सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship | ओमपाल सिंह (Ompal Singh) Interview | Spiritual Leader Saint Rampal Ji

जानिए सतभक्ति से प्राप्त हुए लाभ-Benefits of True Worship के बारे में ओमपाल सिंह (Ompal Singh) जी की आप बीती संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील (Social worker)। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। संत जी का ज्ञान अद्वितीय है। और उनकी सबसे बड़ी बात यह है कि वह सभी पवित्र शास्त्रों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।

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"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship"  प्रोग्राम में समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे लेकिन संत जी के द्वारा बताई गई सद्भक्ति से सभी समस्याएं खत्म हो गई और एक नई ज़िंदगी मिली। जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण है। तो आज हम इसी प्रोग्राम के तहत आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको ना केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।


"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है


  • आप बीती ( लोगो की दुख भरी कहानियां)
  • प्रेरणा (संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की)
  • बदलाव ( नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी)
  • अनुभव (नाम लेने से पहले और बाद का)
  • समाज को संदेश
  • सारांश


ओमपाल सिंह (Ompal Singh) जी की आपबीती

मेरा नाम ओमपाल सिंह (Ompal Singh) है। मैं न्यू मुलतान नगर, बोला रोड़, मेरठ (उत्तरप्रदेश) से हूँ। संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा लेने पहले भी हम भक्ति-साधना करते थे। हमने नांगली से नाम लिया हुआ था। हमारे ताऊजी महात्मा बने हुए है हमारी याद से भी पहले और हमने वहां से नाम लिया हुआ था।  वो हम भक्ति करते थे लेकिन हमें कोई लाभ नही हुआ। हमारी घरवाली बीमार रहती थी। जो भी  क्रियाएं उन्होंने बताई वो सब असफल रही और उनसे हमें कोई लाभ नही मिला।

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

मैंने संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा 28 मार्च 2013 में ली। हुआ यूं कि हमने संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग TV पर देखा और सत्संग के इंटरव्यू में एक भगत की वार्ता सुनी। उस वार्ता के अनुसार हमारी वही स्थिति थी जो उनकी थी। हम भूत-बाधा से बहुत परेशान थे और इसी वजह से हम संत रामपाल जी महाराज की शरण में गए और नामदीक्षा ली। 

नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव

संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करने के बाद हमें बहुत लाभ हुए। जब हम जा रहे थे संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा लेने के लिए उस समय जींद से पहले एक बार ट्रैन रुकी थी तो हम बीड़ी पीने के लिए नीचे उतरे थे। मैं बीड़ी-तम्बाकू का सेवन बहुत करता था। तो जैसे ही हमने बीड़ी लेकर पी तो उस बीड़ी में हमारे ऊपर का हिस्सा सुन्न कर दिया। तो हम ऐसे लड़खड़ाने लगे जैसे हमने दारू पी हो। तो हमने सोचा कि अब बीड़ी भी हमें शूट नही होगी और आज के बाद हम इस बीड़ी को हाथ भी नही लगाएंगे संत रामपाल जी महाराज की कृपा से।

हमारी माताजी भूत-बाधाओं के कारण पागल हो चुकी थी। और भूत-बाधाएं मेरी घरवाली को परेशान करती थी वो कहती थी कि हम तुझे भी ऐसे ही परेशान करेंगे जैसे हमने इसको किया है। तो एक बाबा मोहन राम का एक भगत था लौनी के अंदर तो उस भगत को हमने दिखाया। वो भगत ऐसा था कि देखते ही बता देता था कि आप इस काम से आये हो तो उसने हमें बताया कि आपको 7 चौकी भरनी होगी कालखा की। तो हमने 7 चौकी कालखा की भरी। पहली चौकी में ही कालखा ने हमारी घरवाली को दर्शन दिए और बुखार चढ़ा दी जबकि हमें ये ही नही पता था कि आप सप्तमी है जब कैलेंडर में देखा तो पता चला कि आज सप्तमी और आज हमें कालखा जाना है। तो इसी तरह हमने 7 चौकी कालखा की भरी और उसका एक हाथ का दर्द खत्म नही हुआ।

फिर जब 7 चौकी खत्म होने के बाद हम उस भगत के पास गए तो उसकी वो ही पोजीशन दुबारा होना शुरू हो गयी। तो हमने कहा भगत जी आपने जो क्रिया बताई वो ही हमने की फिर भी इसकी वो ही पोजीशन होती जा रही है। तो उसने कहा इसके लिए तो तेरा बाबा है वो स्याना भगत है, वो गड़बड़ कर रहा है। तो हमने कहा कि वो स्याना भगत जो हमारा बाबा है क्या वो खोली वाले से बड़ा हो गया जिसकी आप पूजा बता रहे हो? तो उसने हारकर हमें एक ही जवाब दिया कि एक को एक रखा है तो हमें जवाब ये मिल गया कि इसके द्वार पर भी कोई उपचार नही है। फिर हम उसके बाद भी कई भगतों के पास गए, बालाजी के गए। बालाजी के वहाँ कई दिन हम रहे, वहां प्रेतराज पर जो क्रियाएं थी जैसे लड्डू फेंकना आदि क्रियाएं उसने बताई वो सब हमने की।

लेकिन वहाँ भी हमें निराशा हो मिली। फिर हमने संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुना और सत्संग में हमने हमारी आपबीती सुनी तो आशा की किरण जगी कि शायद हमारा यहां उपचार हो सके। वहां से हमने सम्पर्क नम्बर लिखे और निकल पड़े। रास्ते में उन नम्बरो पर फ़ोन किया और तब जाकर बरवाला आश्रम में पहुंचकर संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा ली। नामदीक्षा लेने के बाद हमारी घरवाली के सिर पर संत रामपाल जी महाराज ने हाथ रखा तो धीरे-धीरे उनके शरीर की सूजन समाप्त हो गयी। जो उसकी 20-21 साल की भूत-बाधा थी वो समाप्त हो गयी संत रामपाल जी महाराज की कृपा से। 

हमारी लड़की को दौरे आते थे जब वो 7-8 साल की थी तब से ही। जब हम संत रामपाल जी महाराज जी से नही जुड़े थे उससे पहले तो उसके पैर में कोई चीज ऐसे प्रवेश करती थी जिससे उसका पैर ऐंठन करना शुरू कर देता था। उसके शरीर एक तरफ हो जाता था और मुंह में झाग आ जाते थे। थोड़ी-थोड़ी देर में उसकी हालत खराब हो जाती थी। फिर जब संत रामपाल जी महाराज की शरण में हम गए तब जाकर हमें उस परेशानी से निजात मिली।

मैं भी बीड़ी- छोड़ नही पाया। जब संत रामपाल जी महाराज की कृपा से हैं मिले थी। आज हमें बीड़ी-सिगेटर भी पीने वाला कोई मिल जाता है तो पहले सांस बंद करके उससे दूर जाते है। हमारी आत्मा स्वीकार करती उस धुंए को ग्रहण करने के लिए, चक्कर आते थे, शरीर में मेरे एसिड बनता था और एक हिस्सा ठंडा हो जाता था। मेरी हालत ऐसे होती थी कि मुझे लगता था कि शायद अब तेरे प्राण ही छूटेंगे तब जाकर तेरा पीछा छूटेगा। संत रामपाल जी महाराज ने वो समस्या भी दूर की जबकि मेरी स्थिति ऐसी थी कि कुंडी किसी ने फड़फड़ाई तो सीधा मेरे दिल पर लगती थी। फोन भी मैंने दूर रख दिया था कि शायद मरकर ही तेरा पीछा छूटेगा। लेकिन संत रामपाल जी को फोन करके प्रार्थना लगवाई तब जाकर मुझे आराम मिला। एनर्जी सी मुझे महसूस हुई जैसे कोई शक्ति मेरे अंदर प्रवेश कर गयी हो।


नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

संत रामपाल जी महाराज जी की बताई हुई भक्ति पूर्णतः शास्त्रानुकूल भक्ति है। वेदों से, गीता से, बाइबिल से, कुरान शरीफ आदि सभी पवित्र शास्त्रों से उन्होंने ये भी प्रमाणित कर दिया कि कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा है। इन्ही की भक्ति से हमारे पापकर्मो का नाश हो सकता है।

मेरा समाज को संदेश

मैं भक्त समाज से यही कहना चाहूंगा कि संत रामपाल जी महाराज जो भक्ति बता रहे है वो शास्त्रों से प्रमाणित है। वेदों से, गीता से, बाइबिल से, कुरान शरीफ से उन्होंने ये भी प्रमाणित कर दिया कि कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा है और इन्ही की भक्ति से हमारे पापकर्मो का नाश हो सकता है।

संत रामपाल जी महाराज का साधना चैनल पर शाम 07.30 बजे से और अन्य अनेको चैनलो पर सत्संग प्रोग्राम आता है। उस सत्संग में नीचे पीली पट्टी चलती है जिस पर आश्रम के नम्बर लिखे होते है। उन नम्बरो पर आप फ़ोन करके आप आपके नजदीकी नामदान केंद्र का पता प्राप्त कर सकते है और वहां से आप संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा ले सकते है।


सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" प्रोग्राम में आपको जो भी बातें बताई गई है वह पूर्णतया सत्य है। आप चाहें तो इन बातों का निरीक्षण भी कर सकते हैं।

आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि हर बीमारी का इलाज सत भक्ति से ही संभव है। और यह बात हमारे पवित्र शास्त्र भी प्रमाणित करते हैं की वह परमात्मा अपने साधक के अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है। असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं।

संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद पवित्र शास्त्रों के अनुसार है। और पवित्र गीता जी में जिस तत्व दर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई और नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा मोक्ष मार्ग प्राप्त करे और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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