संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।
सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है
- 1. महेन्द्री (Mahendri) जी की आपबीती
- 2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
- 3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
- 4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
- 5. मेरा समाज को संदेश
- 6. सारांश
महेन्द्री (Mahendri) जी की आपबीती
मेरा नाम महेन्द्री (Mahendri) है। मैं ग्राम - दांतल, कंकड़खेड़ी के पास, जिला - मेरठ (उत्तरप्रदेश) से हूँ। संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा लेने से पहले भी मैं भक्ति-साधना करती थी। मैं 35 साल से राधास्वामी पंथ से जुड़ी हुई थी। 35 साल राधास्वामी की भक्ति करते-करते भी मेरे शरीर में कष्ट हो गया। मेरे पैरों में दर्द हो गया, चला नहीं जाता था और जब चलती थी तब सांस फूल जाता था। खाट पर पड़ने और शायद मरने तक कि नौबत आ गयी थी।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
मैंने संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा सन् 2014 में ली। मैं कंकड़खेड़ी गयी थी। एक प्रतीक नाम का भक्त था। उसके पास मैं किसी काम से गयी थी। वहां संत रामपाल जी महाराज का फोटो लगा हुआ था तो मैंने पूछा कि तुमने किसी का नाम लिया हुआ है? तो उसने कहा हां लिया हुआ है। मैंने पूछा किसका तो बोला कि हरियाणा वाले का। उसने पूछा कि आपने किसी का ले रखा है तो मैंने कहा कि राधास्वामी से ले रखा हैं। उसने मेरे हाथ में "ज्ञान गंगा" पुस्तक दे दी और कहा कि बुआजी इस पुस्तक को पढ़ना तो मैंने कहा हाँ पढूंगी।
म्हारे गुरुजी के सिर पर जो कबीर साहेब का फोटो है वह देखते ही सारे शरीर में रोम-रोम खिल गया। सन् 1994 में कबीर साहेब ने कंकड़खेड़ी के पास सुबह-सुबह मैं गऊ घेरने आ रही थी, पूर्णमासी का दिन था, चांदनी चटक रही थी तो वो आ रहे थे तो मैं वहीं खड़ी हो गयी कि पता नहीं आज तो कौन आ रहा है, भूत है या कोई ओर। उन्होंने मेरा सिर पार करके फिर पूर्व की तरफ मुड़ गए। गांव में उनका कोई भक्त नहीं था और ना ही आज है। फिर मैंने जाकर उनकी फोटो देखकर बरवाले से संत रामपाल जी से नाम लेकर आई, जब पुस्तक में देख लिया तो सोच लिया कि यही से नाम लेकर आऊंगी और उसी समय वह पहले वाली भक्ति छोड़ दी थी। वो भक्ति छोड़कर फिर संत रामपाल जी महाराज की भक्ति करी तो मेरे सारे दुःख दूर हो गए
नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव
संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने के बाद मुझे परमात्मा की सच्ची भक्ति मिल गयी। जो कि सबसे बड़ा लाभ मुझे हुआ। मेरे पैरों में दर्द हुआ था तो कोई इसे बाय बताया, कोई बात, कोई नशों की कमजोरी, तो कोई कुछ। मैंने दवाई भी खाई पर मेरे दवाई से कोई आराम नहीं हुआ। फिर मैं संत रामपाल जी महाराज की शरण में गयी तो मेरा वो दुःख भी दूर हुआ और मेरा सांस फूल रहा था वो भी समाप्त हुआ। राधास्वामी से नाम लेने के बाद उनकी बताई भक्ति 2-3 घण्टे बैठकर करने से उस बैठक से पैरों का दर्द शुरू हो गया था। वो कान भी बंद करवाते थे कि आधा घण्टा कान बन्दकर भक्ति करो। उल्टे कान में आवाज आएगी तो काल की आएगी और सीधे में आएगी तो दयाल की आएगी। मुझे न तो काल की आयी और ना ही दयाल की आयी। मैंने तो ऐसे ही 35 साल डढ़े ढोये। मेरे सांस की बीमारी थी और मैंने दवाई बहुत खाई। और जब मैंने संत रामपाल जी महाराज की भक्ति करी तो मेरा सारा ही दुःख दूर हो गया। सांस की बीमारी दूर हो गयी।
नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने के बाद मुझे परमात्मा की सच्ची भक्ति मिल गयी। अब सतलोक जाने का रास्ता मिल गया। जबकि पहले मैंने 35 साल राधास्वामी पंथ से जुड़कर भक्ति के नाम पर डढ़े ही ढोये थे क्योंकि उस भक्ति से मुझे कोई आध्यत्मिक उपलब्धि ही नहीं मिली। संत रामपाल जी महाराज की दी हुई भक्ति मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। उनके दिए मन्त्र शास्त्र प्रमाणित और सच्चे मन्त्र हैं। उनकी भक्ति से यहां भी शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक लाभ हो रहे हैं और मोक्ष भी मिलेगा। जबकि राधास्वामी पंथ वाली भक्ति शास्त्रविरुद्ध भक्ति है जिससे कोई लाभ नहीं मिलने वाला।
मेरा समाज को संदेश
जो भाई-बहन मेरी तरह दुःखी हैं, कैंसर से पीड़ित या उन्हें सांस की समस्या है वे सभी भाई-बहन संत रामपाल जी महाराज की शरण में आओ, मोक्ष और अपना कल्याण कराओ। यहां आपका सम्पूर्ण कल्याण होगा। संत रामपाल जी महाराज का सत्संग विभिन्न TV चैनलों पर आता है। उसमें नीचे पीली पट्टी पर आश्रम के नम्बर आते हैं। आज हर जिले में जगह-जगह पर नामदान केंद्र खुले हुए हैं। आप उन नम्बरों पर सम्पर्क करके अपने नजदीकी नामदान केंद्र का पता प्राप्त कर सकते हो और फिर वहां जाकर संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा ले सकते हो और अपना कल्याण करा सकते हो।
सारांश
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ोंअ नुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।
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बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो। सत साहिब।
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