अमृत कौर आलुवालिया (Amrit kaur Ahluwalia) जी की आपबीती, संत रामपाल जी से नाम उपदेश लेने से जीवन हुआ सुखी

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।





सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।


"सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship" की थीम इस प्रकार है:-

1. अमृत कौर आलुवालिया (Amrit kaur Ahluwalia) जी की आपबीती
2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
5. मेरा समाज को संदेश
6. सारांश


अमृत कौर आलुवालिया (Amrit kaur Ahluwalia) की आप बीती


मेरा नाम अमृत कौर आलुवालिया (Amrit kaur Ahluwalia) है। मैं पूना, महाराष्ट्र की रहने वाली हूँ। मैं सिख परिवार से संबंध रखती हूँ। इसलिए हमारे शास्त्रों में जो लिखा हुआ है वो हम मानते थे और उनके अनुसार ही भक्ति साधना करते थे, लेकिन जो शास्त्रों में लिखा हुआ है वो मेरी समझ में कभी नहीं आया। 

हम राधास्वामी पंथ से जुड़े हुए थे, वहां के सत्संग सुनते थे। उनके द्वारा बताई गयी भक्ति भी हम करते थे लेकिन कोई ज्ञान नहीं था क्योंकि राधास्वामी पंथ के ज्ञान का कोई आधार नहीं था। मैं, वो जो बताते थे सब सुनती थी और करती भी थी लेकिन वो क्या बताना चाहते हैं ये कभी समझ नहीं आया। राधास्वामी पंथ में जुड़े होने के बावजूद भी मेरे पिताजी नशा करते थे।


संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा मैंने 4 जून 2013 को ली। नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा मुझे संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान समझ कर हुई। हुआ यह कि मैं कॉलेज का आखिरी साल कर रही थी। तब मेरे लिए रिश्ता आया था। मेरे पति 13 साल से संत रामपाल जी महाराज से जुड़े हुए थे, तो पहले उन्होंने बताया कि हमें दहेज में कुछ नहीं चाहिए, यह बात सुनकर मेरा पूरा परिवार अचंभित हो गया था क्योंकि अब तक जिंदगी में हमने किसी को नहीं देखा कि लड़के वालों ने दहेज नहीं मांगा हो। उन्होंने दहेज में एक भी पैसा नहीं लिया था तो ये बात हमारे लिए बहुत ही आश्चर्य वाली थी। फिर उन्होंने हमें बताया कि हम संत रामपाल जी के अनुयायी हैं। फिर हमने संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान समझा और 2013 में मैंने भी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले ली।

नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव

हमारी जिंदगी में सबसे बड़ा बदलाव तो यही था कि हमारे घर में मैंने देखा था, मेरी बड़ी बहन की शादी में दहेज में बहुत खर्चा हुआ था और हम कर्ज में डूब गए थे जबकि मेरी शादी में एक पैसा भी दहेज के रूप में नहीं दिया गया था। यह एक बहुत बड़ा सामाजिक बदलाव है दहेज प्रथा उन्मूलन का, जिसके नेतृत्वकर्ता संत रामपाल जी महाराज जी हैं।

और एक बदलाव यह भी हुआ कि नाम दीक्षा लेने के बाद मेरे पिता जी का नशा छूट गया। मेरे पिताजी संत रामपाल जी से नाम लेने से पहले बहुत ज्यादा नशा करते थे लेकिन जब से संत रामपाल जी से नाम लिया है, एक वो दिन है और आज का दिन, उन्होंने एक भी बार नशा नहीं किया है। संत रामपाल जी महाराज ने आज हमारे जीवन में बहुत बदलाव किए हैं


नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

संत रामपाल जी महाराज जी से नाम लेने के बाद मुझे पता चला कि सच्चा मोक्ष मार्ग कौन-सा है, हमारे इस मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य क्या है? यह मुझे संत रामपाल जी की शरण मे आकर पता चला। मैं शिक्षित हूँ और मैंने BCA किया है। मैंने उनके ज्ञान को शास्त्रों से मिलाया और पाया है कि उनका ज्ञान एकदम सही है और पूर्ण मोक्ष उसी ज्ञान और उनके द्वारा बताई हुई सतभक्ति से ही मिल सकता है। मैंने यह स्वयं अनुभव किया है कि संत रामपाल जी महाराज खुद परमात्मा हैं क्योंकि विश्व में और भी बहुत से संत हैं, गुरु हैं, काजी-मुल्ला और पादरी हैं लेकिन संत रामपाल जी जैसा ज्ञान किसी के पास नहीं है, जो मोक्षदायक हो।  

मेरे पिताजी जो बहुत ज्यादा नशा करते थे उनका नशा नामदीक्षा लेते ही छूट गया, जो कहीं नहीं छूट पा रहा था। मेरे पति ने कभी मेरे साथ बुरा बर्ताव या झगड़ा नहीं किया। जबकि आमतौर पर देखा जाता है कि हर घर में किसी न किसी चीज को लेकर पति-पत्नी में लड़ाई-झगड़ा होता रहता है। दहेज जैसी कुप्रथा को संत जी अकेले ही समाप्त करने में लगे थे और आज कितने सारे लोग उनके साथ हो गए इस मुहिम में। यह सब केवल एक सच्चा संत ही कर सकता है और वर्तमान में वह केवल संत रामपाल जी महाराज हैं।

समाज को संदेश

मैं समाज को खासकर नौजवानों को यह बताना चाहती हूँ कि हमारी जिंदगी बहुत छोटी है, इसलिए हमें जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी भक्ति मार्ग पर लग जाना चाहिए। क्योंकि बिना भक्ति के मोक्ष किसी भी मार्ग (धर्म, पंथ) में नहीं है। मैं नौजवानों से यही कहना चाहती हूं कि भक्ति की कोई आयु नहीं होती। आपको जब भी सच्चा ज्ञान मिले जोकि संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान है, उस अवसर को हाथ से मत जाने दो क्योंकि ऐसा अवसर बार-बार नहीं मिलता है। पता नहीं कब क्या हो जाये, कब किसकी कभी भी मौत हो जाये।

"ना जाने काल की कर डारे, किस विध ढल जा पासा वे।

जिनहादे सिर ते मौत खुड़कदी, उन्हानूं केड़ा हासा वे।।"

यह निश्चित है कि हमें मौत आनी ही है तो बिना भक्ति किये जाने से अच्छा है कि भक्ति करके और मोक्ष प्राप्त करके जाएं।

सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयायी हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। 

संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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2 Comments

  1. जी हां बहन का बताया हुआ एक एक बात सत्य है और था और रहेगा क्योंकि परमात्मा के गुण वेदों में लिखे हुए हैं और संत रामपाल जी महाराज पर खरे उतर रहे स्वयं कबीर साहब ही संत रामपाल जी महाराज में हैं और अपने सतलोक वाले वादा को पूरा करने के लिए इस काल भगवान से आत्माओं को मोक्ष देने आए हैं

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