विजय चावड़ा (Vijay Chavra) जी की आपबीती, संत रामपाल जी से नाम उपदेश लेने से जीवन हुआ सुखी

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।
सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।


सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है


  • विजय चावड़ा (Vijay Chavara) जी की आपबीती
  • संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
  • नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
  • नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
  • मेरा समाज को संदेश
  • सारांश


विजय चावड़ा (Vijay Chavra) की आप बीती

मेरा नाम विजय चावड़ा (Vijay Chavara) है। मैं गांव - सिन्हा, जिला - रतलाम, मध्यप्रदेश से हूँ। हमारे गांव में प्राचीन मंदिर बना हुआ है, वहाँ पर सुंदर कांड करना, भजन कीर्तन करना, बस यही मेरी दिनचर्या थी। बहुत भक्ति करता था लेकिन इस भक्ति का मुझे कोई भी लाभ नहीं हुआ। मुझे चर्म रोग था, बहुत से डॉक्टरों को भी दिखाया लेकिन कोई आराम नहीं हुआ। मैं दवाई लिये बिना रह नहीं सकता था। ये हालात थे और एक बार मेरे बेटे को गिरने की वजह से लकवा लग गया था जिसको डॉक्टर ने बोला था कि अब इसको कोई नहीं बचा सकता, ये ठीक नहीं हो सकता। उसको GBS नाम की बीमारी हो गयी थी तो डॉक्टर ने बोला था कि अब तो भगवान से ही मन से प्रार्थना करो। मैं इतनी भक्ति करता था लेकिन मुझे उसका कोई भी लाभ नहीं मिला।

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

मैं संत रामपाल जी महाराज जी से सन् 2013 में जुड़ा हूँ। मेरे पिताजी संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़े हुए थे। वो साधना चैनल पर संत रामपाल जी महाराज का सत्संग रोज देखते थे। मेरे पिताजी पहले रांझड़ी वाले मधु परमहंस से जुड़े हुए थे। फिर किसी भक्त ने बोला कि TV पर एक संत आते हैं जो शास्त्रों को खोल-खोलकर बताते हैं तो मेरे पिताजी ने लगभग 1 साल तक साधना TV पर संत रामपाल जी का सत्संग देखा। फिर मेरे पिताजी और गांव के कुछ लोगों ने संत रामपाल जी से आश्रम में जाकर दीक्षा ले ली और फिर आकर मुझे भी बोला तो अगली बार जब वो गए तो मुझे भी ले गए और मैंने संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा ले ली।

नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव

मुझे बचपन से ही चर्म रोग था और मेरा नियमित डॉक्टर डॉ. सुभाष था लेकिन जब वो दुनिया छोड़कर चले गए तो फिर अहमदाबाद, वडोदरा में दिखाया। मैं बिना दवाई के रह नहीं सकता था लेकिन फिर संत रामपाल जी महाराज जी से नामदीक्षा लेने के बाद 8-10 दिन में मेरे शरीर पर बने फोड़े-फुंसी बिना दवाई के गायब हो गए। उसके बाद से आज तक मैंने चर्म रोग की दवाई-गोली नहीं खाई।

मेरा बेटा जब 2 साल का था तब उसे GBS नाम की बीमारी हुई। इसके बारे में हमें कुछ पता नहीं था। एक बार वो लैट्रिन करके बाथरूम से आ रहा था तो गिर गया। जब उठाया तो वापस गिर गया फिर उसे आसपास के डॉक्टरों को दिखाया तो वो बोले कुछ नहीं हो जाता है कभी-कभी ऐसा, ठीक हो जाएगा आपका बेटा। लेकिन अगले दिन सुबह 5 बजे तक गर्दन के अलावा सारा नीचे का शरीर ने काम करना बंद कर दिया जैसे कोमा में चला गया हो। फिर हम इसे भागते-भागते इंदौर लेकर गए। वहां पर इसको नोवल हॉस्पिटल में डॉ. सरथ थोरा को दिखाया तो उन्होंने बोला कि इसको GBS है। GBS 30,000 की जनसंख्या में एक को होता है। 

तो उन्होंने बोला कि भगवान से प्रार्थना करो कि उसके हृदय तक वो न पहुँचे नहीं तो इसको बचाना मुश्किल है। पौने 4 बजे इसकी आंखें लाल हो रही थीं, हिल नहीं पा रहा था और रोने की कोशिश करता था तो मैंने डॉक्टर को बताया उन्होंने इसको उल्टा सुलाकर जोर-जोर से पीटा और वेंटीलेटर मशीन में पम्प वगैरह से उसके हृदय में हवा दी लेकिन उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा। डॉक्टर ने नली वगैरह चेंज करके दूसरी लगाई लेकिन उसकी लाइन नहीं आ रही थी मशीन में। डॉक्टर आपस में बातें कर रहे थे तो मैं समझ गया कि बच्चा अब नहीं रहा।

फिर मैंने मामाजी को फ़ोन लगाया और वे भागते हुए आये, तब तक 10-15 मिनट गुजर गए और इसको होश आया, सब मशीनें चलने लगीं, हृदय का धड़कना 300-350 तक हो गया, डॉक्टर सब चौंक गए और सब भागे, सुबह 10 बजे डॉ. सरथ थोरा आये और जो रात वाले डाॅक्टर थे उन्होंने सब बातें उनको बताईं तो उन्होंने बोला कि ये कैसे हो गया? 1 मिनट अगर हृदय धड़कना बंद हो जाये तो वापस हृदय धड़काना बहुत मुश्किल है, ये कैसे हो गया?  मैंने बोला कि ये चमत्कार मेरे गुरुजी सतगुरु रामपाल जी महाराज का है, उन्हीं की वजह से ये बालक आज जिंदा है। मेरे पास सारी रिपोर्ट्स भी हैं, कोई अगर सम्पर्क करना चाहता है तो देख सकता है।


नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

ये मेरा खुद का अनुभव है कि परमात्मा इस धरती पर आए हुए हैं, संत रामपाल जी महाराज जी के रूप में। वो शास्त्रों पर आधारित ज्ञान देते हैं और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के पास ही सही भक्ति विधि है जो शास्त्रों से प्रमाणित है। संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं। 

मेरा समाज को संदेश

मेरा भक्त समाज से हाथ जोड़कर निवेदन है कि इस व्यस्त जिंदगी में से थोड़ा-सा समय निकालकर संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग जो साधना TV पर आता है उसे देखें। परमात्मा धरती पर आए हुए हैं। संत रामपाल जी शास्त्रों पर आधारित ज्ञान देते हैं, आपको ज्ञान ग्रहण करके अपना कल्याण करवाना चाहिए। सरकार से मेरा निवेदन है कि जिस संत के जेल में होने के बावजूद उनके लाखों-करोड़ों शिष्यों को लाभ हो रहा है तो ऐसे संत को जेल में नहीं रखना चाहिए।

सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयायी हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। 

संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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