संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।
सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है
- 1. अशोक कुमार (Ashok Kumar) जी की आपबीती
- 2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
- 3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
- 4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
- 5. मेरा समाज को संदेश
- 6. सारांश
अशोक कुमार (Ashok Kumar) जी की आप बीती
मेरा नाम अशोक कुमार (Ashok Kumar) है। मैं आगरा, उत्तरप्रदेश से हूँ। संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा लेने से पहले मैं परम्परागत भक्ति ही करता था।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा मैंने 28 मई 2013 में ली थी। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य थे। एक दिन मैं उनके ऑफिस में गया हुआ था। वहां संत रामपाल जी महाराज की फ़ोटो लगी हुई थी और वो उनको दण्डवत प्रणाम कर रहे थे। तो मैंने कहा भाई आप ये क्या कर रहे हो? उन्होंने कहा कि ये परमात्मा हैं और मैं उनको दण्डवत प्रणाम कर रहा हूँ। तो मैंने कहा कि भगवान तो कृष्ण भगवान हैं ये कैसे भगवान हो सकते हैं? तो उन्होंने कहा कि ये पुस्तक "ज्ञान गंगा" ले जाइये और इसको पढ़िए। मैं उस पुस्तक को ले गया और घर जाकर उस पुस्तक को पढ़ा। उसमें से सृष्टि रचना को जब मैंने पढ़ा तो मुझे पता चला कि वास्तव में भगवान तो कोई ओर है। उसके बाद फिर मैं फड़फड़ाने लगा कि कैसे भी मैं आश्रम में पहुँचू। फिर मैं और मेरा एक साथी दोनों मिलकर बरवाला आश्रम में गए और संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा ली। नामदीक्षा लेकर हम अपने घर पर आ गए।
नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव
पहले मैं शराब बहुत पीता था। शराब पीने के कारण मेरे लीवर और किडनी दोनों में दिक्कत आ गयी। मेरे को जोइंडिस हो गया था जिसका मैंने इलाज करवाया तो डॉक्टरों ने मेरा लीवर खराब बताया, किडनी में भी इंफेक्शन बताया। डॉक्टरों ने स्पष्ट तौर पर बताया कि आपको आजीवन दवाईयां खानी पड़ेगी। यानी कि फेटिलिवर बता दिया था कि आपको फेटिलिवर हो गया है आपको आजीवन दवाईयां खानी पड़ेगी। फिर मैंने संत रामपाल जी महाराज से उपदेश लिया और उपदेश में मिले मन्त्रों का घर पर जाप करता था। उन मन्त्रों का जाप करने से धीरे-धीरे मुझे आराम मिलने लगा। मेरा खाना पच जाता था जैसे सुबह मैं कैप्सूल खाता था, गोली खाता था उससे मेरा खाना पचता था तो खाना खाने के बाद फिर मैं मन्त्रों का जाप करता था तो उन मन्त्रों के जाप से मेरा पेट खाली हो जाता था। ये विशेष लाभ मुझे मिला। मेरी ये सारी बीमारियां खत्म हो गईं। आज मैं पूरी तरह निरोगी हूँ और मुझे किसी भी प्रकार की कोई भी दवाई लेने की जरूरत नहीं है। मेरे पास रिपोर्ट्स भी हैं जिसमें पहले मुझे ये सारी बीमारियां थीं और अब संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा लेने के बाद मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ।
मेरी पत्नी दिमाग से कमजोर थी। इससे उनको भी दिक्कत होती थी तो उनको भी मैं संत रामपाल जी महाराज की शरण में लेकर गया और उपदेश लेने के बाद वो भी स्वस्थ हो गयी। मेरे छोटे बेटे के पेट में गांठ थी, उसके पेट में दर्द होता था। मैंने उसका डॉक्टर से अल्ट्रासाउंड वगैरह करवाया। डॉक्टर ने उसका ट्रीटमेंट वगैरह चलाया कि उसकी गांठे घुल जाएगी तो उसने 9 महीने का कोर्स दिया। पूरा कोर्स होने के बाद भी वो गाँठें नहीं घुली तो मैंने सोचा कि जहां मैंने उपदेश लिया वहीं संत रामपाल जी महाराज से इनको उपदेश क्यों न दिलवाऊं? सबसे बड़े डॉक्टर तो वहीं बैठे हुए हैं। हम घर में दो व्यक्ति ठीक हो चुके हैं तो मैं बच्चे को भी वहीं लेकर गया और उसे भी संत रामपाल जी महाराज से उपदेश दिलवाया तो उसकी भी गाँठें ठीक हो गईं, वो भी अब ठीक है संत रामपाल की महाराज जी की दया से।
नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
संत रामपाल जी महाराज जी जो भक्ति मन्त्र जाप करने के लिए देते हैं उनमें बहुत शक्ति है। मेरी जो फेटिलिवर और जोइंडिस की बीमारी डॉक्टरों से भी सही नहीं हो पा रही थी। डॉक्टरों ने भी कह दिया था कि जिंदगी भर गोलियां खानी पड़ेगी। वह संत रामपाल जी महाराज के दिए भक्ति मन्त्रों के जाप से ही दूर हो गयी। मेरी पत्नी और मेरे बेटे की बीमारियां भी संत रामपाल जी महाराज जी के दिये उन भक्ति मन्त्रों के जाप से दूर हो गयी।
मेरा समाज को संदेश
जो लोग मेरी तरह रोगों से ग्रस्त हैं उन लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि संत रामपाल जी महाराज से नाम लेने के बाद जैसे हमारे रोग समाप्त हो गए वैसे ही सभी की बीमारियां ठीक हो जाएंगी। मैं तो यही कहना चाहता हूँ कि संत रामपाल जी महाराज से सभी उपदेश लें। संत रामपाल जी महाराज का साधना चैनल पर शाम 07:30 बजे से सत्संग आता है उसमें नीचे पीली पट्टी चलती है। उसमें नम्बर आते हैं। उन नम्बरों पर सम्पर्क करें और संपर्क करने के बाद आपको आपके नजदीकी नामदान केंद्र का पता चल जाएगा जहाँ जाकर आप नामदीक्षा ले सकते हैं।
सारांश
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ोंअ नुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।
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