आईं खुशियां

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।

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सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।

"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है


1. अनवर अली (Anwar Ali) जी की आपबीती

2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

5. मेरा समाज को संदेश

6. सारांश


अनवर अली (Anvar Ali) जी की आपबीती

मैं अनवर अली (Anwar Ali), जिला महाराजगंज (गोरखपुर मंडल), उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ। मुस्लिम समुदाय में जन्म होने की वजह से मैं नमाज़ पढ़ना, ईद मनाना, रोजे रखना, मांस-मछली खाना आदि क्रियाएं करता था। मेरे ऊपर कोई केस लग गया था जिस वहज से मैं जेल में था और मेरी जमानत नहीं हो रही थी। जेल में हर पल अल्लाह से यही मांगता था कि हे मालिक मुझे इस जेल से रिहा कर दे फिर भी कोई लाभ नहीं मिल रहा था। यहां तक कि जेल में कैलाश नाम के व्यक्ति जो ब्रह्मकुमारी ॐ शांति पंथ से जुड़े हुए थे वे जेल में योगा सिखाते और मुरली सुनाते थे तो कुछ पण्डित लोगों के कहने से मैं भी उनके साथ ॐ शान्ति में गया। वहाँ भी मैंने यही अर्जी करी कि हे मेरे मालिक यदि आप ही पूर्ण परमात्मा हो तो हमें इस जेल से रिहाई दिलाएं, हमारी जमानत करायें, ताकि बाहर निकल कर आपकी सेवा करें। लेकिन वहाँ से भी कुछ लाभ नहीं हुआ।


संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश मैंने 11 सितंबर 2014 को लिया। संत रामपाल जी महाराज जी की शरण मे जाने का मेरा मुख्य कारण था जेल की समस्या। मेरे ऊपर काफी समय से एक केस लगा हुआ था। जिससे में बहुत परेशान था क्योंकि मेरी काफी समय से जमानत नहीं हो पा रही थी। एक दिन मुझे जेल में ही पूर्ण परमात्मा संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी ग्रंथों द्वारा प्रमाणित पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा मिली जिसको मैं पढ़ने लगा। मुझे पुस्तक पढ़ने से बहुत ही नींद और आनंद आने लगा तो मैं इसे नींद और आनंद वाली पुस्तक समझ कर पढ़ने लगा। मैं 2-4 दिन में लगातार इस अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा को पूरी पढ़ लिया और उसमें पाया कि मैं इतने दिन जिनको परमात्मा मान कर अर्जी कर रहा था वह तो पूर्ण परमात्मा है ही नहीं।

पूर्ण परमात्मा तो कोई ओर है जिसके बारे में धरती पर अवतार संत रामपाल जी महाराज स्वयं बता रहे है कि वह अल्लाह कबीर परमेश्वर है जिनके बारे में कुरान शरीफ सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत नं. 52 से 59 में प्रमाण है कि वह पूर्ण परमात्मा जिसने छः दिन में सृष्टि की रचना की और सातवें दिन सिंहासन पर विराजमान हो गए वह पूर्ण परमात्मा ओर कोई नहीं कबीर परमेश्वर जी है जिनके बारे में केवल बाख़बर बता सकता है। यह सब पढ़कर मैं हैरान हो गया कि आज तक किसी भी मौलवी, काजी या किसी भी मुस्लिम गुरूओं ने नहीं बताया। वाकई में मेरी आँखों पर पट्टी बंधी हुई थी कि जो पूर्ण बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ने खोल दी और मैंने मन में ही पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर रूपी संत रामपाल जी महाराज से अर्जी लगाई की हे मेरे मालिक मुझे इस जेल से रिहा करवाओ दाता, मुझ पर दया करो दाता। मैंने रात को 12 बजे तक किताब में कुछ भक्तों के इंटरव्यू दे रखे थे वह पढ़ा और दूसरे दिन मेरी कोर्ट में पेशी थी मैं वहाँ गया और पेशी होने के पश्चात् में जेल को आया। उसी समय वकील साहब जेल में आकर बोले कि आपकी जमानत हो गयी। मेरा खुशी का ठिकाना नहीं रहा मैं मन ही मन पूर्ण परमात्मा संत रामपाल जी महाराज जी को धन्यवाद देने लगा कि हे मेरे मालिक मुझ जैसे नीच पर बहुत दया करी आपने। जेल से रिहा होने के तुरंत बाद ही मैंने परमात्मा संत रामपाल जी महाराज जी से 11 सितंबर 2014 को नामदीक्षा लेकर भक्ति शुरू कर दी।

नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

जब मैने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली तब से मुझे इतने लाभ हुए जिनको मैं शब्दो में नहीं बता सकता। एक दिन मैं चाचाजी से मिलने गया वह रो रो कर बता रहे थे कि उनकी किडनियां खराब हो गई, बहुत इलाज करवा लिया। यहां तक डॉक्टर ने समय रहते डायलिसिस करने को कहा है। मैंने उनसे कहा की आप पूर्ण गुरू संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा ले लीजिए आपकी सारी दुःख तकलीफ दूर हो जाएंगी और मालिक की दया से वह मान गए। मैं और मेरे चाचाजी दोनों हरियाणा चले गए जहां मालिक सत्संग कर रहे थे वहाँ जाते ही मेरे चाचाजी के 10-15 साल से प्रेत बाधा थी वह जोर जोर से रोने लगी तो वहाँ कुछ भक्तजन बैठे हुए थे कहने लगे की इनको जल्दी ही परमात्मा से नामदीक्षा दिला दो और हम गुरुजी से नाम दीक्षा लेने चले गए।

 

पूर्ण परमात्मा कबीर संत रामपाल जी महाराज की ऐसी दया हुई कि चाचाजी की प्रेत बाधा दूर हो गई ओर तो ओर मेरी पीठ में बहुत दर्द होता था मुझे उठा बैठा नहीं जाता था। गुरुजी संत रामपाल जी महाराज जी से अर्जी लगाने पर वह तकलीफ भी एक दम ठीक हो गई। क्या क्या बताऊँ मेरे मालिक आपके बारे मैं मेरे पास शब्द नहीं है दाता। आप इतने दयालु हैं कि मुझ जैसे नीच पर जिसने निर्दोष बेजुबान जीवों की हत्या की उनके पापों से मुझे बचा लिया। मेरे जैसे कठोर हृदय में दया भाव केवल आपके ही कारण उत्पन्न हुई हे मेरे मालिक। आप अपनी दया, अपना आशीर्वाद इस नीच पर सदा बनाये रखना मेरे दाता।

नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

जब मैंने संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक ज्ञान गंगा पढ़ा तब मुझे सारी सच्चाई पता लगी। जब मैंने अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा को पूरी पढ़ लिया और उसमें पाया कि मैं इतने दिन जिनको परमात्मा मान कर अर्जी कर रहा था वह तो पूर्ण परमात्मा है ही नहीं। पूर्ण परमात्मा तो कोई ओर है जिसके बारे में धरती पर अवतार संत रामपाल जी महाराज स्वयं बता रहे है कि वह अल्लाह कबीर परमेश्वर है। जिनके बारे में कुरान शरीफ सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत नं. 52 से 59 में प्रमाण है कि वह पूर्ण परमात्मा जिसने छः दिन में सृष्टि की रचना की और सातवें दिन सिंहासन पर विराजमान हो गया, वह पूर्ण परमात्मा ओर कोई नहीं कबीर परमेश्वर जी है जिनके बारे में केवल बाख़बर बता सकता है।


मेरा समाज को संदेश

आज तक हमने इतनी भक्ति साधना की लेकिन उसका कोई लाभ नहीं मिला। कोई अकाल मृत्यु से मर रहा है, कोई भूखा मर रहा है, कोई कैंसर से मर रहा है क्योंकि हमारी भक्ति विधि शास्त्र के अनुसार नहीं है। पवित्र कुरान शरीफ के अनुसार बाख़बर संत रामपाल जी महाराज सत भक्ति बता रहे हैं। समय रहते आप भी संत रामपाल जी महाराज को पहचाने और उनकी शरण ग्रहण कर अपना कल्याण करवाएं।


सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ोंअ नुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। 

संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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