अमित यादव (Amit Yadav) जी की आपबीती, संत रामपाल जी से नाम उपदेश लेने से जीवन हुआ सुखी

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।


सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।

"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है


1. अमित यादव (Amit Yadav) जी की आपबीती

2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

5. मेरा समाज को संदेश

6. सारांश


अमित यादव (Amit Yadav) की आप बीती

मेरा नाम अमित यादव (Amit Yadav) है और मैं बदरपुर, दिल्ली से हूँ। मैं दवाई आपूर्ति का काम करता हूँ। मैं पहले रामदास जी, दामाखेड़ा वाले संत जी से जुड़ा हुआ था। मैं बहुत नशा करता था, जैसे - गांजा पीना, बीड़ी पीना, दारू पीना, नशे के कैप्सूल /इंजेक्शन लगवाना इत्यादि। मैं पूरे दिन नशा करता रहता था, जिसके कारण घर वाले भी परेशान रहते थे। मैं माता के जागरण में दारू पीकर भजन भी गाया करता था और लड़कीबाजी भी करने लगा था गलत संगत के कारण। वहाँ एक लड़की से मेरी दोस्ती भी हुई थी, जिसने मेरे ऊपर तांत्रिक विद्या कर रखी थी, उसने 7-8 महीने बाद मेरे ऊपर धारा 376 और 506 का केस कर दिया था।

अगले दिन मुझे पुलिस पकड़कर ले गयी और तिहाड़ जेल, दिल्ली में डाल दिया। दामाखेड़ा वालों से मेरा पूरा परिवार जुड़ा हुआ था। एक दिन मेरी छोटी बहन बाजार में फल-सब्जी लेने गयी थी तो भीड़ के कारण एक नहर में गिर गयी। हमने उसे बहुत ढूंढा उस नहर में लेकिन वो 2-3 दिन बाद मिली, लगभग 50 KM आगे जाने पर। उसका पूरा शरीर फूल गया था। दामाखेड़ा वाले गुरुजी से पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया इस पर। मेरे पापा को भी टीबी की बीमारी थी। हमने कई डॉक्टरों और आयुर्वेदों को भी दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।


संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

संत रामपाल जी महाराज से जनवरी 2014 में मैंने नामदीक्षा ली। हुआ ये कि जब मैं तिहाड़ जेल में था तब मेरे माता-पिता साधना चैनल पर संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग देखने लगे थे और फिर नामदीक्षा ले ली थी। जब मैं तिहाड़ जेल में था तो मेरे माता-पिता बहुत परेशान थे। उन्होंने रामदास जी दामाखेड़ा वाले गुरु से प्रार्थना की कि हमारे बेटे के कष्ट दूर करिए लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वकील ने भी बहुत पैसे खाये थे। जब मेरे माता-पिता ने नाम ले लिया था संत रामपाल जी से, उसके 4-5 दिन बाद वो मिलाई पर मुझसे मिलने आये और मुझे बताया कि उन्होंने संत रामपाल जी से नाम ले लिया है।

तब मैं भी पुरानी भक्ति छोड़कर संत रामपाल जी को प्रणाम करने लगा था और अरदास करने लगा था। उसी के चार दिन बाद रात के 8 बजे जब मैं बेरिंग के अंदर था तब पुलिस वालों ने आवाज लगाई अमित यादव के नाम से और बोला कि तेरी बेल हो गयी है और 9 बजे तू बाहर चले जाना। हमारे वकील ने मुझे बताया कि बाइज्जत बरी हुआ है ये मेरे बस की बात नहीं थी ये संत रामपाल जी ने ही किया है। अगले दिन मैं बरवाला गया माता-पिता के साथ और संत रामपाल जी से दीक्षा ले ली।


नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव

मुझे पहला लाभ तो यही हुआ कि केवल प्रणाम और अरदास करने से ही संत रामपाल जी महाराज जी ने मुझे बाइज्जत बरी करवा दिया रैप के केस से। संत रामपाल जी से नामदीक्षा लेने के बाद मेरे सारे नशे छूट गए। एक और लाभ मुझे हुआ कि मेरी शादी को 2 साल हो गए थे लेकिन मेरे बच्चे नहीं हुए थे, हमने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बोला आपको बच्चा नहीं हो सकता क्योंकि आपने बहुत ज्यादा नशा किया है जिससे शुक्राणु खत्म हो गए हैं। लेकिन जब मैंने शादी के 3 साल बाद संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा ली तो मेरे एक लड़का हुआ फिर एक साल बाद परमात्मा की दया से एक लड़की भी हुई।

मेरी मम्मी और हम सबको मेरी छोटी बहन की आत्मा बहुत परेशान करती थी। उससे निजात पाने के लिए हम सारंगपुर में एक तांत्रिक के पास गए तो उसने बोला कि मैंने आत्मा को कैद कर लिया है। हम घर पर आ गए लेकिन 3 दिन बाद ही वो आत्मा वापस आ गयी और फिर से परेशान करने लगी। उस आत्मा से हमे छुटकारा संत रामपाल महाराज जी की शरण ग्रहण करने के बाद मिला। संत रामपाल जी महाराज की दया से आज सभी सुख हमें मिले हैं।


नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

सरकार बहुत से नशा विरोधी अभियान चलाती है लेकिन कोई फायदा नहीं होता। मैं पहले दामाखेड़ा वालों से भी जुड़ा हुआ था लेकिन नशा नहीं छूटा बल्कि और ज्यादा लत लग गयी। लेकिन जब मैंने संत रामपाल जी की शरण में ग्रहण की तो नशा अपने आप छूट गया। मेरे ऊपर केस लगा था, मेरा वकील उसमें कुछ नहीं कर पा रहा था लेकिन मैं संत रामपाल जी को प्रणाम करने पर ही बाइज्जत बरी हो गया। 

हमारे घर पर भूत-प्रेत की बाधा भी संत रामपाल जी महाराज जी ने खत्म कर दी। इन सब बातों को देखते हुए मैं कहना चाहता हूँ कि परमात्मा धरती पर आए हुए हैं और वो संत रामपाल जी महाराज हैं। सबको नामदीक्षा लेकर कल्याण करवाना चाहिए। संत रामपाल जी महाराज ही वर्तमान में शास्त्रों के अनुसार सतभक्ति बता रहे हैं।


समाज को संदेश

मैं सभी भक्त समाज को यही कहना चाहता हूँ कि पूर्ण परमात्मा धरती पर आ चुके हैं। आप संत रामपाल जी महाराज का साधना चैनल पर सत्संग सुनें, ज्ञान समझें और गीता-वेदों से मिलाएं, झूठे गुरुओं के चक्कर में न पड़ें तथा संत रामपाल जी से दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवायें। मैं सभी नशा करने वाले भाइयों और बुजुर्गों से कहना चाहता हूँ कि नशे को त्यागने के लिए संत रामपाल जी की शरण में आ जाईये, नशा अपने आप छूट जाएगा। जिस चैनल पर संत रामपाल जी का सत्संग आता है उसमें नीचे एक पीली पट्टी चलती है, उस पर फ़ोन नम्बर आते हैं, उन पर कॉल करें और अपने नज़दीकी नामदान सेंटर पर जाकर संत रामपाल की से नामदीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं।

सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयायी हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। 

संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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