संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।
सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है
मनीषा शाक्या (Manisha Sakya) जी की आप बीती
मेरा नाम डॉ. मनीषा शाक्या (Manisha Shakya) है। मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ। मैं हॉस्पिटल में वार्डन नर्स के पद पर नौकरी करती हूँ। पहले मैं सभी देवी-देवताओं की पूजा करती थी और लक्ष्मी जी के व्रत रखती थी, करीबन मैंने 6-7 साल व्रत किए उनके और हम बालाजी जाते थे। इन पूजाओं के करने से मुझे कोई लाभ नहीं मिला। मुझे ये लगता था कि ये भगवान हैं और इन्हीं की भक्ति करनी चाहिए लेकिन जब हम संत रामपाल जी महाराज की शरण में आये तब हमें पता चला कि पूर्ण परमात्मा कौन है?
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
हमने संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा 20 सितम्बर 2013 को ली थी। एक दिन TV देख रहे थे तो धीरे-धीरे हमने साधना चैनल पर संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुना, संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी देवी-देवताओं के बारे में बताया जिसे देखकर हम बरवाला आश्रम गए संत रामपाल जी महाराज जी के पास।
नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव
मेरे को बचपन से सांस की बीमारी थी। सभी देवी-देवताओं की हम भक्ति करते थे उससे हमें कोई लाभ नहीं मिला, मैं बालाजी भी गयी और कई डॉक्टरों को भी दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ जबकि संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आने से मेरी सारी बीमारी दूर हो गयी। हमारे घर में मेरी मम्मी जी को भूत-प्रेत की बाधा थी और वो मानसिक रोग से ग्रस्त थी, काफी बीमार रहती थी। हम उन्हें कई मंदिरों में लेकर गए जैसे - काली माता के मंदिर में, बालाजी के मंदिर में लेकर गए। हमारी मम्मीजी सभी देवी-देवताओं के व्रत भी रखती थी और भूत-पूजा में काफी मन भी रखती थी। लेकिन उनको किसी भी चीज से कोई लाभ नहींं मिला और संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आने से हमारी मम्मी एकदम स्वस्थ हैं।
हमारे घर मे काफी लड़ाई-झगड़ा रहता था। हम बहुत परेशान रहते थे। एक-दूसरे से नफरत सी बनी रहती थी। लेकिन जब हमने बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा ली उसके बाद हमारे घर पर कोई लड़ाई-झगड़ा नहींं है और हम सुखी हैं संत रामपाल जी महाराज की दया से।
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज मुझे सतलोक लेकर गए। एक दिन सुबह परमात्मा ने कहा बेटा चलो सतलोक। मैंने कहा गुरुजी हम सतलोक कहाँ जाएंगे तो गुरुजी बोले चलो मैं आपको लेकर चलता हूँ। परमात्मा आये और बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज मुझे हथेली पर बिठा कर सतलोक लेकर गए। वहां मैंने देखा कि कबीर साहेब, पूर्ण परमात्मा विराजमान थे और काफी सारी हंस आत्माएं भक्ति कर रहीं थीं और परमात्मा ने कहा बेटा देखो यह हमारा सतलोक है और वो नरकलोक है और इधर स्वर्गलोक है, अब देखो ये सतलोक है और आपको भक्ति करनी है तो संत रामपाल जी महाराज जी से मैंने कहा गुरुजी क्या यही हमारा सतलोक है? परमात्मा ने कहा हाँ।
परमात्मा ने मुझे सतलोक दिखाया, वहां एक तरफ दूध की नदियां थी तो मैंने कहा गुरुजी ये क्या है? संत रामपाल जी महाराज जी ने कहा बेटा ये दूध की नदी है। मैंने संत रामपाल जी महाराज जी से कहा कि क्या मैं ये पी सकती हूं तो संत रामपाल जी महाराज ने कहा आप पीओ तो जब मैंने उस दूध को पीया। लेकिन फिर भी मेरा पेट नहीं भरा फिर संत रामपाल जी महाराज जी मुझे आगे लेकर गए तो मैंने देखा वहां काफी पहाड़ थे वो बहुत सुंदर थे उनमें चमक थी।
जो हमारे कबीर साहेब जी थे उनमें भी बहुत प्रकाश था। जब मैं कबीर साहेब के पास गई और उनको दण्डवत प्रणाम किया और कबीर साहेब ने मुझे आशीर्वाद दिया तो मुझे इतना अच्छा महसूस हुआ कि मेरा मन कर रहा था कि मैं नीचे ही नहीं आऊँ। आगे जाकर जब मैंने देखा तो वहां हमारे स्वामी रामदेवानंद जी गुरु थे, हमारे दादू साहिब जी भी थे तो हम उनके पास भी गए फिर संत रामपाल जी महाराज ने कहा बेटा आज आपकी रमैनी है तो संत रामपाल जी महाराज जी ने मेरी वहां रमैनी करी और वहां पर सारी हंस आत्माएं थी, पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब थे।
परमात्मा ने मुझे आशीर्वाद दिया, संत रामपाल जी महाराज जी भी थे उन्होंने भी मुझे आशीर्वाद दिया। संत रामपाल जी महाराज जी ने कहा बेटा अब नीचे चलो तो मैंने कहा गुरुजी मैं नीचे नहीं जाऊंगी तो परमात्मा ने कहा कि जितनी भी नीचे की हंस आत्माएं है उनको आपको ज्ञान समझाना है और बताना है कि धरती पर केवल एक ही पूर्ण परमात्मा है और वह है संत रामपाल जी महाराज। मैंने संत रामपाल जी महाराज जी से कहा कि गुरुजी मैं नीचे नहीं जाऊंगी तो गुरुजी ने कहा बेटा आपको नीचे जाना है और आपको धरती की सभी आत्माओं को समझाना है कि इस धरती पर एक ही पूर्ण परमात्मा है और वो है कबीर परमात्मा फिर भी मैंने संत रामपाल जी महाराज जी से नीचे जाने के लिए मना किया जबकि संत रामपाल जी महाराज जी ने कहा कि बेटा आपको नीचे जाना है और सेवा करना है और ज्ञान दूसरों को भी बताना है।
नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
मेरा समाज को संदेश
TV चैनलों पर संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग आता है उसमें नम्बर दिए होते हैं उन नंबरों पर सम्पर्क करके आप संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा ले सकते हो।
सारांश
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयायी हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।
1 Comments
ईश जगतके तारनहार परमामा सतगुरु सन्त रामपाल जि महाराज कि हरपल जय हो।कबिर परमेस्वरके आजका रुप हि सन्त रामपाल जि महाराज हे ,सत साहेब।
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