संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं। सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" की थीम इस प्रकार है
- आप बीती ( लोगो की दुख भरी कहानियां)
- प्रेरणा (संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की)
- बदलाव ( नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी)
- अनुभव (नाम लेने से पहले और बाद का)
- समाज को संदेश
- सारांश
प्रेमचंद (Premchand) की आप बीती
मेरा नाम प्रेमचंद (Premchand) है। मैं तहसील अलीगंज, जिला एटा उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। संसार की देखा देखी मैं भी ब्रह्मा, विष्णु और महेश की भक्ति करता था। 1984 से 2010 तक रामलीला का डायरेक्टर भी रहा और सीनियर कलाकार भी था। यह सब करते-करते मुझे नशे की बहुत बुरी लत लग गई। मैं एक नंबर का नशेड़ी इंसान था। इतना नशा करता था कि एक दिन में 5-6 बोतल शराब की पीना, 4-5 बंडल बीड़ी सिगरेट के पीना और 50 से 60 ग्राम तक तम्बाकू प्रतिदिन खाता था। मैं नशे का बहुत ज्यादा आदी हो गया था। चाहकर भी नशा नहीं छोड़ पा रहा था। ब्रह्मा, विष्णु और महेश की भक्ति साधना करते हुए भी मुझे यह बुरी लत लग गई। नशा मुक्ति केंद्र में भी गया लेकिन मेरी नशे की लत नहीं गयी और दिन प्रतिदिन ज्यादा नशा करता गया। हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा मैंने 1 नवंबर 2010 में ली। नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा मुझे ज्ञान गंगा पुस्तक को पढ़कर हुई। 2010 में मुझे ज्ञान गंगा पुस्तक मिली। जब मैंने पुस्तक को पढ़ा और ज्ञान को समझा कि उस पुस्तक में ऐसा क्या ज्ञान बताया गया है जो हम भक्ति, साधना कर रहे हैं, वह पूर्ण परमात्मा नहीं हैं। पूर्ण परमात्मा तो कबीर परमेश्वर है, जिसका हमारे पवित्र शास्त्रों में वर्णन है। तब मैंने पहले वाली शास्त्र विरुद्ध भक्ति साधना छोड़कर शास्त्रों के अनुसार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने के लिए संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश ले लिया।
नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव
संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने के बाद हमारी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। पहले मैं इतना नशेड़ी इंसान था कि चाहते हुए भी नशा नहीं छोड़ पा रहा था लेकिन जिस दिन संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली और संत जी द्वारा बताई गई भक्ति शुरू की उसके बाद नशा करने की बिल्कुल इच्छा नहीं हुई, नशा अपने आप ही छूट गया। यह सबसे बड़ा बदलाव रहा हमारी जिंदगी में, संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद। आज किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है, मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। एक खुशहाल जिंदगी जी रहा हूं संत रामपाल जी महाराज जी की कृपा से।
नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद हमें पता लगा कि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब हैं और आज तक हम जिनकी भक्ति कर रहे थे, ब्रह्मा, विष्णु व महेश उनका तो जन्म और मृत्यु होती है तो कैसे वह हमें लाभ दे सकते हैं? मैं रामायण का डायरेक्टर था और सीनियर कलाकार भी रहा, ज्ञान गंगा पुस्तक को पढ़ने के बाद मुझे पता लगा कि हम जो नाटक कर रहे हैं, वह सही नहीं है, यह हमारी मुक्ति का मार्ग नहीं हो सकता क्योंकि शास्त्रों में ऐसी भक्ति विधि का वर्णन कहीं पर भी नहीं है।
ज्ञान गंगा पुस्तक को पढ़ने के बाद हमें अपने शास्त्रों की सच्चाई पता लगी कि पवित्र शास्त्रों में कौन सी भक्ति विधि बताई गई है जिससे हमारे पापों का नाश होगा और पूर्ण मुक्ति मिलेगी और जिस परमात्मा को प्राप्त करने के लिए हम दर दर भटक रहे हैं, वह परमात्मा कबीर साहेब हैं, जिनकी भक्ति करने से पूर्ण मोक्ष अर्थात् सनातन परमधाम सतलोक को प्राप्त करेंगे।
नशा छोड़ना आम इंसान के बस की बात नहीं है लेकिन संत रामपाल जी महाराज ऐसी भक्ति बताते हैं जिससे नशा करने की इच्छा धीरे-धीरे अपने आप खत्म हो जाती है। सद्भक्ति से ही हम सभी बुराइयों से दूर हो सकते हैं और एक स्वच्छ व सभ्य समाज तैयार कर सकते हैं। यह केवल संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में ही संभव हो सकता है।
मैं समाज के सभी भाई बहनों से यही कहना चाहता हूं कि समाज को साफ स्वच्छ बनाने और दुनिया में होने वाली लूट मार, चोरी डकैती जैसी बुराइयों से बचाने के लिए संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करके सत भक्ति करो जो शास्त्रों पर आधारित है। शास्त्र आधारित भक्ति करने से सभी सुख होते हैं और समाज में व्याप्त बुराइयां ख़त्म होती हैं, मन में पैदा हुए विकार अपने आप ख़त्म हो जाते हैं इसलिए संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेकर और सत् भक्ति करके ही स्वच्छ समाज तैयार हो सकता है।
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के लिए सबसे पहले साधना टीवी पर जो संत जी का सत्संग आता है तो सत्संग के दौरान एक पीली पट्टी आती है, उस पर नम्बर आते हैं, उन पर फोन करके आप अपने नजदीकी नाम दान सेंटर का पता कर वहाँ से नाम दीक्षा ले सकते हैं। नाम लेने के बाद जो सद्भक्ति करेगा तो 100% गारंटी है वो नशा मुक्त हो जाएगा और मोक्ष भी निश्चित है
सारांश
"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयायी हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।
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