सतपाल पांचाल (Satpal Panchal) जी की आपबीती, संत रामपाल जी से नाम उपदेश लेने से जीवन हुआ सुखी

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।

सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।


सतभक्ति से लाभ-Benefits of True Worship की थीम इस प्रकार है


  • सतपाल पांचाल (Satpal Panchal) जी की आपबीती
  • संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा
  • नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव
  • नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव
  • मेरा समाज को संदेश
  • सारांश

सतपाल पांचाल (Satpal Panchal) की आप बीती 


मेरा नाम सतपाल पांचाल (Satpal Panchal) है। मैं दिल्ली कृष्ण विहार का रहने वाला हूँ। पूर्ण परमात्मा की तलाश में मैं 15 साल तक अलग-अलग गुरुओं की शरण में भटकता रहा लेकिन किसी भी गुरु के पास सही ज्ञान न होने की वजह से मुझे परमात्मा कहीं पर भी नहीं मिले। मैंने सुना था कि खेखड़ा में परमात्मा, संत घीसा दास जी को मिले हैं, मुझे भी परमात्मा से मिलना था, उसी तलाश में मैं वहां पर भी गया। लेकिन ज्ञान सही नहीं मिला। उसके बाद मैंने राजेंद्र सिंह महाराज की शरण ली, उनके पास भी परमात्मा का ठीक ज्ञान नहीं था। बाद में आशुतोष जी महाराज, धन धन सतगुरु वाले के पास गया लेकिन मुझे किसी का भी ठीक ज्ञान नहीं लगा।

राधास्वामी पंथ, गुरमीत राम रहीम के पास में गया यह सोच कर कि परमात्मा का सही ज्ञान मिलेगा लेकिन वहां पर भी मुझे संतुष्टि नहीं मिली।  ऐसे करते करते मैंने अपनी जिंदगी के 15 साल सिर्फ परमात्मा की चाह में खो दिये। सही ज्ञान न होने से मुझे परमात्मा की जानकारी कहीं से भी नहीं मिली। इसके साथ ही मुझे नशे की लत भी लग गई थी, मैं बीड़ी बहुत ज्यादा पीता था और मेरी धर्मपत्नी को रसौली थी, उसका मैंने बहुत इलाज करवाया। बहुत से बड़े बड़े अस्पतालों में भी जांच करवाई। सब डॉक्टर्स यही कहते थे कि ऑपरेशन होगा लेकिन मैं गरीब आदमी था, इतने पैसे नहीं थे कि ऑपरेशन करवा सकता। उनकी हालत ऐसी थी कि वह कभी भी बेहोश हो जाती थी। न आध्यात्मिक शांति मिल रही थी न ही परिवार में शांति। चारों तरफ से समस्याओं ने घेर लिया था।



संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा मैंने 14 जून 2010 में ली। संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा मुझे सत्संग सुनकर हुई। एक बार में आशुतोष महाराज के सत्संग में जा रहा था तो रास्ते में संत रामपाल जी महाराज का सत्संग चल रहा था, मैं उनका ज्ञान सुनने के लिए सत्संग में बैठ गया तो संत रामपाल जी महाराज सत्संग में सभी पवित्र धर्मशास्त्रों को खोल कर दिखा रहे थे। संत रामपाल जी महाराज ने जब पवित्र शास्त्रों के बारे में बताया और परमात्मा के विषय में जानकारी दी कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं जिनका प्रमाण हमारे पवित्र सद्ग्रन्थों में हैं।

सभी धर्म शास्त्रों ने यह प्रमाणित कर दिया कि वह पूर्ण परमात्मा, पूर्णब्रह्म, सृष्टि का रचयिता, परवरदिगार, अल्लाहु अकबर, वह साकार है, सशरीर है, उसका नाम कबीर है। संत रामपाल जी महाराज ने धर्म शास्त्रों से यह प्रमाणित करके बताया है कि परमात्मा कबीर साहेब हैं, जब हमें यह ज्ञान मिला और पूर्ण परमात्मा की जानकारी मिली तब हमने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले ली।

नाम दीक्षा लेने के बाद जिंदगी में आए बदलाव

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गयी। सबसे पहला बदलाव तो यह हुआ कि जिस परमात्मा की तलाश में मैं 15 सालों तक अलग-अलग गुरुओं की शरण में भटकता रहा, वह परमात्मा मुझे संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर मिले। नाम दीक्षा लेने के बाद नशा पूरी तरह छूट गया। अब मैं नशे को हाथ तक नहीं लगाता। संत रामपाल जी महाराज की बहुत बड़ी कृपा रही। उसके साथ ही मेरी धर्मपत्नी को जो रसौली थी और सब डॉक्टर्स ने ऑपरेशन करने का बोल रखा था, वह रसौली भी संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिये गये प्रसाद और चरणामृत खाने मात्र से ही ठीक हो गई।

एक चमत्कार परमात्मा ने मेरे साथ में किया जब मैं 20 फीट की ऊंचाई के पेड़ पर कृष्ण विहार के गुरुद्वारे में काम कर रहा था। अचानक वो पेड़ टूट गया और मैं ऊपर से नीचे गिर गया, गिरते ही मेरा पैर टूट गया जिस कारण से मैं काम करने में असमर्थ हो गया। चोट लगने के बाद मैंने परमात्मा को याद किया कि हे परमात्मा! दया करो। मेरे पीछे परिवार कौन देखेगा, कैसे गुजारा होगा? बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज ने ऐसी दया की कि 1 साल तक किसी बात की कोई कमी नहीं रही। सब बातों की मौज कर रखी है। मेरा पैर भी ठीक हो गया, नशा भी छूट गया, धर्म पत्नी की बीमारी भी ठीक हो गई। यह केवल पूर्ण परमात्मा ही कर सकते हैं। 

संत रामपाल जी महाराज जी ने एक दया यह भी की कि मेरा एक 3 मंजिल का मकान है तो मैंने सोचा कि इसमें रिपेयरिंग करवा लूं। मकान की तोड़फोड़ करनी थी, वह की और मकान में कलर सफेदी करवाने की सोची। फिर काम करने वालों के पास गया तो कोई कहता कि 50,000 लेंगे कोई कहता 40,000 लेंगे लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं थे फिर मैंने अपने गुरुदेव संत रामपाल जी महाराज के चरणों में प्रार्थना लगाई क्योंकि परमात्मा बताते हैं कि परमात्मा पैसे बढ़ा देते हैं, काम भी करवा देते हैं, मुकदमें भी फारिक करवा देते हैं, बीमारी भी ठीक कर देते हैं, मुर्दों को भी जीवित कर देते हैं तो परमात्मा हमारे ऊपर इतनी दया नहीं करेंगे कि हमारे मकान में सफेदी हो जाए। तब परमात्मा ने इतनी दया करी कि मेरे पास सिर्फ ₹12000 थे उसमें कारीगर भी आ गया, काम भी हो गया और उसका मेहनताना भी दे दिया और काम बिल्कुल सही तरीके से हो गया। संत रामपाल जी महाराज ने आज सब बातों की मौज कर रखी है।

नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद सबसे पहली बात तो हमें यह पता लगी कि पूर्ण परमात्मा, पूर्ण संत की शरण में आकर ही मिल सकता है। मैं 15 साल तक अलग-अलग गुरुओं की शरण में भटकता रहा लेकिन कोई भी पूर्ण गुरु न होने की वजह से किसी के पास सही जानकारी नहीं मिली। परमात्मा ने कहा है:

जब तक गुरु मिले ना सांचा।
तब तक गुरु कीजै दस पांचा।।

संत रामपाल जी महाराज जी पूर्ण गुरू हैं, जिनके पास परमात्मा की सही जानकारी है और उस परमात्मा को प्राप्त करने की सही भक्ति विधि है। आज वर्तमान में हर कोई धर्मगुरु बन बैठा है लेकिन किसी के पास वास्तविक परमात्मा का ज्ञान नहीं है क्योंकि प्रत्येक युग में सिर्फ एक ही पूर्ण गुरु, पूर्ण संत होता है जिसके पास पूर्ण परमात्मा की जानकारी होती है। वर्तमान में वह पूर्ण संत, संत रामपाल जी महाराज हैं जिनके पास पूर्ण परमात्मा की जानकारी है। वर्तमान में एकमात्र संत रामपाल जी महाराज एक ऐसे संत हैं जो पवित्र सद्ग्रंथों के आधार पर सही ज्ञान, सही भक्ति विधि और उस पूर्ण परमात्मा को प्राप्त करने का तरीका बता रहे हैं और किसी के पास भी सही ज्ञान नहीं है।

समाज को संदेश

मैं समाज के लोगों को यही कहना चाहता हूं कि संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में जाने से सारे दुःख अपने आप खत्म हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुनो, उनकी पुस्तकें पढ़ो। ज्ञान समझो, उनसे नाम दीक्षा लो। नाम दीक्षा लेने के बाद जो संत रामपाल जी महाराज भक्ति विधि बताते हैं, आप मर्यादा में रहकर भक्ति करोगे तो सब सुख अपने आप हो जाएंगे और आपके दुःख कैसे चले जाएंगे आपको पता भी नहीं लगेगा। संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के लिए टीवी चैनल पर संत रामपाल जी महाराज का सत्संग आता है, सत्संग के दौरान एक नीचे पट्टी चलती है, उस पट्टी पर फोन नंबर आते हैं, उन नंबरों पर फोन करके आप अपने नजदीकी नामदान सेंटर का पता करके वहां से सारी जानकारी ले सकते हैं और संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाएं।

सारांश


"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयायी हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। 

संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

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