संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।
सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship की थीम इस प्रकार है
दीपिका शर्मा (Deepika Sharma) जी की आप बीती
मेरा नाम दीपिका शर्मा (Deepika Sharma) है। मैं लुधियाना, पंजाब की रहने वाली हूँ। ब्राह्मण समाज में मेरा जन्म है तो हम सारे ही देवी-देवताओं की पूजा करते थे। माता रानी की भी पूजा करते थे और जब उनसे ज्यादा कोई लाभ नहींं हुआ तो कृष्णा/लड्डू गोपाल की भी करने लगे। मेरी मम्मी मथुरा, वृंदावन गईं थीं तो वहाँ से हम दोनों बहनों के लिए भी छोटे-छोटे लड्डू गोपाल लेकर आईं थीं, हम उनकी भक्ति करते थे और मम्मी भी अपनी अलग से करती रहती थीं। मैं निजी बैंक में काम करती हूँ। मैंने MBA किया हुआ है और ILM गुड़गांव से।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
संत रामपाल जी महाराज से मैं 3 जून 2012 से जुड़ी हूँ। मेरे मम्मी-पापा जैसे मैंने बताया वो लड्डू गोपाल की पूजा करते थे तो पूजा करते-करते मेरे पापा नौकरी से सस्पेंड हो गए थे। पटवारी हैं वो जयपुर में, उनके ऊपर रिश्वत रखने का आरोप लगाया गया था। जब पापा घर पर थे और हमारे पास आय का कोई स्त्रोत नहींं था जो पहले की आमदनी थी वो ही हम उपयोग में लेते थे। उसके बाद पापा ने सोचा कि बेसमेंट में जो रद्दी पड़ी हैंं उसको निकाल देते हैं, बेच देते हैं तो ज्ञान गंगा पुस्तक निकली।
हमारे ऊपर के कमरे में किराए पर एक किरायेदार रहते थे उन्होंने मम्मी को उस समय वो पुस्तक दी थी। जब वो बहुत ज्यादा लड्डू गोपाल की भक्ति करती थीं कि चाची आप क्या ये सारे दिन लड्डू गोपाल को लिए फिरते हो, घंटी बजाती हो, माखन भोग, खाना खिलाना, नाश्ता, रात्रि का भोजन सब करवाती थीं। यहाँ तक कि उनको सुलाना, उनको सेवा करना ऐसे पूर्णतः बच्चे की तरह लाड़-दुलार, उनको घण्टों तक नहलाना, उनका चरणामृत सबको वितरित करना, उनको पंचामृत से नहलाना फिर भी पापा के साथ ये सब हो गया था तो पापा ने सोचा ज्ञान गंगा पढ़कर देखते हैं, इस पुस्तक में क्या है?
फिर जब पढा़ तो परमात्मा की दया से ज्ञान योग खुल गया और सारी ही बातें समझ में आने लगीं कि गीता जी में क्या लिखा है, पूरे संत की पहचान क्या है? जो उल्टे लटके हुए संसार रूपी वृक्ष के सभी भागों को विस्तारपूर्वक बता देता है वो तत्वदर्शी संत होता है। ये सारी बातें पापा ने पढ़ी, उन भक्तों के अनुभव पढ़ें जिनको परमात्मा ने आध्यात्मिक सुख भी दिया, उनको आर्थिक लाभ भी दिया। उनको शारीरिक सुख, किसी को कैंसर था किसी को पैरालाइसिस था जिसका कोई इलाज नहीं था, वो भी परमात्मा की भक्ति से, मन्त्र जाप से ठीक हो गए। पापा ने सोचा कि एक बार हम भी चलकर देखते हैं, कहते हैं "गुरु बिन गुजारा नहींं" तो एक बार गुरु बनाकर भी देखते हैं फिर पापा-मम्मी वहां गए, 3-4 दिन आश्रम में रुके, ज्ञान सुना और ज्ञान सुनकर नामदान ले लिया।
नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव
संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आने के बाद प्रथम लाभ तो मुझे ये मिला कि मुझे आध्यात्मिक ज्ञान हुआ। कौन परमात्मा है जिसकी हमें भक्ति करनी चाहिए? कौन से परमात्मा के मन्त्र हैं जिसका हमें जाप करना चाहिए। कोई भी लाभ हो इस दुनिया का वो सारे लाभ मात्र परमात्मा की भक्ति से ही मिलते हैं, ये लाभ मुझे हुआ। दूसरा लाभ मेरी पदोन्नति होती रही। पहले मैं सहायक प्रबंधक के रूप में जुड़ी थी फिर मेरी साल भर में ही उप प्रबंधक के रूप में पदोन्नति हुई। मेरी आय में भी बढ़ोतरी हो गयी और 35,000 रुपये हो गए पहले 23,000 रुपये थी। इतनी जबरदस्त बढ़ोतरी हो गयी थी जबकि मेरा प्रदर्शन भी इतना अच्छा नहीं था, सब प्रश्न कर रहे थे कि दीपिका तेरा इतना अच्छा प्रदर्शन भी नहीं है फिर ऐसे कैसे हो गया तो मैंने बोला सब परमात्मा की दया है।
मेरी मम्मी हृदय रोगी थी। उनको नाम लेने से पूर्व 2 बार अटैक आ चुका था। तीसरा अटैक उनको आया तब पापा आश्रम में आये हुए थे जो महीने में सत्संग होता है उसको सुनने के लिए तो मम्मी घर पर अकेली थी। रात को 3 बजे उनको अटैक आया, उस समय उनको लगा कि शायद उनका BP हाई हो रहा है। उनको पता ही नहीं चला कि उनको अटैक आया है। वो बेड पर पड़ी थीं तो उनका शरीर बहुत ज्यादा उछल रहा था, मतलब इतनी ज्यादा हृदय गति थी, उसके बाद मम्मी को 7 बजे तक नींद नहीं आई।
फिर मम्मी ने जहां हम परमात्मा की ज्योति जलाते हैं, वहां पर दंडवत प्रणाम किया कि परमात्मा भक्त जी भी घर पर नहीं हैं, मैं अकेली हूं आप ही देखोगे और कौन देखेगा। दया करो दाता फिर दण्डवत लगाई उसके बाद परमात्मा की दया से मम्मी आधे घण्टे सो गई फिर पापा का फ़ोन आया, उनको बताया तो उसके बाद फिर सांस तेज हो गयी। गुरुजी से अरदास लगाई तो गुरु जी ने कुछ देर रुककर कहा कि बेटा उसने नाम ले रखा हैं अगर नाम नहीं ले रखा होता तो उसकी आयु खत्म थी। ये बात मैं दूसरे प्रमाण से ऐसे बोल सकती हूं कि मेरे नानाजी खुद ज्योतिषी थे तो उन्होंने भी बता दिया था। उनको हस्त रेखाएं देखनी आती थी तो बोले कि सुमित्रा तेरी 48 साल की उम्र है तो उस समय तो मेरी मम्मी मजाक में कह देती थी कि बहुत है। लेकिन मम्मी की 48 की उम्र तक तो हमारी किसी की शादी भी नहीं हुई थी केवल बड़ी बहन ही शादीशुदा थी। हम सेटल नहीं हुए थे, हम बर्बाद ही हो जाते अगर हमारी मम्मी नहींं रहती फिर परमात्मा ने उनको बचाया इतनी दया हुई मालिक की।
हमारे रिश्तेदार हैं जो कि हम से जलते हैं उन्होंने तीन ताप के अंतर्गत जो प्रेत बाधा होती है वह हम पर छुड़वा दी थी हमारे पापा के ऊपर भी और मेरे ऊपर भी। वो जलते थे कि इनकी आर्थिक हालत बिल्कुल खराब कर देनी है, एक पैसा नहींं रहना चाहिए इनके घर पर। तो जो दो बाधाएं आयीं एक मेरे पापा के ऊपर, मम्मी के ऊपर और एक मेरे ऊपर। मेरी बड़ी दीदी की शादी थी, भाई छोटे थे और मैं बैंक में जॉब कर रही थी। तो क्या हुआ कि मेरे पापा को रात भर नींद नहीं आई। उनको जलन- सी हुई और ऐसे दिखा जैसे छत से आग की लपटें सी आ रही हैंं मूठ जिसको बोलते हैं, शास्त्रों में, पुराणों में जो एक प्रकार की प्रेत बाधा है।
तो मेरे पापा को बहुत ज्यादा परेशानी, सर्दियों के मौसम में भी बहुत ज्यादा गर्मी और बुरे-बुरे सपने आते थे और भयानक सी आकृतियां उनको दिखतीं थीं। फिर वो गुरुजी के सत्संग में गए और प्रार्थना की कि गुरुजी ऐसे-ऐसे बात है तो गुरुजी बोले कोई बात नहींं बेटा जो ये करवा रहा है। उसको परमात्मा अपने आप देखेंगे और आप बिल्कुल ठीक हो जाओगे। फिर उस दिन का दिन है और आज का दिन मेरे पापा को कोई समस्या नहींं हुई। फिर मेरे ऊपर अटैक हुआ प्रेत बाधा का। मैं दोपहर को अकेली PG में सो रही थी, मेरी साथ वाली नहीं थी।
जाली वाला दरवाजा बंद था, मेरी आँखें बंद थी लेकिन मेरे को सुनाई दे रहा था कि कोई टक-टक करके अंदर आ रहा था। मेरे साथ वाली अलमारी में जहाँ मैं भगवानों की पूजा करती थी। वहां से उसने माचिस उठाई तो जैसे मुझे ऐसे लगा कि मेरे साथ कुछ गलत होने वाला है तो उस समय मुझे प्रथम मंत्र मिला हुआ था। तो मैंने प्रथम मंत्र का शुरू का जो शब्द है वो ही बोला तब ऐसे आवाज आई कमरे में जैसे कोई जोर-जोर से भाग रहा है और जाली वाला दरवाजा किसी ने धड़ाम से बंद किया हो। उसके बाद भी मुझे थोड़ी-थोड़ी परेशानी आने लगी थी, गन्दे-गन्दे सपने आते थे, ऐसे डर लगता था जैसे मेरे पीछे कोई खड़ा है। कोई है जो आ गया, पर्दे के पीछे से मेरे को कोई देख रहा है, कोई है जो मुझे मार देगा, गला दबा देगा।
फिर मैं सतलोक आश्रम (Satlok Ashram) गयी और गुरुजी से प्रार्थना की कि गुरुजी ऐसे-ऐसे बात है तो उन्होंने बोला कि बेटा आपको परमात्मा ने इतना अच्छा मंत्र दिया हुआ है। आप को डरने की जरूरत ही नहीं है देखना जिसने आपके ऊपर कुछ छुड़वाया है उसका आपके ऊपर कोई असर नहींं होगा। आपको चिंता नहींं करनी। उसके बाद मैं ठीक हो गई और मेरे वो परेशानी नहींं हुई और मेरी शादी भी हो गई और मेरे बेटी भी है डेढ़ साल की। अब मैंने वापस नौकरी भी शुरू कर दी है और मुझे वो परेशानी अब नहीं हुई।
नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
जो कबीर साहेब हैं वो पूर्ण परमात्मा हैं और संत रामपाल जी महाराज जी उन्हीं के अवतार हैं। उन्हीं की दया से हमें सारे लाभ मिले हैं। मेरे प्रथम और आखिरी गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं, वो ही हमें सतलोक लेकर जाएंगे क्योंकि उनके जैसा ज्ञान और किसी के पास नहीं।
संत रामपाल जी महाराज जी आज जेल में हैं तो इसके लिए मैं यह कहना चाहूंगी कि देश की जनता को शायद ये नहीं पता है कि मीडिया ने ये बात नहीं बताई जोकि उनका फर्ज है। संत रामपाल जी महाराज कोर्ट में पेश न होने के कारण आज जेल में बंद नहीं हैं। बल्कि सच्चाई ये है कि 2006 से लेकर अब तक संत रामपाल जी महाराज सैकड़ों बार कोर्ट में पेश हो चुके हैं। वो न्यायपालिका और न्यायप्रणाली का पूरा सम्मान करते हैं और पूरा पालन करते हैं। उसके बावजूद भी मीडिया वाले दिखाते हैं कि संत रामपाल जी महाराज पर देशद्रोह का आरोप लगा है। उन्होंने इतने संगीन जुर्म किये हैं जबकि आज तक ये साबित नहीं हो पाया है कि उन्होंने देशद्रोह किया है या नहीं। ये बस आरोप हैं, इनका अभी तक कोई प्रमाण मिला नहीं हैं।
मैं भारत की जनता को याद दिलाना चाहती हूं कि यह वहीं गुरु हैं जिन्होंने विश्व के सभी धर्म गुरुओं को ज्ञान चर्चा के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन उसके बावजूद कोई भी धर्म गुरु सामने नहीं आया और किसी ने भी ज्ञान चर्चा नहीं की। मैं भक्त समाज से निवेदन करना चाहती हूं कि अगर आपको लगता है कि संत रामपाल जी महाराज गलत हैं। उनके पास कोई ज्ञान नहीं है और उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं वह सही हैं, तो एक बार आप लोगों से प्रार्थना है कि आप अपने धर्म गुरुओं को तैयार करें कि वो संत रामपाल जी महाराज जी के साथ ज्ञान चर्चा करें। उससे क्या होगा कि आपके सामने तस्वीर बिल्कुल साफ होगी और आपको पता चल जाएगा कि कौन संत है और कौन असंत। ज्ञान से ही संत और असंत की पहचान होती है। ऐसे बोलने मात्र से कोई भी संत नहीं बन जाता जिसका वेदों में प्रमाण है।
गीता जी, पवित्र बाईबल, गुरुग्रंथ साहिब और कुरान शरीफ है इन सबमें कौन से परमात्मा हैं जिनकी भक्ति करनी चाहिए, उसकी भक्तिविधि क्या है? कौन है जो उस परमात्मा से मिलवाएगा? इन प्रश्नों के उत्तर केवल और केवल हमारे गुरु संत रामपाल जी महाराज जी के साथ आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में सबूतों के साथ मिलेगा। आज शिक्षित समाज है। आप लोग अपनी धार्मिक पुस्तकों में चेक कर सकते हो। संत रामपाल जी महाराज पब्लिकेशन के साथ बताते हैं, आप उन पुस्तकों को खरीदकर घर ले जा सकते हो और देख सकते हो कि उसमें जो लिखा है वो सच है कि नहीं है। आपको ज्ञान समझ आ जायेगा, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
जो लोग बोलते हैं कि संत रामपाल जी महाराज देवी देवताओं को छुड़वाते हैं तो ऐसा नहीं है। वह आपको बताते हैं कि देवी देवता तो तीनों लोकों का सुख देते हैं। जैसे - रजगुण-ब्रह्मा, सतगुण-विष्णु और तमगुण-शिवजी हैं वो इन तीनों लोकों पृथ्वीलोक, पाताललोक और स्वर्गलोक के प्रभु हैं। जिनके हम आधीन हैं, उनकी पूजा की विधि क्या है, उनके मन्त्र क्या हैं। मात्र एक मूर्ति की पूजा करने से या मंदिर में जाने से देवताओं की प्राप्ति नहीं होती। क्योंकि एक गरीब आदमी भी जाता है, एक अमीर आदमी भी जाता है तो क्यों अमीर आदमी ओर अमीर बनता जाता है और गरीब ओर गरीब होता जाता है? इसके पीछे कारण है। गरीब भगवान के आगे सच्चे दिल से प्रार्थना करता है कि भगवान मेरे बच्चे भूखे हैंं, मुझे कुछ धन दे दो या मुझे ये लाभ करा दो लेकिन ये नहींं होता, तब क्यों नहींं उसकी आस्था कम होती। जबकि अमीर को ओर लाभ होते रहते हैंं। इस चीज का कारण यह कि उसको पता नहींं है कि कौन से मन्त्र हैंं जिनसे देवी-देवता खुश होते हैंं, कौनसे मन्त्र हैंं जिनसे तीनों लोकों के देवता हमें लाभ या सुख देंगे। तो इन सभी मन्त्रों की जानकारी सतगुरु रामपाल जी महाराज जी देते हैं। ऐसा नहीं है कि वह देवी देवताओं को छुड़वाते हैं। वह उनके सही मंत्र बताते हैं जो वेदों में लिखे हुए हैं कि इस विधि से इनकी पूजा करनी है। उस विधि से नहींं जो हम पुराने जमाने से किसी पूर्वज द्वारा शुरू कर दी, किसी साधु ने बता दिया वही करते आ रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए जो वेदों से प्रमाणित है हमें वही करनी हैंं।
मुझे संत रामपाल जी महाराज पर पूरा विश्वास है। वहीं हैं जो पूर्ण परमात्मा हैं और कबीर साहिब के अवतार हैं। वेदों में कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा हैं और उन्हीं के अवतार संत रामपाल जी महाराज हैं। ऐसा नहीं हैं कि जेल में जाने के बाद हमें लाभ नहीं मिले हैं। संत रामपाल जी महाराज के जेल में जाने के बाद भी हमें बहुत सारे लाभ मिले हैं। जैसे कि मेरी गुड़िया है जोकि डेढ़ साल की है, अगर वह बीमार भी हो जाती है तो हमारी आस्था कम नहीं होती। हम कहते हैं कि परमात्मा ये दु:ख/कष्ट आ गया है आप दया करो और चाहे आप विश्वास करो या न करो लेकिन ये सत्य है कि बिना किसी डॉक्टर के आये ही मन्त्र जाप से हमारी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैंं। हमें सारे लाभ इसी सतभक्ति से मिलते हैं।
जब भी संत रामपाल जी महाराज की कोर्ट में पेशी होती है तो हम सारे भगत हिसार जाते हैं, उनके दर्शनों के लिए और मैं आपको बताना चाहूंगी कि ऐसा नहीं है कि जो संत रामपाल जी महाराज जी के भक्त हैं, वह अनपढ़ हैं या भेड़ चाल में चल रहे हैं। मैं जनता को यह बताना चाहूंगी कि समाज में हर तरह के लोग रहते हैं बुजुर्ग भी हैंं, बच्चे भी हैं, माता-पिता भी हैं तो हर तरह की श्रेणी के लोगों ने संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लिया हुआ है और आप देख सकते हो जीता जागता उदाहरण मैं हूं।
बहुत सारे लोग हैं जो बहुत पढ़े लिखे हुए हैं MBA किये हुए हैंं, एसपी, डीएसपी, डॉक्टर सब हैंं। सेना और पुलिस से सेवावृत्त या सेवानिवृत्त सब लोगों ने नाम ले रखा है। परमात्मा की चाह सभी को है। हमारी आत्मा भटक रही है कि जो प्रभु जिसकी हमें जरूरत है, जो इस दुविधा से निकाले। सभी लोग जानते हैंं कि 84 लाख योनियाँ भुगतने के बाद एक मनुष्य जन्म मिलता है तो हम इस योनि में भक्ति सही कर लेंगे तो जैसे नानक साहिब ने बताया है कि सच्चखंड/सतलोक चले जायेंगे। वहां पर कोई जन्म-मृत्यु नहींं होता, कोई बीमारी नहींं होती, किसी प्रकार की कोई बाधा नहींं होती, ये बस मनुष्य जन्म है जिसमें हम भक्ति करके सतलोक पहुंच सकते हैंं।
अगर देश में और दुनिया में डिजिटलाइजेशन हो रहा है तो इसका ये मतलब नहींं हैंं कि भगवान खत्म हो गया है। भगवान है उसका हर ग्रंथ में है। हर धर्म में, हर जाति में कोई किसी को मानता है, कोई किसी को। जो डिजिटलाइज हो गए हैंं, वो भगवान को नहींं मानते हैंं ऐसा नहींं है। कहीं न कहीं जब उनको समस्याएं आती हैंं तो कहीं तो वो जाते हैंं जहाँ उनको जाना होता है।
जो ज्ञान हमारे गुरु जी संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं वह ज्ञान आपको किसी भी धर्म गुरु से नहींं मिलेगा। क्योंकि हमारे गुरुजी किसी एक धर्म ग्रंथ का नहीं बताते हैं, उन्होंने सारे ही धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया है और जो वो बताते हैं वह साबित करके बताते हैं कि इसमें ये चीज़ लिखी हुई है और परमात्मा को पाने का यह तरीका है और परमात्मा साकार है नराकार है। कुछ धर्मगुरु बताते हैं कि वहां सतलोक में प्रकाश ही प्रकाश है वहां कोई गुरु नहीं है, भगवान नहीं है तो वह गलत ज्ञान देते हैं आपको। जबकि परमात्मा ने हमें नर रूप में अपने ही स्वरूप में बनाया है ताकि हम इसी जन्म में भक्ति करके परमात्मा को प्राप्त कर सके। परमात्मा कहते हैं:
"जिव्या तो वाहे भली, जो रटै हरि नाम......"
जीभ जानवरों की भी होती है लेकिन वो परमात्मा का सुमिरन नहींं कर सकते इसलिए मनुष्य जीवन में ही हम परमात्मा की भक्ति करके सतलोक में जा सकते हैंं। जहां कोई दुख नहींं होगा, हम वहीं के रहने वाले हैं, हम यहां गलत फंस गए हैं। मैं आपसे यही बोलूंगी कि सतलोक में परमात्मा निवास करते हैंं और उसकी विधि संत रामपाल जी महाराज जी यहां पर दे रहे हैं।
हम सभी भक्ति इसलिए करते हैं कि हमें किसी प्रकार का आर्थिक, शारीरक, मानसिक कष्ट न हो। इसके साथ ही हम भक्ति इसलिए भी करते हैं, परमात्मा कहते हैंं कि ये सुख तो रुंगे में मिल जाएंगे और सतलोक में ले जाऊंगा। मोक्ष प्राप्त करने के लिए एक सतगुरु होना बहुत जरूरी है जो आपको सतभक्ति बताए, जो आपको इस भवसागर से निकलने का तरीका बताए। हमारे गुरुजी संत रामपाल जी महाराज जी हैं उनसे ऐसे ही मैंने नामदान नहींं ले लिया। मेरे मम्मी-पापा हैं उन्होंने मुझसे एक साल पहले उनसे नामदान लिया था इसके बाद मैंने गुरुजी की सत्संग क्लिप्स अपने फोन में डाली और मैं जब नौकरी कर रही थी तब मैंने वो सुनी और मैंने पूरी छानबीन की।
नानक साहिब ने गुरुग्रंथ साहिब में सतगुरु की पहचान बताई है कि जो अधम सुल्तान को, नानक जी को, दादू जी को, जो ये प्रमाण मैंने बताए हैंं जो ग्रंथो में लिखे हुए हैं, ये वो संत हैं जो सतलोक/सच्चखंड गए हैं और इसी आध्यात्मिक विधि और मन्त्रों के जाप से उनको सतलोक की प्राप्ति हुई है। परमात्मा गुरुजी के रूप में आये हुए हैं वही भक्तिविधि बता रहे हैं अगर भक्त समाज चेत गया है, जाग गया है तो आकर नामदीक्षा लें। अगर आप सच्ची लगन से लगते हो तो परमात्मा आपको लाभ तो देते ही देते हैं इसके साथ ही सतलोक/सच्चखंड/परममुक्ति धाम में लेकर जायेंगे
मेरा समाज को संदेश
मैं भक्त समाज को यही संदेश देना चाहती हूँ कि आपको अगर परमात्मा की चाह है, आप सोचते हो कि कौन है वो भगवान क्योंकि मैंने पहले ही आपको बताया था कि हम पहले माता रानी की पूजा करते थे, लड्डू गोपाल की पूजा करते थे। लेकिन फिर भी हमारे ऊपर बहुत से संकट आ रहे थे, हमें कोई लाभ नहींं मिल रहा था। लेकिन जैसे ही संत रामपाल जी के शरण ग्रहण की, सोचा तो यही था कि इनको भी ट्राई करके देख लेते हैं। लेकिन जब ज्ञान का पता चला और भक्ति से लाभ होने शुरू हुए तब लगा कि हां, यही वो संत हैं जिनसे हमें सारे लाभ मिल सकते हैं हमें परममुक्ति धाम प्राप्त हो सकता है, जैसे नानक साहिब वहां गए हैंं।
"हम सुल्तानी नानक तारे, दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद ना पाया, वो काशी माही कबीर हुआ।।"
जो नानक जी को बेई नदी पर मिले थे वो कबीर साहेब ही थे। हम सरकार से यही प्रार्थना करते हैं कि जो हमारे गुरुजी पर देशद्रोह का केस बनाया गया है उसकी सीबीआई से जांच करवाई जाए। हिंदुस्तान की जनता को यह सोचना चाहिए कि जो बंदा गलत होगा वह बार-बार सीबीआई की जांच के लिए क्यों बोलेगा? जरूर वो सच्चा है इसीलिए वह मांग कर रहा है नहीं तो इतने बड़े-बड़े नेता हैंं जो बड़े-बड़े घोटालों में घिरे रहते हैं, मंत्री हैं वो क्यों CBI जांच से भागते हैंं? अभी तक उनकी फ़ाइल अटकी पड़ी हैं, उनके केस नहींं चल रहे हैं जबकि उनकी जांच होनी चाहिए इतने घोटाले हमारे हिंदुस्तान में हो रहे हैं। मैं ये बोलना चाहूंगी कि CBI जांच होनी चाहिए क्योंकि हम सच्चे हैं।
"साँच को आंच नहींं" हम चाहते हैं कि जनता को जो झूठी तस्वीर मीडिया ने बताई है, गलत बातें जो बताई गई हैं वो सारी सामने आएं कि क्या सच है और क्या झूठ हैंं? अगर आप संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा लेना चाहते हैं तो TV पर जो सत्संग के दौरान नम्बर चलते हैं उन पर आप सम्पर्क कीजिये जिससे कि आपको आपके नजदीकी नामदान सेंटर का पता चल जाएगा और आप नामदान ले सकते हैं और अपना कल्याण करवा सकते हैं।
सारांश
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयायी हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।
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