कुसुमलता (Kusumlata) की आपबीती, संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने के बाद जीवन में आईं खुशियां

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसा नाम जो आध्यात्मिक जगत के सच्चे संत हैं और सबसे बड़ी बात समाज सुधार के लिए प्रयत्नशील समाज सुधारक (Social reformer) हैं। संत रामपाल जी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। साथ ही, उनका ज्ञान अद्वितीय है और सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार सही भक्ति विधि बताते हैं।

सतभक्ति से लाभ प्रोग्राम द्वारा समाज के ऐसे लोगों को सामने लाया गया जो न जाने कितनी समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सद्भक्ति से उनकी सभी समस्याएं खत्म हो गईं और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिली जो आज लाखों लोगों के लिए उदाहरण हैं। तो आज हम आपको एक ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी से परिचित करवाएंगे जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ बल्कि शारीरिक और आर्थिक लाभ भी मिला।


"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" की थीम इस प्रकार है


1. कुसुमलता (Kusumlata) जी की आपबीती

2. संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

3. नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

4. नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

5. मेरा समाज को संदेश

6. सारांश

कुसुमलता (Kusumlata) जी की आपबीती 

मेरा नाम कुसुमलता (Kusumlata) है। मैं मेरठ यूपी की रहने वाली हूं। संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने से पहले हम हिंदू समाज में होती आ रही भक्ति साधना ही करते थे। दुर्गा माता की पूजा करना, शिव की पूजा करना, नवरात्रि रखना, व्रत रखना यह सभी भक्ति किया करते थे। मैं 16-17 साल से भूत-प्रेत की बाधा से ग्रस्त थी। और घर मे भूत प्रेत बाधा सबको ही लगा हुआ था। दो बार मैं बालाजी गई। सालासर भी गयी। जहाँ भी कोई बताते थे वहीं गये लेकिन कहीं से राहत नहीं मिली। हम जय गुरुदेव पंथ से भी जुड़े हुए थे। 16 साल तक हमने जय गुरुदेव पंथ की भक्ति करी जैसे वो बताते थे सुबह-शाम दो-दो घंटे बैठकर भक्ति करते थे। लेकिन इनकी भक्ति से हमें कुछ भी लाभ नहीं मिला।

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने की प्रेरणा

संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश मैंने 17 फरवरी 2012 को लिया। नाम उपदेश लेने की प्रेरणा हमें संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक और उनके सत्संग सुनकर हुई। सन् 2012 में हमें संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "कौन कितने पानी में" मिली और उस समय संत रामपाल जी महाराज जी का टीवी पर सत्संग भी आता था। हमने पुस्तक पढ़ी और संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग भी देखा, जिससे हमें ज्ञान हुआ और फिर हमने 17 फरवरी 2012 को संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लिया।

नाम दीक्षा लेने के बाद कि जिंदगी में आये बदलाव

संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लेने के बाद हमें बहुत सारे लाभ मिले। सबसे पहले लाभ तो मुझे यह मिला कि जो मेरे घर में 16-17 साल से भूत-प्रेत की बाधा थी वह संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बिल्कुल खत्म हो गई। अब मैं और मेरा परिवार बिल्कुल ठीक है। मेरे पति उनको रात में दौरे पड़ते थे लेकिन जब से संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश लिया है वह भी बिल्कुल ठीक है। मेरा एक बेटा है वह कहीं जा रहा था तो रास्ते में उसको चोर मिल गए और उसको बहुत मारा, उसकी बाइक भी चोरी करके ले गए। उसको इतना मारा था कि वह बोल भी नहीं पा रहा था। जब वह घर आया तो फिर हमने उसको संत रामपाल जी महाराज का प्रसाद और अमृत जल दिया। उसके बाद वह बिल्कुल ठीक हो गया और संत रामपाल जी महाराज की दया से 3 दिन बाद ही उसको नई बाइक दिलवा दी। मुझे रसोली थी और शुगर के चलते डॉक्टरों ने मना कर दिया था कि आपका ऑपरेशन नहीं हो सकता। फिर मैंने संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना करी कि हे परमात्मा! डॉक्टर मना कर रहे हैं ऑपरेशन करने को, तो संत रामपाल जी महाराज ने कहा कि बेटा ऑपरेशन करवा लो कुछ भी नहीं होगा। फिर जब मेरा ऑपरेशन हुआ तब संत रामपाल जी महाराज मेरे साथ थे और मुझे कुछ भी नहीं हुआ।

एक बार संत रामपाल जी महाराज जी की पुस्तक सेवा हो रही थी तो हम वहाँ जा रहे थे और हमारी बाइक बहुत स्पीड में थी। एक कुत्ता हमारी बाइक के सामने से चला गया जिससे हमारा एक्सीडेंट हो गया। लेकिन ना तो उस कुत्ते को कुछ हुआ और ना हमें कुछ हुआ। संत रामपाल जी महाराज जी ने हमारी वहां पर भी जान बचाई। उसी दौरान जंगल में हमारे 3-4 हजार रुपए खो गए थे जब हम घर पर आए तब हमें याद आया। तब हमने संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना करी कि हे परमात्मा! आप की शरण में आने के बाद तो सब मिल जाता है हमारा तो नुकसान ओर हो गया। फिर जब दूसरे दिन वहां जाकर देखा तो हमारे पैसे वहीं पर गिरे हुए मिले। बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की दया से आज हम पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मैं और मेरा परिवार आज पूरी तरह से अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

नाम लेने से पहले और बाद का अनुभव

जैसे आज मैं संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद पूरी तरह से सुखी हूं वैसे ही आप भी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद सुखी हो सकते हो। वर्तमान में अगर कहीं पर भी आपके दु:खों का निवारण हो सकता है तो वह केवल संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आकर ही हो सकता है।

मेरा समाज को संदेश

मैं सभी लोगों से यही कहना चाहती हूं कि आप भी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आएं और अपने सभी दु:खों का निवारण करवाएं। जैसे आज मैं सुखी हूं वैसे आप भी सुखी हो सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज से नाम उपदेश देने के लिए वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के बहुत सारे टीवी चैनल पर सत्संग आते हैं, सत्संग के दौरान मोबाइल नंबर दिए जाते हैं। आप उन नंबर पर संपर्क करके अपने नजदीकी नाम दान सेंटर का पता करें और वहां जाकर आप नि:शुल्क नाम दीक्षा ले सकते हैं।

सारांश

"सतभक्ति से लाभ-Benefits by True Worship" प्रोग्राम में बताया गया कि "संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद लोगों को लाभ हो रहे हैं" पूर्णतः सत्य हैं। जिसका आप चाहें तो निरीक्षण भी कर सकते हैं। आज संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हैं और ऐसे लाखों उदाहरण हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद बहुत सारे लाभ मिले हैं। संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई भक्ति से कैंसर, एड्स व अन्य लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। क्योंकि धर्मग्रंथ ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5 और सूक्त 163 मंत्र 1-3 में प्रमाण है कि हर बीमारी का इलाज सतभक्ति से ही संभव है, साथ ही वह परमात्मा अपने साधक की अकाल मृत्यु तक टाल सकता है और उसे 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है तथा उस परमात्मा की सतभक्ति से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। 

संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पवित्र वेद, पवित्र शास्त्रों के अनुसार है और पवित्र गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत के बारे में जिक्र आया है वह तत्वदर्शी संत कोई ओर नहीं संत रामपाल जी महाराज ही हैं। तो देर ना करते हुए आप भी संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग प्राप्त करें और 84 लाख योनियों के जन्म मरण से छुटकारा पाएं।

Post a Comment

0 Comments