विजय सिंह (Vijay Singh) जी की आपबीती, संत रामपाल जी से प्राप्त सतभक्ति से जीवन में आईं खुशियां

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।

सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।

"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है


  • 1. विजय सिंह (Vijay Singh) जी की आपबीती
  • 2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
  • 3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
  • 4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
  • 5. मेरा समाज को संदेश
  • 6. सारांश



विजय सिंह (Vijay Singh) जी की आपबीती

मेरा नाम विजय सिंह (Vijay Singh) है। मैं जिला - शाहजहांपुर, उत्तरप्रदेश से हूँ। पहले मैं कोई भक्ति नहीं करता था। एक विश्व हरि नाम का पंथ है उसमें हम कम से कम 2 साल रहे, लेकिन हमें कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसे ही चलता रहा। मैं नशा बहुत करता था। और उस पंथ से जुड़े हुए मेरा नशा नहीं छूट पा रहा था और कोई लाभ भी नहीं हुआ।

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा मैंने 5 फरवरी 2013 को ली। मेरे गांव में एक रामावतार दास हैं जो संत रामपाल जी महाराज जी से पहले ही जुड़ चुके थे। उन्होंने हमें बताया था कि ये सत्संग सुना करो और ऐसे-ऐसे एक संत हैं तो हम तो साकार विश्व हरि को भगवान मान चुके थे। उनके जितने शिष्य हैं वो उनको विष्णु भगवान माना करते थे। इस वजह से हम उस भक्त की कोई बात नहीं सुना करते थे। हम बोलते थे आप झूठ बोल रहे हो, जो भी है वो साकार विश्व हरि जी ही हैं। लेकिन एक दिन क्या हुआ एक मेरे मोहल्ले का लड़का है उसके मोबाइल में मैंने सुन लिया था "कौन ब्रह्मा का पिता है, कौन विष्णु की माँ, कौन शंकर का दादा है, हमको दे बता।" ये बात मेरे कानों में पड़ गयी। हम तो विष्णु भगवान को ही माना करते थे कि इनसे बड़ा कोई नहीं है। तो मैंने उससे कहा कि ये एक बार फिर से सुना तो उसने फिर से सुनाया।

फिर मैंने कहा ये पूरा सत्संग मेरे मोबाइल में डाल दे। पहले मैं साकार विश्व हरि से जुड़ा हुआ था तो फिल्में देखा करता था लेकिन उस दिन मैंने वो सत्संग सुनी। उस सत्संग में संत रामपाल जी महाराज जी धर्मदास जी का प्रकरण बता रहे थे हमने वो प्रकरण सुना। फिर हम भक्त रामावतार जी के घर गए तो उन्होंने हमें "ज्ञान गंगा" पुस्तक दी। वो पुस्तक मैंने पढ़ी। उस पुस्तक में सृष्टि रचना थी वो मैंने एक बार ही पढ़ी, मुझे सारी समझ में आ गयी। फिर मैं बस यही सोचने लगा कि संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा मिले। फिर मैं आश्रम गया और वहां पर संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा ली और भक्ति करने लगे।

नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव

संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा लेने के बाद हमें बहुत लाभ हुए। जैसे हमारे सन्तान नहीं थी शादी को 13-14 साल हो गए थे। डॉक्टरों से इलाज करवाया कोई फायदा नहीं हुआ। संत रामपाल जी महाराज से एक दिन दास(मैंने) ने प्रार्थना कर ली कि मालिक जगत वाले बोल रहे हैं कि आपके बच्चा नहीं हैं। फिर भी कोई टेंशन नहीं थी। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की दया से 14 साल बाद मेरे बेटा हुआ। मेरी पत्नी की डिलीवरी होनी थी तो हम उनको अस्पताल ले गए। वहां 5 ही मिनट लगे डिलीवरी हुई और बच्चे का जन्म हुआ। वहीं पर हमारे गांव के ओर लोग भी थे जिनकी 2 दिन से डिलिवरी नहीं हो पा रही थी, बहुत परेशान थे। उनको शाहजहांपुर रेफर कर दिया गया था और बड़े ऑपरेशन से उनका जन्म हुआ। हमारी पत्नी की बिल्कुल सामान्य डिलीवरी हुई संत रामपाल जी महाराज की दया से। ये बहुत बड़ा लाभ हुआ। 

हमारी माताजी के किडनी और गुर्दे की समस्या थी, काफी इलाज कराया। हमारे पास में ही कुठार में ए पी सिंह अस्पताल है उसमें इलाज करवाया। वहां वो 6-7 दिन भर्ती भी रहीं लेकिन उन्होंने मना कर दिया। चेकअप करवाया तो उन्होंने बोला कि इनको गुर्दा और किडनी की काफी बड़ी समस्या है, इनको किसी बड़े अस्पताल में ले जाओ। तो मैंने उनसे कहा कि इतना पैसा नहीं है कैसे इलाज करवाएं तो बोले कि आयुष्मान कार्ड जो बना हुआ है उससे इनका इलाज करवा लो और मैं बरेली के लिए इनको रेफर कर दे रहा हूँ। तो मैंने कहा ठीक है डॉक्टर साहब, तो उन्होंने अपने जानकार बरेली के डॉक्टर के पास हमें रेफर कर दिया।

हम बरेली में जाकर जब गंगासील अस्पताल में पहुंचे और डॉक्टर से मिले तो उन्होंने बोला कि इनको इमरजेंसी में भर्ती करना पड़ेगा। तो मैंने कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं और मैं आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाना चाहता हूं तो उन्होंने मना कर दिया कि आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं होगा। हमने उनसे काफी प्रार्थना की लेकिन वो नहीं माने। उधर दूसरे अस्पताल में लेकर गए हम अपनी माताजी को तो वो बोले कि डॉक्टर नहीं है 6-7 दिन बाद आएगा। वहां से हम अपनी माताजी को गोद लेकर वापस चले आये। जो नेट पर थोड़ी-बहुत दवाई देखी वो जड़ी-बूटी वाली दवाई बनाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पानी पिलाते तो वापस उल्टा कर देती। खाना 15-16 दिन से नहीं खा पा रही थी। तो हमने सोचा कि अब ये नहीं बच पाएगी तो फिर उन्हें वापस कुशलोक अस्पताल में लेकर गए कि अब तक तो डॉक्टर आ गए होंगे। वहां गए तो उन्होंने मना कर दिया कि नहीं होगा इलाज।

फिर गंगासील में लेकर गए तो वहां भी मना कर दिया। ऐसे 2 बार हम बरेली लेकर गए लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ तो फिर हम घर बैठ गए। फिर संत रामपाल जी महाराज जी के जो आश्रम के प्रार्थना वाले नम्बर हैं उन पर प्रार्थना की कि मेरी माँ बीमार है, गुर्दे और किडनी की समस्या है, मरने की कगार पर है। मालिक से प्रार्थना है कि क्या आदेश है मालिक का। तो जब मैंने दुबारा वो नम्बर लगाया तो उधर से गुरुजी संत रामपाल जी महाराज का आदेश आया कि आपकी माताजी ठीक हो जाएंगी। लेकिन ये मन नहीं मान रहा था क्योंकि माताजी की जो हम दशा देख रहे थे, 15-16 दिन से वो खा-पी नहीं रही थी, बेड पर पड़ी हुई थी और खून भी नहीं था शरीर। 

लेकिन एक आदेश आया था साथ में संत रामपाल जी महाराज का कि इनका नाम शुद्धिकरण करवा देना जबकि मेरी माताजी जब से बरवाला कांड हुआ था तब से तारीख पर नहीं पहुँची थी। जैसे ही संत रामपाल जी महाराज के नामदान केंद्र बरेली पर पहुँचे और माताजी का नाम शुद्धिकरण करवाया वैसे ही उनको लाभ मिलना शुरू हो गया। अब उनकी सारी बीमारी भाग गई। संत रामपाल जी महाराज की दया से आज वो बिल्कुल ठीक है और परमात्मा की भक्ति कर रहीं हैं। मेरे लीवर की बीमारी थी, बहुत परेशान था। कई डॉक्टरों को दिखाया, करीब 6-7 साल तक इलाज करवाया, बहुत पैसा लगा दिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लेकिन संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना की तो गुरुजी ने कहा कि ठीक हो जाओगे। फिर मैं ठीक हो गया, कोई दवाई नहीं खाता और बिल्कुल स्वस्थ हूँ। आराम से परमात्मा की भक्ति कर रहा हूँ। 


नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

संत रामपाल जी महाराज के दिए मन्त्रों के जाप से मेरी माताजी की बीमारी ठीक हो गयी जिसके बारे में डॉक्टरों ने भी मना कर दिया था कि इनका इलाज नहीं हो सकता। मेरी माताजी आज बिना दवाई खाये संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताई गई भक्ति करने से बिल्कुल ठीक हैं।

मेरा समाज को संदेश

मेरी भक्त समाज से प्रार्थना है कि आपको जो भी समस्या है, जो भी कष्ट हैं, संत रामपाल जी महाराज की शरण में आओ, नामदीक्षा लो और अपना कल्याण कराओ। यहां भी सुख होगा और मोक्ष भी मिलेगा। संत रामपाल जी महाराज का सत्संग विभिन्न चैनलों पर आता है जैसे साधना चैनल पर शाम 07:30 बजे आता है। उस सत्संग में नीचे एक पीली पट्टी आती है जिस पर आश्रम के नम्बर लिखे होते हैं। आज हर जिले में संत रामपाल जी महाराज के नामदान केंद्र खुल गए हैं तो आप उन नम्बरों पर कॉल करके अपने नजदीकी नामदान केंद्र का पता प्राप्त कर सकते हो और वहां जाकर संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा ले सकते हो।


सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ोंअ नुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। 

संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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